काली मूसली के फायदे – Benefits of Kali Musli

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काली मूसली के फायदे - Benefits of Kali Musli

काली मूसली के फायदे ( kali musli ke fayde ) : काली मूसली के फायदे कई होते है। काली मूसली एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग कई रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। काली मूसली एक प्रकार का पौंधा है जिसकी जड़ को मूसली कहा जाता है। काली मूसली में बहुत से आयुर्वेदिक गुण पाए जाते है जो कई शारीरिक बीमारियों को ठीक करने में बेहद मददगार होती है।

काली मूसली की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका इस्तेमाल ठंडे क्षेत्रों में रहने वाले लोग अधिक किया करते है। काली मूसली का वानस्पतिक नाम कुरकिलिगो ऑर्किओइडिस (Curculigo Orchioides) है।

काली मूसली के अन्य भाषाओं में नाम

काली मूसली को हिंदी भाषा में काली मुशली व स्याह मूसली कहा जाता है। इसके अलावा काली मूसली को संस्कृत में तलमूली व मुशली, उड़िया में मूसली, उर्दू में मूसली व तालमूली, कन्नड़ में नेलततीगड्डे, नेलादली व नेलताल, तमिल में निलधनैका व नीलप्पनईक्कीलहंगु, तेलुगु में नेलतातीगड्डालू व नेलताडी, गुजराती में काली मूसली, बंगाली में तालमूली व तालुसा, नेपाली में काली मुसली, पंजाबी स्याह मूसली और मराठी में काली मूसली कहा जाता है।

काली मूसली के फायदे ( Benefits of Kali Musli in hindi )

  • काली मूसली बुखार को ठीक करने में बहुत मददगार होती है, बुखार से छुटकारा पाने के लिए काली मूसली का काढ़ा बनाकर इसका सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। इसके अलावा काली मूसली का इस्तेमाल टाइफाइड और डायबिटीज में होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए किया जा सकता है। काली मूसली में शक्तिवर्धक गुण पाए जाते है जो कमजोरी को दूर करने में मदद करता है।
  • काली मूसली यौन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है, काली मूसली में वाजीकरण का गुण मौजूद होता है जो यौन शक्ति को मजबूत बनाने में मदद करती है। पुरुषों में यौन शक्ति के कमजोर होने का कारण शारीरिक कमजोरी होता है जिसे मूसली के उपचार से दूर किया जा सकता है। यौन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए काली मूसली, गुडूची सत्त्, केवांच बीज, गोक्षुर, सेमल, आंवला, शर्करा को मिलाकर घी और दूध के साथ मिलाकर पिएं ऐसा करने से यौन संबंधी समस्याएं ठीक हो जाएंगी।
  • काली मूसली का इस्तेमाल मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। अधिक मूत्र आना, पेशाब करते समय जलन या दर्द होना इन सभी समस्याओं को ठीक करने के लिए काली मूसली के चूर्ण में समान मात्रा में मिश्री मिलाकर इसे गुनगुने पानी के साथ खाएं ऐसा करने से ये सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
  • काली मूसली का इस्तेमाल पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। पेट में गैस, अपच और पेट फूलने की समस्या को दूर करने के लिए काली मूसली में दालचीनी पाउडर को मिलाकर खाने से इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • काली मूसली कमर में होने वाले दर्द को ठीक करने में बेहद मददगार होती है। कमर में दर्द कई कारणों से हो सकती है जिसे दूर करने के लिए काली मूसली के चूर्ण को तुलसी के पत्तों के रस में मिलाकर खाए। इसके अलावा किडनी से संबंधित बीमारियों के कारण भी कमर में दर्द उत्पन्न होने लगता है जिसे मूसली के सेवन से ठीक किया जा सकता है।

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  • काली मूसली का इस्तेमाल पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने और शुक्राणुओं की क्वालिटी अच्छी करने के लिए किया जा सकता है। पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने की समस्या को दूर करने के लिए नियमित रूप से काली मूसली चूर्ण को दूध के साथ सेवन करने से यह समस्या खत्म हो जाती है।
  • काली मूसली का इस्तेमाल किडनी के दर्द को खत्म करने के लिए किया जा सकता है। किडनी के दर्द को दूर करने के लिए 1 से 2 ग्राम काली मूसली के चूर्ण को तुलसी के पत्तों के रस के साथ मिलाकर इसका सेवन करने से किडनी के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • काली मूसली त्वचा के लिए भी हितकारी होती है, काली मूसली में ऐसे बहुत से गुण पाए जाते है जो त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करते है। त्वचा में कील, मुहांसे, चकत्ते, घमोरियां, झाइयों आदि समस्याओं को दूर करने के लिए काली मूसली पाउडर में दूध और शहद मिलाकर त्वचा पर लगाए ऐसा करने से ये सभी समस्याएं खत्म हो जाती है। इसके अलावा गर्मियों के मौसम में शरीर के किसी भी अंग में खुजली होने पर काली मूसली को पीसकर इसे खुजली वाले भाग में लगाने से खुजली में राहत मिलती है।
  • काली मूसली दमा यानि अस्थमा के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है, दमा की समस्या को दूर करने के लिए काली मूसली की जड़ की छाल को पान के पत्ते में रखकर इसका सेवन करने से दमा में राहत मिलती है। इसके अलावा खांसी को ठीक करने के लिए भी काली मूसली का सेवन करना फायदेमंद होता है। काली मूसली का काढ़ा बनाकर इसका सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है।

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  • काली मूसली का इस्तेमाल कटे या छिले में खून को बहने से रोकना और घावों को भरने के लिए किया जा सकता है। कटे और छिले हुए भाग पर काली मूसली के चूर्ण को लगाने से खून रुक जाता है और घाव भी  जल्द ही भर जाता है। इसके अलावा काली मूसली हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में भी बेहद फायदेमंद होती है। हड्डियों के टूट जाने पर काली मूसली चूर्ण में अलसी का तेल लगाकर हल्के हाथ से मालिश करना लाभदायक होता है।
  • काली मूसली का इस्तेमाल कानों के रोग के लिए भी फायदेमंद होता है, काली मूसली के रस या इसका काढ़ा बनाकर इसे तिल के तेल में पकाए। अब इस तेल को हल्का गुनगुना रह जाने के बाद इसे छानकर कानों में डालने से कानों से संबंधित समस्याएं ठीक हो जाती है। इसके अलावा कान के बहरेपन को दूर करने के लिए भी मूसली का इस्तेमाल किया जा सकता है। बहरेपन को दूर करने के लिए एक ग्राम मूसली चूर्ण और एक ग्राम बाकुली चूर्ण को मिलाकर इसका सेवन करने से बहरेपन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • काली मूसली का इस्तेमाल दस्त की समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है। काली मूसली में ऐसे बहुत से गुण मौजूद होते है जो दस्त की समस्या को ठीक करने में मदद करते है। एक ग्राम काली मूसली का चूर्ण लेकर इसे छाछ के साथ पिएं ऐसा करने से दस्त की समस्या खत्म हो जाती है।

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