शुगर में सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान – Water chestnut

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शुगर में सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान

शुगर में सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान : सिंघाड़ा (shingade fruit) एक फल है, जिसका पौधा जलीय स्थानों में पाया जाता है। सिंघाड़े की खेती कीचड़ व पानी वाले स्थान में की जाती है। सिंघाड़ा फल एक कठोर कवच से ढका रहता है, जो अंदर से सफेद रंग का होता है और खाने में हल्का मीठा और कठोर होता है यह एक तिकोने आकार का फल है। सिंघाड़े का वैज्ञानिक नाम ट्रापा नाटांस है। सिंघाड़े को संस्कृत में ‘शृंगाटक’ कहा जाता है।

सिंघाड़े को वॉटर चेस्टनर (Water chestnut) और वॉटर कालट्रॉप भी कहा जाता है। इसका उपयोग लोग ज्यादा उपवास में खाने के लिए करते है। सिंघाड़े को सुखाकर, उसका पाउडर बनाकर इसे आटे के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जिससे रोटी, नमकीन और अन्य प्रकार के व्यंजन बनाये जाते हैं। मुख्य रूप से सिंघाड़े की खेती एशिया और यूरोप में की जाती है। सिंघाड़े का उपयोग खाने के साथ साथ हर्बल औषधि के रूप में भी किया जाता है। सिंघाड़े में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते है। सिंघाड़े में औषधि गुण पाए जाने के कारण, यह कई बीमारियों के लक्षणों को कम कर, बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।

सिंघाड़े में पाए जाने वाले बीज में भी कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है, जो दर्द को कम करने, भूख को बढ़ाने और बुखार को कम करने के साथ शारीरिक कमजोरी को भी दूर करने में सहायक होते है। सिंघाड़े का सेवन हृदय, मधुमेह ,अस्थमा और बवासीर जैसी कई समस्याओं को दूर करने के साथ त्वचा व बालों के लिए भी फायदेमंद होता है।

शुगर में सिंघाड़ा खाने के फायदे –

मधुमेह रोगियों के लिए सिंघाड़ा खाना फायदेमंद होता है। रक्त में मौजूद शुगर का स्तर बढ़ जाने से, मधुमेह की समस्या हो सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए और रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को सामान्य रखने के लिए, सिंघाड़े का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एक शोध के अनुसार सिंघाड़े की अर्क में पॉलीफेनल्स नामक घटक पाया जाता है, जो रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकता है। इसलिए कहा जा सकता है, कि शुगर में सिंघाड़े का सेवन, फायदेमंद हो सकता है।

शुगर में सिंघाड़ा खाने के नुकसान –

सिंघाड़े का अत्यधिक सेवन, शुगर रोगियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। क्योंकि सिंघाड़े में ग्लूकोज की मात्रा पायी जाती है, जिसकी अधिक मात्रा शरीर के रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है। जो मधुमेह (शुगर) रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है।

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