सफलता का मंत्र – रोचक कहानी

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सफलता का मंत्र - रोचक कहानी

रोचक कहानी मजेदार कहानी हिंदी में “सफलता का मंत्र – रोचक कहानी” रोचक और मजेदार कहानी हिंदी में यहाँ दी गयी है। ज्ञानवर्धक कहानियाँ यहाँ दी जाती हैं आइये आज आपको सफलता का मंत्र नाम से रोचक प्रेरणादायी कहानी, शिक्षादायक कहानी और युवाओं के लिए प्रेरणादायक कहानी बताते हैं।

सफलता का मंत्र – रोचक कहानी

एक समय की बात है एक गांव में एक नर्तक गुरु रहते थे, वर्षों की तपस्या और साधना के बाद वह अपने नृत्य में इतने पारंगत हो गए कि जब भी वह नाचते तब बारिश अवश्य होती थी। धीरे-धीरे यह बात आसपास के गांवों तक भी पहुँच गयी कि एक ऐसे नर्तक गुरु हैं जो नाचते हैं तो वर्षा अवश्य होती है।

यह बात जब आस-पास के गांवों में पहुंची तो अन्य नर्तक जिनके नाचने से कुछ नहीं होता था उनका गांव वालों द्वारा मजाक बनाया जाने लगा। इस अपमान और मजाक से खिन्न होकर कुछ नर्तकों ने आपस में बातचीत की और यह निष्कर्ष निकाला की अवश्य ही वह नर्तक गुरु धूर्त है और वह उसी दिन नाचता है जिस दिन वर्षा होने वाली हो।

तो हम लोग भी ऐसा करते हैं कि जब हमें लगेगा कि वर्षा होने वाली है हम उसी दिन उस नर्तक गुरु और पुरे गांव के सामने यह साबित कर देंगे की हमारे नाचने से भी वर्षा आती है न की सिर्फ नर्तक गुरु के नाचने से ही ऐसा होता है।

ऐसा ही हुआ कुछ ही दिनों में बारिश का मौसम आ गया और बारिश होने के आसार जैसे ही नजर आये अन्य नर्तक साथ में गांव वालों को लेकर नर्तक गुरु के यहाँ पहुंचे और कहा की सिर्फ तुम्हारे नाचने से ही नहीं अपितु हमारे नाचने से भी बारिश आती है और आज हम यह बात सिद्ध कर देंगे।

एक एक करके उन नर्तकों ने नाचना शुरू किया पहला दो घंटे तक नाचा तो दूसरा तीन घंटों तक ऐसे करते करते शाम से सुबह हो गयी लेकिन बारिश न हुई, सुबह सूरज निकला तो मौसम एक दम साफ़ था और बारिश होने के आसार कहीं से कहीं तक नजर नहीं आये।

सभी नर्तक दो तीन घंटे से ज्यादा नहीं नाच सके और थक कर बैठ गए अब उन सभी नर्तकों द्वारा नर्तक गुरु से नाचने के लिए कहा गया। नर्तक गुरु ने नाचना शुरू किया और देखते ही देखते 2 घंटे, 4 घंटे और 6 घंटे से भी ज्यादा हो गया पर नर्तक गुरु ने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे आकाश में बादल उमड़ आये और बारिश होने लगी।

गांव वाले ख़ुशी से झूम उठे और नर्तक गुरु के सम्मान में नारे लगाने लगे। यह देख अन्य नर्तक शर्म से पानी-पानी हो गए और अपनी भूल के लिए क्षमा मांगने लगे। उन्होंने नर्तक गुरु से पूछा कि ऐसी क्या वजह है की आपके नाचने पर बारिश होती है पर हमारे नाचने पर नहीं?

इस पर नर्तक गुरु ने जवाब दिया की जब तुम नाचते हो तब तुम जल्दी थक कर हार मानकर बैठ जाते हो लेकिन जब मैं नाचता हूँ तो बारिश होने तक न तो मैं बैठता हूँ न थकता हूँ और न ही हार मानता हूँ इसलिए बारिश को आना ही पड़ता है क्योंकि मेरा निश्चय अटल है कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक मैं हार नहीं मानूंगा और न ही प्रयास करना छोडूंगा।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक हमें भी हार नहीं माननी चाहिए। जीवन में असफलताएं तो आती रहती हैं लेकिन उनसे हताश या परेशान होकर अगर हम हार मान लेंगे तो कभी जीवन में तरक्की नहीं कर पाएंगे।

इसलिए जब तक सफलता आपके कदम न चूमे तब तक आपको किसी भी कीमत पर हार स्वीकार नहीं करना चाहिए। यही सफलता का मन्त्र है अगर हम असफल होने पर हार मान जायँगे और प्र्रयास करना छोड़ देंगे तो जीवन में कभी सफल नहीं हो पायंगे इसलिए सफलता मिलने तक प्रयास न छोड़ें।

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