15 बाजरे की रोटी खाने के फायदे और नुकसान

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बाजरे की रोटी खाने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of eating millet in hindi)

15 बाजरे की रोटी खाने के फायदे और नुकसान : बाजरे की रोटी खाने के फायदे और नुकसान (bajre ki roti khane ke fayde aur nuksan) बाजरा खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। बाजरा हमारी पाचन शक्ति को ठीक करता है क्योंकि बाजरे में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाये जाते हैं जो हमारी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में काफी सहायक होते हैं। Advantages and disadvantages of eating millet bread in hindi, pros and cons of eating millet in hindi.

बाजरे की रोटी खाने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of eating millet in hindi)

बाजरे की रोटी खाने के फायदे (Benefits of eating millet bread in hindi)

  1. बाजरा खाने का लाभ है कि बाजरा कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखने तथा डायबिटीज (मधुमेह) से बचाव करने में काफी कारगर होता है। बाजरे की रोटियाँ हमें कई बीमारियों से भी बचाती हैं।
  2. बाजरे की रोटी खाने से एनर्जी मिलती है इसीलिए बाजरे को ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। बाजरे में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है इसलिए इसे भी वजन कम करने वाले आहारों की सूची में रखा गया है। बाजरे की रोटी खाकर जल्द भूख नहीं लगती है। जिससे हमें अपने वजन को घटाने या कंट्रोल करने में काफी मदद मिलती है। फाइबर की अत्यधिक मात्रा के कारण यह धीरे धीरे पचता है और यह अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत धीमी दर से ग्लूकोज का उत्सर्जन करता है।
  3. बाजरे की रोटियां खाने से दिल की बीमारियां भी दूर हो जाती हैं क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल रखता है साथ ही साथ बाजरे में मैग्नीशियम, पोटेशियम, प्रोटीन, फाइबर, फास्फोरस और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जिससे यह कई बीमारियों को ठीक करने में काफी मददगार होता है।
  4. बाजरा ग्लूटेन फ्री होता है, ग्लूटेन युक्त खाना खाने से हमारी पाचन क्रिया में दिक्कत आती है। बाजरे की रोटियां खाने से कब्ज से भी छुटकारा मिलता है और पेट सम्बन्धी कई विकार दूर रहते हैं।
  5. बाजरा हमारी किडनी, लिवर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में काफी सहायक होता है।  बाजरे में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कॉर्सेट, सेलेनियम और पैण्टोथेनिक एसिड होता है जो हमारे शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नष्ट करके हमें हृदय रोगों, कैंसर और दूसरी बीमारियों से बचाता है।
  6. कुछ अध्ययन में पाया गया है की जो महिलाएं बाजरे का उपयोग करती हैं उनमें स्तन कैंसर का खतरा कम होता है क्योंकि स्तन कैंसर से बचने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
  7. अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को बाजरे का उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से हमारे शरीर में अस्थमा विकसित नहीं हो पाता है।
  8. रात को अच्छी नींद, तनाव को कम करने के लिए बाजरे का उपयोग करना चाहिये। बाजरे में ट्रिप्टोफैन पाया जाता है जो सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है। सेरोटोनिन तनाव को कम करने में काफी हद तक मदद करता है। सेरोटोनिन केमिकल का काम ब्रेन के सेल के बीच संदेश पहुंचाना होता है।
  9. बाजरे का प्रयोग त्वचा के लचीलेपन और झुर्रियों को कम करने के लिए करना चाहिये। बाजरे में एमिनो एसिड पाया जाता है जो शरीर में कोलेजन के निर्माण करता है जो हमारी त्वचा के ऊतकों की संरचना करता है।
  10. बाजरे में सेलेनियम, विटामिन सी और विटामिन ई होता है जो सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाली क्षति और त्वचा कैंसर से शरीर को बचाता है।
  11. बाजरा प्रोटीन का एक मुख्य स्त्रोत है यह बाल झड़ने रोकता है तथा बालों को मजबूती भी प्रदान करता है। स्वस्थ बालों के लिए प्रोटीन अति आवश्यक होता है जिसका बाजरा एक अच्छा स्रोत है।
  12. बाजरे में फोलिक एसिड, फोलेट और आयरन, तांबा अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में काफी योगदान देती हैं और यह हमारे हीमोग्लोबिन का पर्याप्त स्तर बनाये रखते हैं।
  13. बाजरे में दूध से अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। बाजरे में मैग्नीशियम की भी अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत करने तथा उन्हें स्वस्थ रखने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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बाजरे की रोटी खाने के नुकसान (Disadvantages of eating millet bread in hindi)

  1. बाजरे में गोईट्रोजन पाया जाता है जो हमारे थाइरॉइड हार्मोन को उत्तेजित करते हैं। इसके अधिक सेवन से हमें थायरॉयड का खतरा बन जाता है। गोईट्रोजन एक ऐसा पदार्थ है जिसे खाने से शरीर में कैंसर और हार्मोनल गड़बड़ी होने का खतरा बढ़ जाता है।
  2. बाजरे के अत्यधिक उपयोग से घेंघा (Goiter), तनाव और सोचने की क्षमता में कमी और त्वचा रूखी हो सकती है। घेंघा रोग में गला फूल जाता है। घेंघा रोग शरीर में आयोडीन की कमी के कारण होने वाला रोग है।

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