हल्दी के फायदे और नुकसान – Turmeric

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हल्दी के फायदे और नुकसान

हल्दी के फायदे और नुकसान ( haldi ke fayde aur nuksan ) : हल्दी के फायदे और नुकसान बहुत सारे होते हैं। हल्दी (Turmeric) एक प्रकार की जड़ी-बूटी एवं मसाला है, जिसका उपयोग भोजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ भोजन को एक रंग प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है। हल्दी में पाए जाने वाले पोषक तत्व शारीरिक व मानसिक रोगों से लड़ने के लिए सहायक होते है। हल्दी की तासीर गर्म होती है इसीलिए इसका उपयोग सर्दियों में गर्मी प्रदान करने के लिए कई प्रकार के सूप एवं चाय में किया जाता है।

हल्दी के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of turmeric in hindi)

हिन्दू धर्म में हल्दी को बहुत शुद्ध माना जाता है तथा इसका उपयोग विभिन्न पूजा एवं शुभ कार्यों में किया जाता है। पूना, सोनिया, गौतम, रशिम, सुरोमा, रोमा, कृष्णा, गुन्टूर, मेघा, सुगंधन और सीओ उन्नत किस्म की हल्दी हैं। हम अपने पिछले आर्टिकल्स में कच्ची हल्दी के फायदे और नुकसान, हल्दी दूध के फायदे और नुकसान और थायराइड में हल्दी के फायदे के बारे में बता चुके हैं।

हल्दी के अन्य नाम

हल्दी को अंग्रेजी भाषा में टर्मेरिक (Turmeric) कहते हैं। हल्दी को हिंदी में हल्दी व हार्दी, संस्कृत में हरिद्रा, पीता व रंजनी, उर्दू में हलदी, तमिल में मंजल, गुजराती में हलदा, बंगाली में हालुद व पितरस, मराठी में हलद और पंजाबी भाषा में हलदी व हलदर कहा जाता है।

हल्दी में पाए जाने वाले पोषक तत्व

हल्दी में कई तरह के पोषक तत्व जैसे – प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन, सोडियम, कॉपर एवं जिंक पाया जाता है। इसके अलावा हल्दी में विटामिन-सी, विटामिन के, विटामिन ई, विटामिन बी-6 जैसे कई विटामिन्स पाए जाते हैं।

हल्दी की खेती

भारत में हल्दी की सबसे अधिक खेती आंध्र प्रदेश में की जाती है इसके अलावा हल्दी की खेती उत्तराखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल, मेघालय, गुजरात एवं असम आदि राज्यों में की जाती है।

हल्दी के सेवन का तरीका

हल्दी का उपयोग विभिन्न प्रकार के पकवानों (भोजन) में किया जाता है। इसके अलावा हल्दी को दूध में, हल्दी चाय, स्नैक्स, सलाद, सूप और स्मूदी में किया जाता है।

हल्दी के फायदे (Benefits of turmeric in hindi)

  • हल्दी का सेवन जुकाम में भी बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि हल्दी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन सर्दी-जुकाम की समस्या से निजात पाने के लिए किया जाता है। जुकाम को ठीक करने के लिए हल्दी के धुएं को रात में सूंघना फायदेमंद होता है इससे जुकाम को जल्द ही ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा खासी में आराम के लिए हल्दी का सेवन बहुत उपयोगी होता है, हल्दी को भूनकर उसका चूर्ण बना लें और चूर्ण को शहद या घी के साथ मिलकर खाने से खासी को कम किया जा सकता है।
  • हल्दी का उपयोग आँखों से संबंधित विभिन्न रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। 1 ग्राम हल्दी को 25 मिली पानी में मिला लें और उबालकर छान लें उसके बाद ठंडा होने दें। आँखों में इस पानी को बार-बार डालें इससे आँखों में होने वाले दर्द हो कम किया जा सकता है।
  • हल्दी का उपयोग कानों की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जाता है, कान बहना यानि कानों से गाढ़ा तरल पदार्थ निकलना एक बहुत बड़ी समस्या है। हल्दी को पानी में डालकर उबालने के बाद इसे ठंडा होने दें और कानों में डाले इससे कान बहने की समस्या कम हो जाएगी जिससे कानों की सुनने की क्षमता में भी वृद्धि होगी।
  • हल्दी का उपयोग सिर में होने वाली फुंसियों से आराम दिलाने के लिए भी किया जाता है। वर्तमान में गर्मियों के मौसम में सिर में फुंसियां निकलना एक सामान्य समस्या बन गई है जिसकी वजह से सर में तेज खुजली, जलन एवं दर्द होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए हल्दी में दारुहरिद्रा, भूनिम्ब, त्रिफला, नीमचंदन को पीसकर इनके मिश्रण की सिर में रोजाना मालिश करने से फुंसियों की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • हल्दी का उपयोग पायरिया व दांतों से संबंधी अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। सरसों के तेल में हल्दी पाउडर मिलाकर सुबह शाम मसूड़ों में लगाकर गरम पानी से कुल्ला करने से पायरिया एवं मसूड़ों के विभिन्न रोगों को दूर किया जा सकता है।
  • हल्दी पेट दर्द में भी फायदेमंद होती है 10 ग्राम हल्दी को 250 मिली पानी में उबालकर इस मिश्रण को गुड़ के साथ मिलाकर समय-समय पर खाए इससे पेट दर्द जल्द ही ठीक हो जाएगा। इसके अलावा पेट की गैस की समस्या को भी हल्दी के सेवन से दूर किया जा सकता है क्योंकि यह पाचन क्रिया को स्वस्थ्य बनाए रखता है। पेट के अल्सर के लिए भी हल्दी का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है रोपण का गुण (हीलिंग) होने के कारण यह पेट के अल्सर से छुटकारा दिलाने में सहायक होती है।
  • हल्दी के सेवन से खून की कमी को भी दूर किया जा सकता है, हल्दी में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और हिपेटो प्रोटेक्टिव एनीमिया जैसे रोग की समस्या को दूर करने में सहायक होते है। हल्दी में उष्ण एवं शोथहर का गुण होता है जो जोड़ो के दर्द को कम करने में बहुत ही फायदेमंद होता है हल्दी के सेवन से जोड़ों के दर्द से तुरंत निजात पा सकते है।

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हल्दी के नुकसान (Losses of turmeric in hindi)

  • हल्दी का अधिक सेवन पेट के लिए नुकसानदायक हो सकता है चूँकि हल्दी की तासीर गर्म होती है और अधिक हल्दी का सेवन करने से पेट में जलन की समस्या पैदा हो सकती है इसीलिए आवश्यकतानुसार ही इसका सेवन करें।
  • हल्दी में ऑक्सलेट पाया जाता है जो कैल्शियम को शरीर में घुलने की अपेक्षा बांधने लगते हैं अतः इसके अधिक सेवन से यह किडनी एवं पथरी की समस्या का कारण बन सकती है।
  • हल्दी का गलत तरीके से तथा अधिक सेवन करने से यह कई पाचन संबंधी समस्या उत्पन्न कर देती है जिसमें दस्त या उल्टी आना एक प्रमुख समस्या है।
  • हल्दी के अधिक सेवन से यह सांस की समस्या और कई त्वचा संबंधी समस्या को उत्पन्न कर देती है। स्किन एलर्जी, पिम्पल एवं खुजली की समस्या अधिक हल्दी के सेवन से हो सकती है।
  • हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन करने से यह शरीर के आयरन को अवशोषित कर लेती है अतः जिनके शरीर में आयरन की कमी है वे हल्दी का सेवन कम मात्रा में ही करें। इसके अलावा किसी विशेष प्रकार के रोग को ठीक करने के लिए हल्दी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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