किंग कोबरा और चींटियाँ ( पंचतंत्र की कहानी )

2 Min Read
किंग कोबरा और चींटियाँ ( पंचतंत्र की कहानी )

किंग कोबरा और चींटियाँ ( पंचतंत्र की कहानी – panchtantra ki kahaniyan ) – बहुत समय पहले की बात है, एक बहुत बड़ा और भारी किंग कोबरा एक घने जंगल में रहता था। वह किंग कोबरा रात में शिकार करता था और दिनभर सोता रहता था।

धीरे-धीरे वह काफी मोटा हो गया और पेड़ के जिस बिल में वह रहता था, वह बिल उसे छोटा पड़ने लगा। वह किसी दूसरे पेड़ की तलाश में निकल पड़ा।

आखिरकार, कोबरा ने एक बड़े पेड़ पर अपना घर बनाने का निश्चय किया, लेकिन उस पेड़ के तने के नीचे चींटियों की एक बड़ी बाँबी थी , जिसमें बहुत सारी चींटियाँ रहती थीं।

यह देख कोबरा गुस्से में फनफनाता हुआ बाँबी के पास गया और चींटियों को डाँटकर बोला, “मैं इस जंगल का राजा हूँ। मैं नहीं चाहता कि तुम लोग मेरे आस-पास रहो। मेरा आदेश है कि तुम लोग अभी अपने रहने के लिए कोई दूसरी जगह तलाश लो। अन्यथा, सब मरने के लिए तैयार हो जाओ!”

चींटियों में काफी एकता थी, वे कोबरा से बिलकुल भी नहीं डरीं। देखते ही देखते हज़ारों चींटियाँ बाँबी से बाहर निकल आईं। सबने मिलकर कोबरा पर हमला बोल दिया और उसके पूरे शरीर पर चीटियाँ रेंग-रेंगकर काटने लगीं!

कोबरा दर्द से तिलमिला उठा और दर्द के मारे चिल्लाते और कराहते हुए वहाँ से भाग गया और फिर कभी लौटकर वापिस नहीं आया।

कहानी से शिक्षा

इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि एकता में बहुत शक्ति होती है कई सारी चीटियों ने एक होकर बहुत बड़े कोबरा सांप को भी  मार के भगा दिया लेकिन अगर वह चीटियाँ अकेले एक-एक करके उस कोबरा का सामना करतीं तो निश्चित ही हार जातीं। अतः हम एकजुट होकर बड़ी से बड़ी परेशानी और दुश्मन का सामना कर सकते हैं।

पढ़ें घड़ा और आधा पानी – प्रेरणादायक कहानी

Share this Article