मैदा खाने के फायदे और नुकसान – फायदे कम नुकसान ज्यादा

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मैदा खाने के फायदे और नुकसान

मैदा खाने के फायदे और नुकसान (maida khane ke fayde aur nuksan) : मैदा खाने के फायदे और नुकसान, फायदे कम है और नुकसान ज्यादा। मैदा को अंग्रेजी में (White flour) कहते हैं। मैदे को परिष्कृत (Finishing) करने के दौरान इसमें मौजूद लगभग सभी पोषक तत्व ख़त्म हो जाते हैं जिसके कारण मैदे की तासीर अम्लीय (Acidic) हो जाती है। मैदे को गेहूं से तैयार किया जाता है। मैदा को गेहूं के बीच में मौजूद सफेद रंग स्टार्च यानी एंडोस्पर्म को पीसकर बनाया जाता है।

मैदा खाने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of eating Maida in hindi)

मैदा बनाने के दौरान गेहूं की बाहरी परत एवं भीतरी कीटाणु परत को निकाल दिया जाता है जिसके कारण इसमें मौजूद लगभग सभी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। मैदा का उपयोग अधिकतर फास्टफूड्स, स्नैक्स, गुलाब-जामुन, बर्फी, नूडल्स, मोमो, केक, बिस्किट्स, नान, भटूरे आदि में किया जाता है। मैदे का नियमित रूप से सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

मैदे का सेवन करने का तरीका –

मैदा का उपयोग फास्ट फूड्स, गुलाब-जामुन, बर्फी, स्नैक्स, मोमो, नान, केक, बिस्किट्स, नूडल्स, भटूरे आदि बनाए जाने में किया जा सकता है।

मैदे में पाए जाने वाले पोषक तत्व –

मैदे में बहुत कम मात्रा में विटामिन्स, जरूरी मिनरल्स, फेनोलिक यौगिक (Phenolic compound), फाइटिक एसिड (Phytic acid), फाइटोएस्ट्रोनिन (Phytoestronin) एवं लिग्नांस (Lignans) जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

मैदा खाने के फायदे (Benefits of eating Maida in hindi)

  • मैदे से बनाये गए खाद्य पदार्थों बेहद स्वादिष्ट एवं लुभावने होते हैं। मैदा का इस्तेमाल अलग-अलग व्यंजन बनाने में किया जाता है। मैदे का उपयोग पिज़्ज़ा, बर्गर, पास्ता आदि जैसे व्यंजनों में किया जाता है। मैदे से बने व्यंजन खाने में बेहद स्वादिष्ट होते हैं।

मैदा खाने के नुकसान (Losses of eating Maida in hindi, Side effects of Maida in hindi)

  • मैदा का अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है। मैदे में डाइट्री फाइबर की मात्रा नहीं होती जिससे पाचन क्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मैदा खाने से कब्ज, अपच एवं पेट में ऐंठन की समस्या से गुजरना पड़ सकता है। ठीक तरह से पाचन न होने के कारण मैदे का कुछ हिस्सा आंतों में चिपक जाता है जो आगे चलकर किसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
  • मैदा खाने से मोटापे की समस्या से गुजरना पड़ सकता है। मैदे में स्टार्च की भारी मात्रा पायी जाती है जिसके कारण शरीर के वजन में वृद्धि होती है। मैदे का सेवन करने से शरीर में फैट बढ़ जाता है जिससे मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों की समस्या और बढ़ जाती है। इसीलिए वजन घटाने की इच्छा रखने बालों को मैदे का सेवन करने चाहिए।
  • मैदे का अधिक सेवन करने से हड्डियां कमजोर होती हैं। मैदा अम्लीय होता है जिसके कारण यह हड्डियों से कैल्शियम को अवशोषित कर सकता है जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसके अलावा अत्यधिक मैदा खाने से मांसपेशियां भी कमजोर हो सकती हैं जिसके कारण अर्थराइटिस (Arthritis) जैसी बीमारी की संभावना बढ़ सकती है।
  • मैदा का सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी होने की संभावना बढ़ सकती है। मैदा में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जिससे रक्त में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ सकता है। अत्यधिक मात्रा में मैदे का सेवन करने वाले व्यक्तियों में मधुमेह का खतरा रहता है। मधुमेह के रोगियों को मैदे के अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए।
  • मैदे का अधिक सेवन करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी ख़राब कोलस्ट्रोल का स्तर बढ़ सकता है जिससे हृदय की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से वजन बढ़ने एवं उच्च रक्तचाप जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
  • मैदे का सेवन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। रिफाइनिंग प्रोसेस के कारण मैदे में मौजूद सभी विटामिन्स, ज़रूरी खनिज एवं पोषक तत्व बेहद कम हो जाते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली की सभी कोशिकाओं को बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है। ऐसे में मैदे का सेवन करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है जिसका प्रतिरक्षा प्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
  • मैदे का अधिक उपयोग करने से एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। मैदे को गेहूं से तैयार किया जाता है। गेहूं की कई प्रकार की किस्में पायी जाती हैं जिनमें से कुछ में ग्लूटेन के मात्रा अधिक होती है जिससे शरीर में एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं के साथ-साथ कई अन्य अनाजों में भी पाया जाता है। मैदे का उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
  • मैदे का अधिक सेवन करने से मुंहासों की समस्या उत्पन्न हो सकती है। एक अध्ययन के अनुसार मैदा कार्बोहायड्रेट युक्त होता है जिससे शरीर में कई बीमारियों एवं संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मैदा ई. कोली (E. Coli) नामक बैक्टीरिया को बढ़ावा दे सकता है जो चेहरे पर मुंहासों का कारण होते हैं।
  • मैदे के अत्यधिक इस्तेमाल से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। एक शोध के अनुसार शरीर में मैदे की मात्रा अधिक हो जाने से हाई ग्लाइसेमिक लोड बढ़ सकता है। इसके कारण शरीर में ग्लूकोज का स्तर भी बढ़ जाता है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कैंसर से बचाव के लिए खानपान एवं जीवनशैली में बदलाव कर लगभग 30-40 प्रतिशत तक कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है इसलिए मैदा का अत्यधिक सेवन करने से बचना चाहिए।

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