गठिया का आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic treatment of Arthritis

7 Min Read
गठिया का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic treatment of Arthritis

गठिया का आयुर्वेदिक उपचार ( Gathiya ka ayurvedic upchar ) : गठिया का आयुर्वेदिक उपचार घरेलू औषधियों से भी किया जा सकता है, आयुर्वेद के अनुसार गठिया रोग वात दोष के कारण होता है जिसके लक्षण जोड़ो में तेज दर्द और सूजन होना है। गठिया रोग को अर्थराइटिस व वातरक्त भी कहा जाता है जो ज्यादातर 30 से 50 वर्ष के आयुवर्ग के स्त्री और पुरुषों में होता है।

गठिया की शुरुआत पैर के अंगूठे में सूजन व दर्द से शुरू होती है और कई बार गठिया रोग के दौरान बुखार भी आ जाता है। आयुर्वेद में गठिया के रोगियों के लिए कई उपचारों को अपनाया जाता है जिससे गठिया के रोगियों को बहुत राहत मिलती है। गठिया का आयुर्वेदिक उपचार की जानकारी आगे दी गयी है –

गठिया रोग होने का कारण

गठिया रोग होने का प्रमुख कारण संतुलित आहार में कमी होना है। संतुलित आहार और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण गठिया रोग की शिकायत होती है इसके अलावा अन्य भी कारण होते है जिसकी वजह से गठिया रोग हो सकता है। गठिया रोग होने के कारण है –

  1. मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome)
  2. पॉलीसिथेमिया (Polycythemia)
  3. मूत्रवर्धक दवाइयों के सेवन से
  4. गुर्दे से जुड़े विकार
  5. मेटाबॉलिज्म के असंतुलन के कारण
  6. रक्त में यूरिक एसिड बढ़ जाने के कारण
  7. पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं
  8. अधिक मात्रा में तला-भुना, मसालेदार भोजन करना
  9. शराब और धूम्रपान करना
  10. मांस, मछली का अधिक सेवन करना
  11. मोटापे के कारण गठिया

गठिया के लक्षण

शरीर में गठिया रोग होने से पहले कुछ लक्षण दिखायी देते है जिनको जानना और समय पर इलाज करना बहुत जरुरी होता है। गठिया के लक्षण निम्नलिखित है –

  1. शरीर के जोड़ो में दर्द
  2. पैर के अंगूठों में लालिमा और दर्द
  3. जोड़ो में दर्द के साथ बुखार
  4. जोड़ो में दर्द, सूजन अकड़न होना
  5. दर्द वाले जोड़ो को हिलाने और कोई भी कार्य करने में तेज दर्द
  6. चलने और उठने-बैठने में परेशानी होना
  7. शरीर में सूजन के कारण मोटापा

गठिया रोग में परहेज

गठिया के रोगियों के लिए आयुर्वेद में कुछ आवश्यक परहेज बताए गए है जिन्हें अपनाकर गठिया से सुरक्षित रहा जा सकता है। गठिया रोग के परहेज कुछ इस प्रकार है –

  • ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचे।
  • ठंडे में बिलकुल भी न रहे।
  • प्रोसेस्ड फ़ूड न खाएं।
  • अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों को अपने खाने में शामिल करने से बचे।
  • रेड मीट और फ्राइड न खाएं।
  • अधिक मीठा खाने से बचे।
  • शराब का सेवन न करें।
  • मक्के के तेल का इस्तेमाल न करें।
  • अधिक नमक खाने से परहेज करें।
  • दूध और दूध से उत्पादों का सेवन न करें।
  • अधिक तले-भुने और मसालेदार भोजन करने से बचे।

गठिया का आयुर्वेदिक उपचार ( ayurvedic treatment of arthritis in hindi )

  • गठिया में लहसुन खाना बहुत लाभकारी होता है, गठिया में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए प्रतिदिन लहसुन की दो से तीन कलियों को गर्म पानी के साथ खाएं। नियमित रूप से लहसुन का सेवन करने से गठिया रोग के जड़ से खत्म होने में मदद मिलती है।
  • गुग्गुल गठिया के उपचार के लिए बहुत अच्छी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में कार्य करता है, गुग्गुल एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है जिसका सेवन करना गठिया के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। गुग्गुल का सेवन करने से यह वात से जुड़े रोग जैसे – गठिया के लक्षणों को तुंरत ठीक करने में कारगर होता है।
  • गठिया का आयुर्वेदिक उपचार में कोट्टमचुकादि तेल बहुत लाभकारी माना जाता है, गठिया से प्रभावित भाग पर कोट्टमचुकादि तेल की मालिश करने से राहत मिलती है। जोड़ो में सुधार और जोड़ो को मजबूती प्रदान करने के लिए कोट्टमचुकादि तेल की मालिश करने से राहत मिलती है।
  • धनिया गठिया के रोगियों के लिए काफी हितकारी साबित होता है, आयुर्वेद में धनिया को कई रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है उनमें से एक है गठिया। गठिया में होने वाली सूजन और दर्द को कम करने के लिए आधा चम्मच धनिया के बीजों को पीसकर एक गिलास गुनगुने पानी में अच्छी तरह मिलाकर पीने से लाभ होता है।
  • गठिया में चेरी का सेवन करने से काफी अच्छे परिणाम दिखायी देते है, गठिया की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए रोजाना एक कप चेरी का सेवन करें। एक शोध में पाया गया है कि चेरी में ऐसे गुण पाए जाते है जो लगभग 35 प्रतिशत गठिया के खतरों से बचा जा सकता है।
  • गठिया से सुरक्षित रहने के लिए हल्दी वाला दूध पीना बहुत हितकारी होता है, गुनगुने दूध में एक से दो चुटकी हल्दी मिलाकर पीने से जोड़ो के दर्द और सूजन में राहत मिलती है। हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण पाए जाते जो गठिया के लक्षणों को तुरंत कम करने में मदद करते है।

जानें कंधे के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार

  • गठिया से पीड़ित रोगियों के लिए अजवाइन लाभकारी होती है, एक गिलास पानी में आधा चम्मच अजवाइन और एक छोटा टुकड़ा अदरक का मिलाकर इसे उबालें। इस पानी को प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से गठिया में राहत मिलती है।
  • कैस्टर आयल के उपयोग से गठिया के रोगियों को फायदा होता है, कैस्टर ऑयल यानी अरंडी के तेल को हल्का गुनगुना करके इससे गठिया से प्रभावित भाग जहाँ दर्द हो रहा हो वहां हल्के हाथों से मालिश करें। अच्छे परिणामों के लिए कैस्टर आयल से प्रतिदिन मालिश करें।
  • गठिया का आयुर्वेदिक उपचार में मेथी का इस्तेमाल किया जा सकता है, एक चम्मच मेथी दाना लेकर इसे एक गिलास पानी में रात को भिगो दें। सुबह उठकर इस पानी को पीएं और बीजों को भी खाएं यह जोड़ो में दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा मेथी, हल्दी और सौंठ को समान मात्रा में मिलाकर इसके पाउडर का सुबह-शाम सेवन करने से भी गठिया रोग से बचा जा सकता है।

Share this Article