करेला खाने के फायदे और नुकसान

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करेला खाने के फायदे और नुकसान

करेला खाने के फायदे और नुकसान : करेला खाने के फायदे और नुकसान (karela khane ke fayde aur nuksan) करेला बेल में लगने वाला एक फल है जिसका उपयोग हम सब्जी, जूस बनाने में करते हैं। करेले की तासीर गर्म होती है, यह स्वाद में काफी कड़वा होता है परन्तु इसके गुणों से हमारे शरीर को काफी फायदा होता है। advantages and disadvantages of Bitter melon in Hindi

करेला खाने के फायदे और नुकसान

करेला खाने के फायदे (karela khane ke benefits in hindi)

  • करेले में काफी कम मात्रा में कैलोरी होती है इसलिए करेला मोटापा कम करने में कारगर होता है, करेले में विटामिन ए और बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो आँखों की रौशनी बढ़ाने में काफी कारगर होता है।
  • करेले के जूस में काला नमक मिलाकर पीने से उल्टी दस्त को ठीक हो जाती है। लकवा या पैरालिसिस में कच्चे करेले का सेवन करना चाहिए जो काफी लाभदायक होता है।
  • करेले में भरपूर मात्रा में फास्फोरस पाया जाता है जोकि कफ, पाचन संबंधी समस्याओं को भी ठीक करता है तथा हमारे भोजन को भी पचाने में काफी मददगार साबित होता है जिससे हमें कब्ज या पेट सम्बन्धी समस्या नहीं होती है और भूख भी खुलकर लगती है।
  • करेले का उबला पानी या करेले का जूस पीने से किडनी की समस्या दूर होती है तथा किडनी से सक्रिय हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं। करेला खाने से हमारे शरीर की ऊर्जा बढ़ती है तथा हमें सुस्त होने से भी बचाती है।
  • अस्थमा, दमा के रोग के लिए करेला काफी लाभप्रद होता है दमा के रोगी को बगैर मसाले वाला करेला खाना चाहिए जो कि काफी लाभप्रद होता है और आसानी से पच जाता है।
  • पेट संबंधित बीमारियों में करेले का जूस पीना चाहिए इससे लिवर भी तंदुरुस्त होता है। करेले के जूस का रोजाना सेवन करने से इसके परिणाम जल्द ही दिखने लगते हैं।
  • करेला कैंसर, लीवर, पीलिया आदि बीमारियों में काफी लाभकारी होता है। करेले की पत्तियों या फल को गर्म पानी में उबालकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और जिससे कई प्रकार की बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
  • मधुमेह के रोगियों के लिए भी करेला काफी लाभदायक है, मधुमेह के रोगियों को एक चौथाई करेले के रस के साथ इतना ही गाजर का भी रस लेना चाहिए तथा उसका सेवन करना चाहिए। करेला खाने या इसके जूस पीने से हमारा खून भी साफ रहता है।
  • खूनी बवासीर में एक चम्मच करेले के रस में एक चम्मच शक़्कर मिलाकर पीने में काफी फायदा मिलता है। हाथ-पैर में जलन, गठिया की समस्या में करेले के तेल की मालिश कर के काफी फायदा मिलता है।
  • हार्ट के रोगियों के लिए करेला एक रामबाण इलाज है करेला हमारे हृदय की धमनियों में हानिकारक वसा को जमने से रोकता है जिससे हमारा रक्त संचार सही तरीके से कार्य करता है और हार्ट अटैक आने का खतरा काफी कम हो जाता है।
  • त्वचा रोग में भी करेले के रस का प्रयोग किया जाता रहा है। करेले को नींबू के रस के साथ त्वचा पर लगाने से त्वचा साफ और मुंहासे खत्म हो जाते हैं।
  • करेले में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी भी पाया जाता है, यह हमें सूर्य की UV किरणों से भी बचाता है। एंटीऑक्सीडेंट झुर्रियों को दूर करने में काफी मदद करता है।
  • करेले में पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो मधुमेह को रोकने में काफी कारगर साबित होता हैं। रक्त शर्करा को कम करने के लिए रोज सुबह खाली पेट करेले का जूस पीना चाहिए, रोज दिन में एक बार करेले से बनी कोई भी खाद्य सामग्री अवश्य खानी चाहिये।
  • करेले में एंटी-इन्टॉक्सिकेशन गुण होता है जो शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर करता है तथा करेला शराब से लीवर में होने वाले नुकसान से भी बचाता है।

करेला खाने के नुकसान (karela khane ke disadvantage in hindi)

  • करेले का अत्यधिक प्रयोग गर्भधारण करने की क्षमता को कर कर देता है। इसलिए गर्भधारण की इच्छा रखने वाली महिलाओं को करेला कम ही खाना चाहिए।
  • गर्भावस्था में करेले का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि करेले के बीजों में मेमारचेरिन तत्व मौजूद होता है जो गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है।
  • करेले के ज्यादा सेवन से आर्टियल फिब्रिलेशन (असामान्य हृदय ताल) की समस्या होती है जो हाइपोग्लाइसेमिक कोमा की समस्या उत्पन्न कर देती है। जब रक्त शर्करा का स्तर घटता है तब ऐसी समस्या उत्पन्न होती है। हार्ट सर्जरी के रोगियों को भी करेले से दूर रहना चाहिये।
  • करेले के अत्यधिक सेवन से लिवर इंफ्लेमेशन भी हो जाता है जिसके कारण लिवर एंजाइम बढ़ने लगते है और धमनियां अकड़ने लगती हैं।
  • प्रेग्नेंट महिलाओं और लो ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित लोगों को करेले का कम ही सेवन करना चाहिए।

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