खट्टे फल के फायदे और नुकसान ( khatte fal k fayde aur nuksan ) : खट्टे फल के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं, खट्टे फल (Citrus Fruits) स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी माने जाते हैं। खट्टे फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जिनके उपयोग से कई प्रकार की बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है। खट्टे फलों में बेहद कम कैलोरी होती है जिससे शरीर के वजन को संतुलित रखने में बहुत आसानी होती है।
खट्टे फल के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Citrus fruits in hindi)
खट्टे फल में मुख्य रूप से सिट्रिक एसिड (Citric acid) की मात्रा पायी जाती है जो एक दुर्बल कार्बनिक अम्ल होता है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में खट्टे फल से होने वाले फायदों एवं उससे होने वाले नुकसान की विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं।
खट्टे फल के नाम-
टमाटर (Tomato), मौसंबी (Sweet Lemon), संतरा (Orange), नींबू (Lemon), कीनू (Tangerine), रंगपुर (Rangpur), बतावीनीम्बू (Blood Orange) आदि।
खट्टे फल में पाए जाने वाले पोषक तत्व-
खट्टे फल में एनर्जी, फाइबर, विटामिन C, पोटैशियम, फोलेट, लाइकोपीन, विटामिन B6, नियासिन, मैग्नीशियम, थियामिन, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, कार्बोहाइड्रेट आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
खट्टे फल के उपयोग का तरीका-
खट्टे फलों का जूस बनाकर, सलाद में डालकर, विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में एवं सीधे तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
खट्टे फल के फायदे (Benefits of Citrus Fruits in hindi)
- खट्टे फलों का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है। खट्टे फलों में मुख्य रूप से विटामिन C की मात्रा पायी जाती है जिससे शरीर में मौजूद श्वेत रक्त कोशिकाओं की कार्यप्रणाली बेहतर रूप से कार्य करती हैं। इसके अलावा, खट्टे फलों में कैरोटीनॉयड (Carotenoid) की मात्रा भी पायी जाती है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है।
- खट्टे फलों का नियमित रूप से सेवन करने से मोटापे की समस्या से छुटकारा मिलता है। खट्टे फल के गूदे एवं छिलके में फ्लेवोनॉयड (Flavonoid) एवं एल्कोनोइड (Alkanoid) जैसे फाइटोकेमिकल पाए जाते हैं जो शरीर के वजन को कम करने का कार्य करते हैं। मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों को खट्टे फलों का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।
- खट्टे फलों के उपयोग से पथरी की समस्या से राहत मिलती है। खट्टे फलों में मूत्रवर्धक (Diuretic) प्रभाव पाए जाते हैं जिससे पथरी से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। एक शोध के अनुसार, खट्टे फलों के अर्क का सेवन करने से मूत्र स्त्राव को बढ़ावा मिलता है जिससे पथरी के खतरों को काफी हद तक कम करने में मदद मिलती है।
- खट्टे फलों का नियमित रूप से सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। खट्टे फलों में फ्लेवोनॉयड्स के साथ-साथ लिमोनोइड्स (Limonoid) एवं कामारिन (coumarin) की मात्रा भी पायी जाती है जिससे स्तन कैंसर, लंग कैंसर, आंत के कैंसर एवं पेट के कैंसर से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा खट्टे फलों के छिलकों में एंटी-ट्यूमर के गुण भी पाए जाते हैं जिससे ट्यूमर के खतरों से बचाव किया जा सकता है।
- खट्टे फलों का सेवन करने से पेट का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। खट्टे फलों में सॉल्युबल फाइबर पाए जाते हैं जिसकी सहायता से पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलती है। खट्टे फलों के इस्तेमाल से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है जिससे पेट संबंधित समस्याओं से बचा जा सकता है।
- खट्टे फलों के उपयोग से मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर रहता है जिससे दिमागी बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। खट्टे फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जिससे दिमाग से जुड़े रोगों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा, खट्टे फलों का सेवन करने से अल्जाइमर के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
- खट्टे फलों का नियमित रूप से सेवन करने से हृदय संबंधी बीमारियों के खतरों से बचा जा सकता है। खट्टे फलों के इस्तेमाल से ब्लड लिपिड, ब्लड ग्लूकोज एवं रक्त वाहिकाओं की कार्यप्रणाली सुचारू रूप से कार्य करती है जिससे हृदय की सेहत पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, खट्टे फलों के छिलकों में मौजूद एथनॉलिक अर्क की मदद से हृदय को होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकता है।
- खट्टे फलों के उपयोग से कमजोर आंखों की समस्या से छुटकारा मिलता है। खट्टे फलों में विटामिन C की अधिक मात्रा पायी जाती है जिससे आंखों को फ्री रेडिकल्स के दुष्प्रभाव से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। इसके अलावा, खट्टे फलों में मौजूद विटामिन C की मदद से आँखों की रौशनी भी बनी रहती है जिससे मोतियाबिंद जैसी समस्या से राहत मिलती है।
- खट्टे फलों का सेवन करने से तनाव एवं अवसाद की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। खट्टे फलों के इस्तेमाल से कोर्टिसोल हार्मोन (Cortisol hormone – तनाव वाले हार्मोन) के स्तर को घटाया जा सकता है जिससे अवसाद की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, खट्टे फल के उपयोग से शरीर में रक्तचाप का स्तर भी नियंत्रित रहता है जिससे दबाव एवं चिंता की समस्या से राहत मिलती है।
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खट्टे फल के नुकसान (Disadvantages of Citrus Fruits in hindi)
- खट्टे फलों का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। दरअसल, संतरे जैसे कुछ फलों में फाइबर की अधिक मात्रा पायी जाती है जिसके कारण दस्त एवं पेट में ऐंठन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- खट्टे फलों का अत्यधिक सेवन करने से किडनी एवं लीवर की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
- त्वचा एवं आंखों पर खट्टे फलों के रस का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए अन्यथा इससे त्वचा एवं आंखों में जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- खट्टे फलों का अधिक मात्रा में सेवन करने से सीने में जलन की समस्या से गुजरना पड़ सकता है। खट्टे फलों के अधिक उपयोग से पेट में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है जिससे कुछ लोगों को सीने में जलन की शिकायत हो सकती है।
- खट्टे फल का उपयोग करने से पूर्व उसकी शुद्धता की जांच करना अत्यंत आवश्यक होता है अन्यथा इससे एलर्जी एवं संक्रमण का खतरा बढ़ भी सकता है।
- कुछ लोगों को खट्टे फल का अधिक मात्रा में सेवन करने से बार-बार छींक आना, खांसी, आंखों से पानी आना एवं गले में खुजली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- एलर्जी की समस्या वाले लोगों को खट्टे फल का उपयोग करने से बचना चाहिए।
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