शीतलचीनी के फायदे और नुकसान – Cubeb Berry

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शीतलचीनी के फायदे और नुकसान - Cubeb Berry

शीतलचीनी के फायदे और नुकसान ( sheetal chini ke fayde aur nuksan ) : शीतलचीनी के फायदे और नुकसान कई है। शीतलचीनी (Cubeb Berry) एक प्रकार का आयुर्वेदिक बीज है जिसका उपयोग कई प्रकार की औषधियां बनाने के लिए किया जाता है। शीतलचीनी काली मिर्च के जैसी दिखाई देती है जिसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है।

शीतलचीनी के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Cubeb Berry in hindi)

शीतलचीनी शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती है। शीतलचीनी में मौजूद पोषक तत्व एवं औषधीय गुण कई प्रकार के रोगों से लड़ने में मदद करते है। शीतलचीनी का उपयोग औषधि बनाने के अलावा विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाने के लिए किया जाता है। शीतलचीनी का उपयोग ज्यादातर सर्दियों के मौसम में किया जाता है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।

शीतलचीनी का अन्य भाषाओं में नाम

शीतलचीनी को हिंदी भाषा में शीतलचीनी या कबाबचीनी और अंग्रेजी में कबब कहा जाता है। इसके अलावा शीतलचीनी को संस्कृत में कंकोलं, मराठी में कंकोल, गुजराती में तड़मिरे व चणकबात, बंगाली में कोकला व शीतलचीनी, तेलुगु में टोकामिरियालू व कबाबचीनी, तमिल में वलमिलाकू, कन्नड़ में गंधमेणसु व बालमेणस और मलयालम में चीनीमुलक कहा जाता है।

शीतलचीनी के फायदे (Benefits of Cubeb Berry in hindi)

  • शीतलचीनी बुखार से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। शीतलचीनी में ऐसे गुण मौजूद होते है जो बुखार के दौरान शरीर में होने वाली तेज गर्मी को कम करने में मदद करता है। बुखार में होने वाली समस्याओं को ठीक करने में शीतलचीनी का नियमित रूप से सेवन करें इससे बुखार में होने वाली समस्याएं बहुत कम हो जाती है।
  • शीतलचीनी के सेवन से सिरदर्द की समस्या को ठीक किया जा सकता है। सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए शीतलचीनी का नियमित रूप से सेवन करें। शीतलचीनी का सेवन करने से न केवल सिरदर्द बल्कि  अलावा चक्कर और माइग्रेन जैसी समस्या को ठीक भी ठीक किया जा सकता है।
  • शीतलचीनी का सेवन करने से बवासीर की समस्या को ठीक किया जा सकता है। बवासीर की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दिन में दो बार गर्म पानी के साथ शीतलचीनी के पाउडर का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। शीतलचीनी के सेवन से बवासीर में होने वाले दर्द को भी कम किया जा सकता है।
  • शीतलचीनी के सेवन से प्रजनन क्षमता में वृद्धि की जा सकती है। शीतलचीनी में छोटी इलायची, पीपली एवं वंश लोचन की बराबर मात्रा लेकर इसका चूर्ण बना लें और इसे अच्छी तरह छान लें। छान लेने के बाद इस चूर्ण की लगभग 15 से 20 ग्राम की मात्रा लेकर गर्म दूध के साथ इसका सेवन करें। ऐसा करने से प्रजनन क्षमता को तो बढ़ाया ही जा सकता है साथ में नाईट डिस्चार्ज की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
  • शीतलचीनी का सेवन सर्दी-खांसी की समस्या को ठीक करने में बेहद फायदेमंद होता है। सर्दी एवं खांसी से छुटकारा पाने के लिए रोजाना शीतलचीनी में शहद मिलाकर इसे चाटने से सर्दी-खांसी की समस्या ठीक हो जाती है। इस प्रक्रिया को दिन में लगभग तीन बार करने से सर्दी-खांसी के साथ-साथ बंद नाक की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
  • शीतलचीनी के सेवन से शरीर के विभिन्न भागों होने वाली सूजन को कम किया जा सकता है। सूजन को कम करने के लिए शीतलचीनी का नियमित रूप से सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। शीतलचीनी का सेवन करने से गठिया जैसे रोगों में होने वाली सूजन और दर्द को कम किया जा सकता है। इसके अलावा शीतलचीनी के सेवन से सांसों से आने वाली दुर्गन्ध को भी दूर किया जा सकता है।
  • शीतलचीनी का सेवन मूत्र से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। रोजाना आधा चम्मच शीतलचीनी और आधा चम्मच चीनी का मिश्रण बनाकर दिन में दो बार सुबह और शाम इसका सेवन करें इससे मूत्र संबंधी समस्या ठीक हो जाती है।
  • इसके अलावा शीतलचीनी का सेवन थकान को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। बार-बार थकान की समस्या को दूर करने के लिए पांच फली शीतलचीनी और लौंग, चार नींबू के पत्ते, एक नींबू को साथ मिलाकर इसमें थोड़ा अदरक, दालचीनी पाउडर, थोड़ा जायफल और चीनी डालकर मिला लें। इस मिश्रण को पांच गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक यह आधे से भी कम न हो जाए। थोड़ा गुनगुना हो जाने के बाद इसका सेवन करे थकान की समस्या दूर हो जाएगी।

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शीतलचीनी के नुकसान (Harms of Cubeb Berry in hindi)

  1. शीतलचीनी का आवश्यता से अधिक सेवन करने से यह नुकसानदायक हो सकता है। अधिक मात्रा में शीतलचीनी का सेवन करने से गुर्दे, आंतों और मूत्र से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती है और यह इन भागों में जलन उत्पन्न कर सकता है।
  2. गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शीतलचीनी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इसके अलावा किसी प्रकार की एलर्जी एवं रोग के इलाज के दौरान शीतलचीनी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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