ओरेगेनो के फायदे और नुकसान – Oregano

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ओरेगेनो के फायदे और नुकसान

ओरेगेनो के फायदे और नुकसान ( Oregano ke fayde aur nuksan ) : ओरेगेनो के फायदे और नुकसान कई होते हैं। अजवाइन की हरी पत्तियों को ओरेगेनो (Oregano) के नाम से जाना जाता है। ओरेगेनो एक प्रकार की बारहमासी जड़ी-बूटी है जिसके प्रयोग से कई बीमारियों के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है। ओरेगेनो की तासीर गर्म होती है जिसके कारण इसका उपयोग अधिकतर सर्दियों के दिनों में किया जाता है।

ओरेगेनो के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of oregano in hindi)

ओरेगेनो की खेती मुख्य रूप से मिस्र, अफगानिस्तान, ईरान एवं भारत में की जाती है। भारत में ओरेगेनो का उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है। ओरेगेनो की पत्तियां स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सुगंधित भी होती हैं जिसके उपयोग से खाने के जायके को बढ़ाया जा सकता है।

ओरेगेनो के प्रकार –

ग्रीक ओरेगेनो (विंटर स्वीट), मेक्सिकन ओरेगेनो (मेक्सिकन मार्जोरम) एवं यूरोपीयन ओरेगेनो (वाइल्ड मार्जोरम)

ओरेगेनो में पाए जाने वाले पोषक तत्व –

ओरेगेनो में एनर्जी, फैट, प्रोटीन, फाइबर, शुगर, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जिंक, सोडियम, मैंगनीज, कॉपर, सेलेनियम, विटामिन C, नियासिन, राइबोफ्लेविन, थायमिन, फोलेट, विटामिन B6, विटामिन A, विटामिन E, विटामिन K, सैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

ओरेगेनो के उपयोग का तरीका-

ओरेगेनो का उपयोग ओरेगेनो के पत्तों की चाय बनाकर, मसाले के रूप में, पिज़्ज़ा बनाने में, पास्ता बनाने में, ओरेगेनो का तेल एवं ओरेगेनो की पत्तियों को सूप में डालकर किया जा सकता है। Benefits and side effects of Oregano in hindi.

ओरेगेनो के फायदे (Benefits of Oregano in hindi)

  • ओरेगेनो का सेवन करने से पाचन तंत्र बेहतर रहता है जिससे पेट संबंधी बीमारियों के खतरों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। ओरेगेनो में फाइबर की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो पाचन तंत्र के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। ओरेगेनो का नियमित रूप से सेवन करने से पेट में कब्ज, अपच एवं एसिडिटी जैसी समस्याओं से बचाव करने में आसानी होती है। इसके अलावा, ओरेगेनो के इस्तेमाल से आंतों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
  • ओरेगेनो का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है। दरअसल, ओरेगेनो में थाइमोल (Thymol) एवं रोस्मेरिनिक एसिड (Rosmarinic acid) जैसे यौगिक पाए जाते हैं जो शरीर में एक एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करते हैं। यह एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करते हैं जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के खतरों से दूर रहने में मदद मिलती है।
  • ओरेगेनो के उपयोग हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। ओरेगेनो में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा पायी जाती है जिससे हृदय के स्वास्थ्य में सुधार होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर के बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने का कार्य करता है जिससे हृदय की सेहत पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, ओरेगेनो के नियमित सेवन से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक के खतरों से भी दूर रहा जा सकता है।
  • ओरेगेनो के इस्तेमाल से कमजोर हड्डियों की समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। ओरेगेनो में कैल्शियम, आयरन एवं मैंगनीज के साथ-साथ कई प्रकार के विटामिन्स एवं जरुरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जिससे शरीर की हड्डियों को मजबूती मिलती है। ओरेगेनो में पाए जाने वाले जरुरी खनिज की मदद से हड्डियों से संबंधी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।
  • ओरेगेनो का नियमित रूप से से सेवन करने से शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में बहुत मदद मिलती है जिससे किडनी एवं लीवर संबंधी समस्याओं से बचाव किया जा सकता है। ओरेगेनो में फाइबर एवं कार्बनिक यौगिक पाए जाते हैं जिनकी मदद से शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा ओरेगेनो किडनी एवं लिवर की कार्य प्रणाली को भी सुचारू रूप से चलाने में भी बेहद मददगार माना जाता है जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में तेजी आती है।
  • ओरेगेनो का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में सूजन की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। ओरेगेनो में एंटी-ऑक्सीडेंट एवं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिनकी मदद से शरीर की सूजन को समस्या को घटाया जा सकता है। इसके अलावा ओरेगेनो में कार्वक्रोल (Carvacrol) जैसे यौगिक की भी मात्रा पायी जाती है जिसकी सहायता से शरीर की सूजन को कम करने में आसानी होती है।
  • ओरेगेनो के उपयोग से गठिया जैसी बीमारी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। गठिया की बीमारी में रोगी के हड्डियों के जोड़ों में दर्द एवं सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ओरेगेनो में पाए जाने वाले यौगिक की मदद से जोड़ों में दर्द एवं सूजन की समस्या से राहत मिलती है। इसके अलावा ओरेगेनो के तेल से दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से भी जोड़ों में दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है।
  • ओरेगेनो का नियमित रूप से सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, ओरेगेनो की पत्तियों के अर्क का सेवन करने से इंसुलिन एवं ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है जिससे रक्त में शुगर की मात्रा को कम करने में आसानी होती है। मधुमेह की समस्या से जूझ रहे लोगों को ओरेगेनो के उपयोग से बहुत फायदा मिल सकता है।
  • ओरेगेनो के इस्तेमाल से अनीमिया जैसी समस्या से बचाव करने में मदद मिलती है। शरीर में रक्त की कमी के कारण अनीमिया जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ओरेगेनो में मौजूद आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण में बहुत मददगार माने जाते हैं जिससे शरीर में रक्त की मात्रा में वृद्धि होती है।

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ओरेगेनो के नुकसान (Disadvantages of Oregano in hindi)

  • ओरेगेनो का अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्तस्राव की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ओरेगेनो में रक्त को पतला करने वाले गुण पाए जाते हैं जिसके प्रभाव से माहवारी, सर्जरी एवं चोट लगने के बाद अत्यधिक खून बहने की समस्या से गुजरना पड़ सकता है।
  • ओरेगेनो के अत्यधिक इस्तेमाल से रक्त में शुगर की मात्रा सामान्य से घट सकती है जिससे लो ब्लड शुगर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • ओरेगेनो के अधिक इस्तेमाल से पेट संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। ओरेगेनो में फाइबर की अधिक मात्रा पायी जाती है जिसकी अधिक मात्रा से पेट फूलने एवं दस्त जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।
  • ओरेगेनो के तेल को सीधे तौर पर त्वचा पर लगाने से त्वचा में जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसीलिए ओरेगेनो के तेल को किसी अन्य तेल जैसे नारियल या जैतून के तेल मिलाकर उपयोग करना चाहिए।
  • गर्भवती एवं स्तनपान करा रही महिलाओं को ओरेगेनो के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि ओरेगेनो के इस्तेमाल से गर्भ में पल रहे शिशु एवं नवजात शिशु की सेहत पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • एलर्जी की समस्या वाले लोगों को ओरेगेनो एवं ओरेगेनो से बने उत्पादों का उपयोग करने से पूर्व डॉक्टर का परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।

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Sumit Raghav
Sumit Raghav
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