गेहूं के भूसा के फायदे और नुकसान – Wheat Bran

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गेहूं के भूसा के फायदे और नुकसान - Wheat Bran

गेहूं के भूसा के फायदे और नुकसान ( gehun ke bhusa ke fayde aur nuksan ) : गेहूं की ही तरह गेहूं के भूसा के फायदे और नुकसान भी कई होते हैं। गेहूं के भूसे को आम भाषा में गेहूं का चोकर भी कहा जाता है। गेहूं का भूसा एक उप-उत्पाद है जिससे गेहूं के प्रसंस्करण के द्वारा प्राप्त किया जाता है। पुराने जमाने में गेहूं के भूसे का उपयोग केवल कृषि पशुओं के आहार के लिए ही किया जाता था। परंतु आज के समय में गेहूं के भूसे में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व के कारण इसका इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा एवं खाद्य सामग्री बनाने में भी किया जाता है।

गेहूं के भूसा के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of wheat straw in hindi)

गेहूं के भूसे में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसकी सहायता से विभिन्न प्रकार की शारीरिक बीमारियों के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है।

गेहूं के भूसे में पाए जाने वाले पोषक तत्व-

गेहूं के भूसे में ऊर्जा, फैट, प्रोटीन, फाइबर, शुगर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, सोडियम, मैंगनीज, जिंक, कॉपर, सेलेनियम, थियामिन, विटामिन C, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, विटामिन A, विटामिन E, विटामिन K, विटामिन B6, सैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

गेहूं के दूसरे प्रकार-

ग्राउंड ब्रान (प्राकृतिक उत्पाद), ढाला एवं दानेदार चोकर। हालांकि इनमें से केवल ग्राउंड ब्रान ही खाने के उपयोग में लाया जाता है।

गेहूं के भूसे के उपयोग का तरीका-

गेहूं के भूसे का दलिया बनाकर, दही के साथ, सूप बनाकर, आटे को छानकर पतला करके केक बनाने में एवं आटे को बिना छाने रोटी बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

गेहूं के भूसा के फायदे (Benefits of Wheat Bran in hindi)

  • गेहूं के भूसे का सेवन करने से हृदय संबंधी बीमारियों के खतरों से बचा जा सकता है। गेहूं के भूसे में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ डाइटरी फाइबर की मात्रा भी पायी जाती है जिसकी मदद से हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके अलावा गेहूं के भूसे में फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) की मात्रा पायी जाती है जिससे शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है और जिससे शरीर को मुक्त कणों के हानिकारक प्रभाव से बचाया जा सकता है।
  • गेहूं के भूसे का नियमित रूप से सेवन करने से कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरे को कम करने में आसानी होती है। गेहूं के भूसे में एंटी-कैंसर के प्रभावों पाए जाते हैं जिसकी मदद से शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोका जा सकता है। इसके अलावा गेहूं के भूसे में मौजूद डाइटरी फाइबर के प्रभाव से स्तन कैंसर की समस्या से बचाव करने में भी बहुत मदद मिलती है।
  • गेहूं के भूसे के इस्तेमाल से पाचन तंत्र बेहतर रहता है जिससे पेट संबंधी विकारों से बचा जा सकता है। गेहूं के भूसे में फाइबर की प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिससे पेट में कब्ज, अपच, एसिडिटी एवं ऐंठन की समस्या से राहत मिलती है। गेहूं का भूसा पेट में मौजूद मल को नर्म करके मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाने का कार्य करते हैं जिससे पेट का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इसके अलावा गेहूं के भूसे का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पेट में दर्द की समस्या से भी राहत मिलती है।
  • गेहूं के भूसे के उपयोग से आंखों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। दरअसल, गेहूं के भूसे में विटामिन A, विटामिन B एवं विटामिन E की भरपूर मात्रा पायी जाती है जिससे आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है। विशेषज्ञों में अनुसार, कमजोर आंखों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए गेहूं का भूसा एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
  • गेहूं के भूसे का सेवन करने से एनीमिया जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है। गेहूं के भूसे में आयरन की भरपूर मात्रा पायी जाती है जिसकी मदद से शरीर में रक्त की मात्रा में वृद्धि होती है। इसके अलावा गेहूं के भूसे में मौजूद आयरन रक्त कोशिकाओं के संश्लेषण में भी मदद करता है जिससे एनीमिया जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने में आसानी होती है।
  • गेहूं के भूसे के इस्तेमाल से त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा पाया जा सकता है। गेहूं के भूसे में जिंक की मात्रा पाई जाती है जिसकी मदद से त्वचा के घाव जल्दी भर जाते हैं। इसके अलावा, गेहूं के भूसे के उपयोग से त्वचा संबंधी संक्रमण की समस्या भी बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।
  • गेहूं के भूसे का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचा जा सकता है। दरअसल, गेहूं का भूसा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करता है जिससे शरीर में वायरल संक्रमण एवं बीमारियों के खतरों को कम करने में आसानी होती है।
  • गेहूं के उपयोग से आंतों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है दरअसल गेहूं का चोकर आंतों को साफ रखता है जिससे आंतों की दीवारों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। इसके अलावा गेहूं के भूसे के इस्तेमाल से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है जिससे आंतों के स्वास्थ्य पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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गेहूं के भूसा के नुकसान (Losses of Wheat Bran in hindi)

  • गेहूं के भूसे का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। गेहूं के भूसे में फाइबर की अधिक मात्रा पायी जाती है जिसके कारण पेट फूलना, पेट में गैस, पेट दर्द एवं पेट में ऐंठन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • एलर्जी की समस्या वाले लोगों को गेहूं के भूसे का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को गेहूं के भूसे का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।

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