कंडोम क्या होता है, कंडोम से क्या होता है

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कंडोम क्या होता है और कंडोम से क्या होता है

कंडोम क्या होता है और कंडोम से क्या होता है, कंडोम कितने प्रकार के होते हैं, कंडोम इस्तेमाल करने के लाभ आदि कंडोम से जुड़े कई प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं, कंडोम से जुड़े कई मिथक और कंडोम से जुड़ी कई जरुरी बातों को यहाँ बताया गया है।

Contents
कंडोम क्या होता है और कंडोम से क्या होता हैकंडोम कितने प्रकार के होते हैं (Types Of Condoms in hindi)रेगुलर या प्लैन कंडोम (Regular Condoms)डॉटेड कंडोम (Dotted Condoms)रिब्ड कॉन्डम (Ribbed condom)थिन कंडोम (Thin Condoms)थिक कंडोम (Thick Condoms)फ्लेवर कंडोम (Flavored Condoms)कंडोम का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?कंडोम इस्तेमाल करने के लाभकंडोम से क्या प्रेग्नेंट हो सकते हैं?क्या दो कॉन्डम लगाना ज्यादा सुरक्षित है?क्या कंडोम को धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है?क्या कंडोम लगाकर सेक्स करने से मजा नहीं आता है ?क्या ओरल और ऐनल सेक्स के लिए कंडोम की जरूरत होती है ?फ्लेवर कंडोम (Flavored Condoms) क्या होता हैकंडोम फ्लेवर क्यों होता हैफ्लेवर्ड कंडोम के साइड इफेक्‍टAuthor ProfileLatest entries

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कंडोम क्या होता है और कंडोम से क्या होता है

कंडोम रबड़ (लेटेक्स या पॉलीयूरेथीन) का बना आवरण होता है जिसे शुक्राणुओं (Sperm) को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकने के लिए तने लिंग के ऊपर पहना जाता है। कंडोम एक बाधा के रूप में कार्य करता है जो पुरुष के वीर्य को महिला की योनि में जाने से रोकता है जिससे महिला को गर्भावस्था में जाने से रोका जाता है।

जिन लोगों को लेटेक्स कंडोम से किसी भी प्रकार की एलर्जी होती है वे लोग पॉलीयूरेथीन से बने कंडोम का उपयोग कर सकते हैं।

कंडोम कितने प्रकार के होते हैं (Types Of Condoms in hindi)

कंडोम कितने प्रकार के होते हैं (Types Of Condoms in hindi)
Image Credit – elixher.com

रेगुलर या प्लैन कंडोम (Regular Condoms)

सामान्य तौर पर बाजार में उपलब्ध कंडोम को रेगुलर या प्लैन कंडोम (Regular Condoms) कहते हैं।

डॉटेड कंडोम (Dotted Condoms)

डॉटेड कंडोम (Dotted Condoms) जैसा कि नाम से ही समझ आता है कि इन कंडोम पर डॉट जैसे बने होते हैं अर्थात छोटे-छोटे दाने से बने होते हैं जिससे फीमेल पार्टनर को और अधिक आनंद प्राप्त होता है। डॉटेड कंडोम, एक्सट्रा डॉटेड कंडोम के नाम से भी बाजार में मिलते हैं जिनपर ज्यादा और बड़े डॉट बने होते हैं।

रिब्ड कॉन्डम (Ribbed condom)

रिब्ड कॉन्डम (Ribbed condom) में धारियां होती हैं, जिनके कारण इस कंडोम में उभार होता है। यह उभरी हुई धारियां या रिज पुरुष के पेनिस और महिला की वजायना में अतिरिक्त घर्षण पैदा कर अतिरिक्त उत्तेजना उत्पन्न करती है जिससे सेक्स करने का आनंद और बढ़ जाता है।

थिन कंडोम (Thin Condoms)

थिन कंडोम (Thin Condoms) काफी पतले होते हैं जोकि कंडोम का एहसास कम करने के लिए बनाये जाते हैं जो लोग चाहते हैं कि कंडोम का प्रोटेक्शन भी मिले और कंडोम का एहसास भी कम हो वो लोग थिन कंडोम (Thin Condoms) का प्रयोग कर सकते हैं।

थिक कंडोम (Thick Condoms)

थिक कंडोम (Thick Condoms) थोड़े मोटे कंडोम होते हैं जिन लोगों को शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) की समस्या होती है वह लोग थिक कंडोम (Thick Condoms) इस्तेमाल करें ऐसा करने से उन्हें उत्तेजना का अनुभव कम होगा और वह जल्दी स्खलित नहीं होंगे।

जानें – शीघ्रपतन की समस्या और आयुर्वेदिक इलाज। 

फ्लेवर कंडोम (Flavored Condoms)

फ्लेवर कंडोम (Flavored Condoms) स्वाद वाले कंडोम होते हैं जिन्हें केवल ओरल सेक्स के लिए बनाया जाता है।


कंडोम का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?

कंडोम का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?

हर कंडोम के पैकेट पर कंडोम को इस्तेमाल करने की जानकारी दी जाती है जिसे पढ़कर आप कंडोम का सही से प्रयोग कर सकते हैं। सदैव अच्छी कंपनी के अच्छी गुणवत्ता वाले कंडोम का ही प्रयोग करें सस्ते कंडोम के प्रयोग से उसके फटने का डर रहता है। साथ ही कंडोम की एक्सपायरी डेट भी अवश्य चेक करें।

  • अच्छे कंपनी के कंडोम के पैकेट को आराम से फटने योग्य बनाया जाता है तो आराम से कंडोम के पैकेट को किनारे से फाड़कर आराम से निकालें। ध्यान रखें की पैकेट फाड़ते समय कंडोम को नुकसान न पहुंचे।
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  • उसके बाद कंडोम के ऊपर निकली हुई टिप को पकड़ें, जिससे उसकी हवा निकल जाये और स्खलन के दौरान निकला वीर्य आसानी से उसमें आ जाये।
  • उसके बाद एक हाथ से इस टिप को पकड़ उत्तेजित लिंग के ऊपर रखें और दूसरे हाथ से इसे निचे की तरफ लिंग के निचले भाग तक खोलते जाएँ।
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  • स्खलन के बाद लिंग के नरम होने से पहले ही कंडोम के सिरे को पकड़ें और सावधानी से रोल करते हुए उतारें।
  • इसके बाद इसके ऊपरी सिरे पर गांठ बांधकर इसे फेंक दें।

कंडोम इस्तेमाल करने के लाभ

कंडोम इस्तेमाल करने का लाभ है कि 87% से 98% तक महिला को गर्भवती होने से रोका जा सकता है। साथ ही यौन संचारित रोगों जैसे एच.आई.वी. (ह्यूमन इम्यूनोडेफिश्येंसी वायरस), एड्स आदि को होने से भी रोका जा सकता है और सुरक्षित सेक्स किया जा सकता है।


कंडोम से क्या प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

कंडोम से क्या प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल 87% से 98% तक गर्भावस्था को रोक सकता है लेकिन यह शत प्रतिशत गर्भावस्था रोकने की गारंटी नहीं देता है। तेल आधारित चिकनाई बेबी ऑयल, वैसलीन से कंडोम फट सकता है जिस कारण गर्भावस्था की स्थिति हो सकती है।

क्या दो कॉन्डम लगाना ज्यादा सुरक्षित है?

एक कंडोम लगाना पूरी तरह से सुरक्षित होता है, उस पर दो कंडोम लगाने से कंडोम के फटने का डर होता है, सेक्स के दौरान कंडोम आपस में रगड़ खाकर फट सकता है जिसके कारण प्रोटेक्शन कम होता है इसलिए दो कॉन्डम लगाना ज्यादा सुरक्षित नहीं है।

जानें सेक्स के दौरान कॉन्डम को फटने से बचाने का तरीका। 

क्या कंडोम को धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है?

कंडोम को धोने से उसका लुब्रिकेशन खत्म हो जाता है जिस कारण कंडोम फटने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए कंडोम को धोकर इस्तेमाल करना सही नहीं है।

क्या कंडोम लगाकर सेक्स करने से मजा नहीं आता है ?

क्या कंडोम लगाकर सेक्स करने से मजा नहीं आता है ?

कई लोगों की शिकायत होती है कि कंडोम लगाकर सेक्स करने में मजा नहीं आता है असल में ऐसा नहीं है कंडोम लगाकर सेक्स करने में भी मजा आता है। साथ ही बाजार में कई प्रकार के कंडोम उपलब्ध हैं जोकि काफी पतले होते हैं जिससे कंडोम का इस्तेमाल करने से मजा कम नहीं होता है। सेक्स टाइमिंग बढ़ाने वाले कंडोम, टाइम बढ़ाने वाले कंडोम भी मार्किट में उपलब्ध हैं जो सेक्स की टाइमिंग को बढ़ाते हैं।

क्या ओरल और ऐनल सेक्स के लिए कंडोम की जरूरत होती है ?

जी हाँ, ओरल सेक्स या ऐनल सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना लाभकारी होता है क्योंकि कई बीमारियां ओरल सेक्स या ऐनल सेक्स करने के दौरान हो सकती हैं इसलिए सुरक्षित सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना सही है।

फ्लेवर कंडोम (Flavored Condoms) क्या होता है

 फ्लेवर कंडोम (Flavored Condoms) क्या होता है

फ्लेवर कंडोम (Flavored Condoms) जैसा की नाम से ही समझ आता है स्वाद वाले कंडोम जोकि चॉकलेट, स्ट्रॉ-बेरी, बनाना, ऑरेंज आदि स्वादों में उपलब्ध हैं। फ्लेवर कंडोम को ओरल सेक्स के लिए बनाया जाता है ताकि फोरप्ले को और ज्यादा रोमांचक बनाया जा सके।

कंडोम फ्लेवर क्यों होता है

सेक्स को और रोमांचक बनाने के लिए कंडोम कंपनियों द्वारा फ्लेवर कंडोम (Flavored Condoms) बाजार में लाये गए हैं ताकि सेक्स का एक अलग अनुभव लोगों को प्राप्त हो सके। ओरल सेक्स के दौरान फीमेल पार्टनर को एक अच्छा अनुभव मिले और किसी भी प्रकार क्व यौन संचारित रोग का खतरा न हो इसलिए फ्लेवर कंडोम का प्रयोग किया जाता है। कॉन्डम पर फ्लेवर्ड कोटिंग लगे होने से लेटेक्स द्वारा बने कंडोम पर मौजूद लेटेक्स की गंध को खत्म हो जाती है जिससे ओरल सेक्स (oral sex) और भी ज्यादा आनंददायक बनता है और लेटेक्स की गंध की वजह से ओरल सेक्स न कर पाने की समस्या खत्म होती है।

फ्लेवर्ड कंडोम के साइड इफेक्‍ट

फ्लेवर्ड कंडोम के साइड इफेक्‍ट – फ्लेवर्ड कंडोम इस्तेमाल करने से पुरुषों को तो किसी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं होती है लेकिन ओरल सेक्स या वैजिनल सेक्स की वजह से महिलाओं की वजाइना में जलन, खुजली, सूजन, ड्रायनेस, लूबरिकेंट न होना या फिर गले में खराश आदि की समस्या हो सकती है। फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग केवल ओरल सेक्स (मुहं के द्वारा सेक्स) के लिए ही होना चाहिए पर क्योंकि भारत में वैजिनल सेक्स के अलावा बाकि तरह के सेक्स को सही नहीं माना जाता है इसलिए कंडोम कम्पनियाँ फ्लेवर्ड कंडोम को भी सामान्य वैजिनल कंडोम की तरह बेचती हैं जो बिलकुल भी सही नहीं है, फ्लेवर्ड कंडोम केवल ओरल सेक्स के लिए होते हैं न कि वैजिनल और ऐनल सेक्स के लिए।

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