चिरायता के फायदे और नुकसान – Swertia Benefits & Harms

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चिरायता के फायदे और नुकसान - Swertia Benefits & Harms

चिरायता के फायदे और नुकसान ( chirayta ke fayde aur nuksan ) : चिरायता एक प्रकार की औषधीय जड़ी बूटी है, जो मूल रूप से हिमालय में पाई जाती है। चिरायता का स्वाद बहुत ही कड़वा होता है, लेकिन जितना चिरायता का स्वाद कड़वा होता है उतना ही यह रोगों के इलाज में फायदेमंद होता है। चिरायता का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है।

चिरायता के औषधीय गुणों का जिक्र भारतीय, ब्रिटिश, अमेरिकी और यूनानी चिकित्सा से संबंधित किताबों में देखने को मिलता है। भारत में चिरायता का पौधा हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और असम आदि के पर्वतीय प्रदेशों में 1200-1500 मीटर की ऊँचाई पर पाया जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार, चिरायता एक लाभकारी व गुणकारी औषधि है। दरअसल चिरायता में कई तरह के बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं साथ ही बीमारी की अवस्था में बीमारी के लक्षणों को कम करने में मदद करते है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से चिरायता के फायदे और नुकसान के बारे में।

चिरायता के अन्य भाषाओं में नाम

चिरायता को हिंदी में चिरायता, चिरेता व चिरैता, संस्कृत में किराततिक्त व कटुतिक्त, गुजराती में करियातु व चिरायता, तमिल में निलावेम्बु, बंगाली में चिराता व चिरेता, मराठी में काडेचिराईत, पंजाबी में चिरेता और नेपाली में चिराइता व तिडा कहा जाता हैं।

चिरायता के फायदे ( Benefits of Swertia in hindi )

  • चिरायता में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते हैं। इसके अलावा चिरायता में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को सामान्य बुखार जैसे सर्दी-खांसी, जुकाम आदि से बचाते हैं।
  • चिरायता का सेवन मधुमेह के लक्षणों को कम कर सकता है। एक शोध के अनुसार, चिरायता में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर, उसे सामान्य रखने में मदद करते हैं और मधुमेह रोग से बचाव करने में सहायक होते है।
  • चिरायता भूख को बढ़ाने में भी सहायक होता हैं। असल में चिरायता में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो पित्त के स्राव को बढ़ाते हैं, जिससे भूख बढ़ सकती है इसलिए कई वर्षों से चिरायता का उपयोग भूख को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
  • मलेरिया के उपचार के लिए भी चिरायता का प्रयोग किया जा सकता है। चिरायता में एंटी-मलेरिया गुण पाए जाते हैं, जो मलेरिया एवं उससे संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं और मलेरिया से बचाव करने में सहायक होते हैं। मलेरिया के दौरान आप चिरायते का इस्तेमाल काढ़े के रूप में कर सकते हैं।
  • चिरायता की जड़, जोड़ों में होने वाली दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं। दरअसल चिरायता की जड़ में एंटी-अर्थराइटिक गतिविधि पायी जाती हैं, जो अर्थराइटिस की समस्या यानी जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक होती है।
  • पाचन स्वास्थ्य के लिए चिरायता का सेवन फायदेमंद होता है। चिरायता की कड़वाहट, पित्त के स्राव को बढ़ाकर, पाचन में सुधार करती हैं, जो भोजन को अच्छे से पचाने के साथ पाचन तंत्र को स्वस्थ व मजबूत बनाये रखने में सहायक होती है। इसके अलावा यह कब्ज, गैस और अपच जैसी अन्य पेट समस्याओं को भी दूर करता है।
  • आंखों के स्वास्थ्य के लिए चिरायता का सेवन फायदेमंद होता है इसलिए चिरायता को आंखों की टॉनिक भी कहा जाता है। चिरायता में विटामिन-सी की उच्च मात्रा पायी जाती हैं, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने से लेकर बढ़ती उम्र में होने वाली अन्य आंखों की समस्याओं से भी बचाव करती है।विटामिन-सी की उच्च मात्रा के कारण ही चिरायता को आंखों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
  • चिरायता का उपयोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए भी किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, चिरायता में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकने में मदद करते हैं और कैंसर से बचाव करने में सहायक होते हैं।
  • एक शोध के अनुसार, चिरायते में पाए जाने वाले औषधीय गुण, उल्टी और हिचकी रोकने में मददगार होते हैं। माना जाता है कि चिरायता की कड़वाहट लार और पित्त को उत्तेजित करके हिचकी को रोक सकती हैं। इसके अलावा उल्टी से राहत पाने के लिए आपको शहद और चिरायता का बराबर मात्रा में सेवन करना है।
  • चिरायता में पाए जाने वाले औषधीय गुण, खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर कर, खून को साफ करते हैं। इसके अलावा चिरायता में एंटीपैरासिटिक गुण पाए जाते हैं, जो पेट में होने वाले कीड़ों को नष्ट करने में मदद करते हैं।

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चिरायता के नुकसान ( Harms of Swertia in hindi )

  • गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चिरायता का इस्तेमाल करने से पहले, डॉक्टर से राय लेना जरुरी है।
  • चिरायता का स्वाद कड़वा होता है इसलिए कुछ लोग चिरायता की कड़वाहट को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं, जिस कारण उन लोगों को उल्टी हो सकती है।
  • अगर कोई व्यक्ति किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन करता हैं, तो वह व्यक्ति चिरायता का प्रयोग करने से पहले, अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
  • चिरायता, रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम करता हैं इसलिए चिरायता का अधिक मात्रा में इस्तेमाल, लो शुगर की समस्या का कारण बन सकता हैं।

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