बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय ( bawasir ke masse sukhane ka upay ) : बवासीर आज के दौर में एक आम समस्या बन गयी है। लगभग 10 में से 1 आदमी आज बवासीर से ग्रस्त नजर आता है किन्तु एक शर्म और मजाक के डर से ऐसा आदमी डॉक्टर के पास भी नहीं जाता है।
बवासीर क्या होता है / बवासीर क्या है ? या बवासीर क्या बीमारी होती है ?
बवासीर क्या होता है – मेडिकल की भाषा में बात किया जाये तो बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसमें मलद्वार (anus) के अंदर या बाहर पहले तो सूजन आती है फिर मस्से निकल आते हैं। ये मस्से बहुत ही असहज महसूस कराते हैं साथ ही इनमें बहुत खुजली भी लगती है और कभी-कभी इनमें बहुत अधिक दर्द भी होता है। कुछ लोगों को बवासीर की समस्या इतनी अधिक बाढ़ जाती है की मलद्वार से खून तक निकलने लगता है। इस आधार पर बवासीर दो टाइप की होती हैं –
- बादी बवासीर
- खूनी बवासीर
बवासीर क्यों होता है बवासीर होने का कारण
बवासीर को आयुर्वेद में अर्श कहा जाता है, अर्श का अर्थ होता है सुई की तरह चुभने वाला दर्द।। यूँ तो अधिकांश डॉक्टर या वैद्य पेट की कब्ज को बवासीर का मुख्य कारण मानते हैं किन्तु भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ आर एन वर्मा जी के अनुसार बादी और खूनी दोनों ही बवासीर का मुख्य कारण है तनाव / टेंशन। डॉ वर्मा के अनुसार जिन लोगों की प्रवृत्ति ज्यादा टेंशन लेने की और कुछ न कुछ सोचते रहने की होती है उनमें से 90 % लोग दोनों में से किसी न किसी टाइप के बवासीर की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं।
कारण कि जब हम किसी चिंता से घिरे रहते हैं तो हमारे शरीर में कई सारे हार्मोन्स का ठीक से स्राव नहीं हो पाता जिससे शरीर की दैनिक प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं जैसे कि भोजन का ठीक से पाचन नहीं हो पाता है इससे कब्ज आदि की समस्या उत्पन्न होती है जो अंततः परिणामस्वरूप बवासीर में परिवर्तित हो जाती है। इसके अतिरिक्त पाइल्स होने के कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं :-
- अधिक मिर्च और मसालेदार भोजन
- अधिक मांसाहार
- शराब आदि का अधिक सेवन
- मल रोक कर रखना
- पेट सूखने की समस्या
- अधिक सेक्स करना
- कब्ज की समस्या
- महिलाओं को गर्भावस्था में पाईल्स की समस्या बढ़ जाती है।
- ज्यादातर समय खड़े रहकर कार्य करना आदि।
बवासीर का इलाज / बवासीर का इलाज जड़ी बूटी से / बवासीर का इलाज घरेलू
बवासीर का इलाज घरेलू – जब रोगी को बवासीर हो जाती है तो सबसे पहले वो मेडिकल साइंस के एलोपैथिक डॉक्टरों के पास जाता है। ज्यादातर डॉक्टर उसे ऑपरेशन के द्वारा मस्से निकालने का सुझाव देते हैं। जबकि समस्या का मूल कहीं न कहीं आपके मानसिक विकार या आपके खान-पान रहन-सहन की स्थिति होती है। एलोपैथिक डॉक्टर खुद ये नहीं सोचते हैं कि इस समस्या का मूल कारण क्या है ? यदि रोगी के शरीर की प्रवृत्ति मस्से बनाने की है तो ऑपरेशन से कुछ भी असर नहीं होने वाला है क्योंकि कुछ समय के बाद एनस (मलद्वार) पर फिर से नए मस्से निकल आएंगे।
इसलिए हमें बवासीर का इलाज आयुर्वेद, होम्योपैथी या प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) से ही करवानी चाहिए। बवासीर में आयुर्वेद के अनुसार बेल का जूस, त्रिफला जूस, त्रिफला चूर्ण, पैलो हील जूस आदि बहुत फायदेमंद होते हैं।
किन्तु यदि आपको पाइल्स है तो सबसे पहले तो अपने भोजन और पानी के नियमों का पालन शुरू करें। नियमित ध्यान आदि करना शुरू करें ताकि तनाव मुक्त रह सकें उसके बाद ही आयुर्वेद से इस बीमारी को परमानेंट रूप से ठीक किया जा सकता है।
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