चंदन के तेल के फायदे और नुकसान – Sandalwood Oil

9 Min Read
चंदन के तेल के फायदे और नुकसान

चंदन के तेल के फायदे और नुकसान ( chandan ke tel ke fayde or nuksan ) : चन्दन की तरह ही चंदन के तेल के फायदे और नुकसान कई सारे होते हैं। चंदन के तेल को अंग्रेजी में (Sandalwood oil) कहते हैं। प्राचीन काल से ही चंदन के तेल का इस्तेमाल त्वचा एवं सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है। चंदन के तेल को चंदन के पेड़ की लकड़ियों की भाप के आसवन विधि (Steam distillation method) के माध्यम से निकाला जाता है।

चंदन के तेल के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of sandalwood oil in hindi)

चंदन के तेल में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जिससे विभिन्न कई प्रकार की बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है। चंदन के तेल का इस्तेमाल करने से कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

चंदन के तेल के सेवन का तरीका –

चंदन के तेल को नहाने के पानी में डालकर, रूई पर 2-3 बूँद डालकर सूंघकर, त्वचा पर लगाकर, विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में चंदन के तेल की कुछ बूंदे डालकर एवं एक गिलास दूध या पानी में चंदन के तेल की 2-3 बूंद डालकर इसका सेवन किया जा सकता है।

चंदन के तेल में पाए जाने वाले गुण –

चंदन के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक, एस्ट्रिंजेंट, कारमेटिव, कीटाणुनाशक, मूत्रवर्धक, एंटीस्पेज्मोडिक, एंटीफ्लोगिस्टिस्ट आदि जैसे गुण पाए जाते हैं।

चंदन के तेल के फायदे (Benefits of sandalwood oil in hindi)

  • चंदन के तेल का सेवन करने से किडनी के स्वास्थ्य पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। चंदन के तेल को एक मूत्रवर्धक तेल के रूप में भी जाना जाता है जो पेशाब से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में बेहद मददगार होता है। चंदन का तेल किडनी को साफ रखने के लिए जाना जाता है। इस तेल का उपयोग करने से उत्सर्जक तंत्र (Excretory system) में होने वाले दर्द की समस्या को कम किया जा सकता है। चंदन के तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से यूरिन इंफेक्शन के खतरे को भी घटाया जा सकता है।
  • चंदन के तेल के इस्तेमाल से त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है। चंदन के तेल में एंटी-माइक्रोबियल (Antimicrobial), एंटी इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory), एंटीसेप्टिक (Antiseptic) एवं एंटी-प्रोलाइफरेटिव (anti-proliferative) गुण पाए जाते हैं जिससे अंदरूनी एवं बाहरी त्वचा संबंधी संक्रमण आदि जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। रोजाना उचित मात्रा में चंदन के तेल का उपयोग करने से त्वचा सुरक्षित रहती है।
  • चंदन के तेल का सेवन करने से अनिद्रा, तनाव एवं अवसाद की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। चंदन के तेल में सैंटालोल (Santalol) नामक तत्व पाया जाता है जिससे अनिद्रा की समस्या में राहत मिलती है। चंदन का तेल केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधी तनाव को दूर करने का कार्य करता है जिससे नींद न आने की समस्या को दूर किया जा सकता है। रोजाना नियमित रूप से चंदन के तेल से मसाज करने से तनाव एवं चिंता जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।
  • चंदन के तेल के इस्तेमाल से गठिया के दौरान होने वाले जोड़ों में दर्द एवं सूजन की समस्या में जल्द राहत मिलती है। चंदन के तेल में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के प्रभाव से शरीर के दर्द व सूजन को घटाया जा सकता है। चंदन के तेल से दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है जिससे गठिया के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है।
  • चंदन के तेल के उपयोग से बढ़ती उम्र के अनचाहे प्रभावों को रोका जा सकता है। बढ़ती उम्र के साथ त्वचा पर उम्र बढ़ने के लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसे में चंदन के तेल के इस्तेमाल से त्वचा की झुर्रियों एवं बारीक लकीरों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। चंदन के तेल के इस्तेमाल से त्वचा में कसावट आती है जिससे बढ़ती उम्र के प्रभावों को रोकने में बहुत मदद मिलती है।
  • चंदन के तेल का सेवन करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। चंदन का तेल पेट की मांसपेशियों, आंत एवं पेट में गैस जैसी समस्या को दूर रखने में बेहद प्रभावशाली माना जाता है। चंदन के तेल का उपयोग करने से कब्ज, अपच, गैस एवं पेट में ऐंठन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • चंदन के तेल के इस्तेमाल से उच्च रक्तचाप एवं हाइपरटेंशन की समस्या से राहत मिलती है। चंदन के तेल में मौजूद औषधीय गुणों की मदद से शरीर में रक्तचाप का स्तर नियंत्रित रहता है। चंदन के तेल का एक गिलास पानी या दूध के साथ सेवन करने से उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
  • चंदन के तेल के उपयोग से मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, चंदन के तेल में कूलेंट (coolant) नामक तत्व की मात्रा पायी जाती है जो दिमागी स्वास्थ्य के साथ-साथ याददाश्त में भी वृद्धि करने का कार्य करते हैं। चंदन के तेल से मसाज करने पर बच्चों की याददाश्त में सुधार आता है जिससे उन्हें बहुत फायदा मिलता है।
  • चंदन के तेल का उपयोग करने से शरीर की दुर्गंध को दूर करने में आसानी होती है। चंदन के तेल में शक्तिशाली सुगंध रहती है जिसके कारण यह तेल शरीर की दुर्गंध को दूर करने में बेहद प्रभावशाली माना जाता है। चंदन के तेल की कुछ बूंदों को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।
  • चंदन के तेल के इस्तेमाल से कील-मुहांसों की समस्या से छुटकारा मिलता है। चंदन के तेल में त्वचा को ठंडक पहुंचाने वाले गुण पाए जाते हैं जिससे त्वचा की सेहत पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। चंदन के तेल के इस्तेमाल कील-मुंहासे, डार्क सर्कल्स एवं दाग-धब्बों की समस्या से राहत मिलती है। इसके अलावा चंदन के तेल का उपयोग करने से त्वचा मुलायम एवं चमकदार रहती है।
  • चंदन के तेल के उपयोग से बालों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार सिर पर चंदन के तेल लगाने से बालों की जड़ों में जमा डेड स्किन का सफाया होता है जिससे बालों का तेजी से विकास होता है। रोजाना नियमित रूप से चंदन के तेल का इस्तेमाल करने से बालों से जुड़ी अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।

जानें चमेली के तेल के फायदे और नुकसान – Jasmine oil Benefits

चंदन के तेल के नुकसान (Losses of sandalwood oil in hindi)

  • चंदन के तेल का सीधे तौर पर इस्तेमाल करना नुकसानदायक हो सकता है इसलिए खाने के व्यंजनों में बहुत कम मात्रा में चंदन के तेल का प्रयोग करना चाहिए।
  • चंदन के तेल का त्वचा पर अल्प मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसके अत्यधिक इस्तेमाल से त्वचा पर खुजली एवं जलन की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
  • संवेदनशील त्वचा वाले व्यक्तियों को चंदन के तेल का अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • स्तनपान करा रही महिलाओं को चंदन के तेल का अधिक सेवन से कुछ स्वास्थ्य संबंधी नुकसान हो सकते हैं जिससे माँ एवं बच्चा दोनों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
  • एलर्जी की समस्या वाले लोगों को चंदन के तेल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।

जानें ताड़ तेल के फायदे और नुकसान – Palm Oil Benefits

Share this Article