आंखों की रोशनी कम होने के कारण और उपाय

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आंखों की रोशनी कम होने के कारण और उपाय

आंखों की रोशनी कम होने के कारण और उपाय ( aankhon ki roshani kam hone ke karan aur upay ) : आंखों की रोशनी कम होने के कारण और उपाय कई होते हैं, आधुनिक पर्यावरण में नजर कमजोर होना या आंखों की रोशनी का कम होना एक सामान्य बात है। आंखें, हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जिसके जरिए हम अपने दिनचर्या के सभी कार्यों को बड़ी आसानी से पूरा कर पाते हैं।

आंखें बहुत नाजुक होती हैं इसलिए आंखों की पूरी देखभाल करना और आंखों को स्वस्थ रखना बेहद जरुरी हैं। आंखों को लेकर की गई लापरवाही, आपके लिए कई समस्याओं का कारण बन सकती हैं। आंखों की रोशनी कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे खराब जीवनशैली और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना आदि।

इसके अलावा अधिक टीवी  देखना, कंप्यूटर पर अधिक देर तक काम करना और मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करना यह सभी कारण आंखों की रोशनी को कमजोर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, आंखों की रोशनी को बढ़ाने के कई घरेलू उपाय हैं, जिनका नियमित उपयोग कर, आप आंखों की रोशनी को बढ़ा सकते हैं। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से आंखों की रोशनी कम होने के कारण, लक्षण और उपाय के बारे में। Causes and remedies for poor eyesight in hindi.

आंखों की रोशनी कम होने के कारण (Causes of Weak Eyesight in hindi)

  • जिस प्रकार हमारी शारीरिक क्षमता, उम्र के साथ कम होती जाती है, ठीक उसी प्रकार हमारी आंखों की रोशनी भी कमजोर होती जाती है। विशेषकर 40 वर्ष की आयु पार करने के बाद, करीब की वस्तुओं और ज्यादा दूर की वस्तुओं पर फोकस करना कठिन हो जाता है, जिस कारण धीरे-धीरे दृष्टि भी कमजोर होने लगती है।
  • भोजन में जरूरी पोषक तत्वों की कमी से आंखों की रोशनी में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शरीर में विटामिन-सी, विटामिन-ए, विटामिन-ई, जिंक, ल्यूटिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे कई पोषक तत्वों की कमी, दृष्टि कमजोर होने का कारण बनती हैं।
  • कई बार आंखों की रोशनी का कमजोर होना अनुवांशिक भी हो सकता है यानी आपके माता-पिता या परिवार के किसी करीबी सदस्य को आंखों से जुड़ी समस्या हैं, तो इस समस्या का सामना आपको भी करना पढ़ सकता हैं।
  • लगातार पढ़ने या कम्प्यूटर पर काम करने के कारण आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार,  इलेक्ट्रॉनिक चीजों जैसे कंप्यूटर, टैबलेट्स और लैपटॉप के स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी से आंखें खराब होने के साथ-साथ मोतियाबिंद जैसी बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता हैं।
  • वजन बढ़ने के कारण टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में भी आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती हैं। इसके अलावा धूम्रपान करने वाले लोगों में भी मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता हैं।
  • कई बार धूल, प्रदूषण एवं तेज धूप के कारण भी आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पढ़ने लगता हैं, जिस कारण आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं।
  • कम रोशनी में पढ़ने के कारण भी आंखों की पुतलियां फैल जाती हैं, जिस कारण आंखों के फोकस में नजदीक और दूर की चीजों में फर्क कम होने लगता है, जिसका प्रभाव आपकी आंखों की रोशनी पर पड़ता है और आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती हैं।

आंखों की रोशनी के कम होने के लक्षण (Symptoms of Weak Eyesight in hindi)

  • आंखों में दर्द होना और आंखों से पानी निकलना।
  • पढ़ते समय धुंधला दिखाई देना तथा सही तरीके से पढ़ने में असमर्थ होना।
  • कम रोशनी तथा रात में धुंधला दिखाई देना।
  • ज्यादा दूर की वस्तुओं को देखने में असमर्थ होना।
  • पढ़ते समय बार-बार सिर दर्द होना या लगातार सिरदर्द की शिकायत रहना।
  • ज्यादा तेज रोशनी में रंग-बिरंगे रोशनी दिखाई देना।
  • आंखों में खुजली, सूजन या लालिमा होना।

आंखों की रोशनी को कमजोर होने से बचाव के लिए इन विशेष बातों में ध्यान दें –

  • पौष्टिक एवं संतुलित आहार का सेवन करें और अपनी डाइट में विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन-ई जैसे फल व सब्जियों को शामिल करें।
  • पढ़ते समय रोशनी का विशेष ध्यान दें क्योंकि बहुत हल्की रोशनी में पढ़ने या लिखने से आंखों पर दबाव पड़ता है, जिस कारण आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती हैं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों एवं दालों का अधिक सेवन करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, यह आंखों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं।
  • धूल, प्रदूषण एवं तेज धूप से आंखों को बचाने के लिए बहार निकलने से पहले चश्मे का प्रयोग करें।
  • लगातार पढ़ने या कम्प्यूटर पर काम करने से बचें और आंखों को बीच-बीच में ठंडे पानी से धोते रहें।
  • नट्स में भरपूर मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने के साथ बढ़ती उम्र में होने वाली अन्य आंखों की बीमारियों से भी बचाव करता है इसलिए नट्स का सेवन करें, जैसे- अखरोट, बादाम, पिस्ता और मूंगफली आदि।
  • 6 से 8 घंटे की आरामदायक नींद लें, यह आपकी आंखों को प्राकृतिक तरीके से तरोताजा रखने में सहायक होती हैं।
  • अगर आपको अपनी दृष्टि में किसी भी प्रकार के परिवर्तन दिखने लगते हैं, तो आप सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।
  • देर रात तक कृत्रिम रोशनी में काम करने से बचें और कभी भी चलती हुई गाड़ी में न पढ़ें।
  • धूम्रपान करने से बचें क्योंकि इससे मोतियाबिंद की आशंका बढ़ जाती हैं।

आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय (Home remedies for better Eyesight in hindi)

सरसों का तेल

सरसों तेल का इस्तेमाल कर, आंखों की रोशनी को बढ़ाया जा सकता है। दरअसल नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार, आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए पैरों के तलवे में सरसों के तेल से रोजाना 10 मिनट मालिश करने से आंखों की रोशनी में सुधार आता हैं। जानें सरसों तेल के फायदे और नुकसान

आंवला

आंवला में विटामिन-सी की भरपूर पायी जाती हैं, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने के साथ बढ़ती उम्र में होने वाली अन्य आंखों की समस्याओं से भी बचाव करती है। इसके लिए आप आंवले की चटनी, अचार, मुरब्बे और जूस का सेवन कर सकते हैं। जानें आंवला खाने के फायदे और नुकसान – Amla

व्यायाम करें

आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना फायदेमंद होता है। दरअसल डॉक्टर के अनुसार, नियमित रूप से व्यायाम करने वाले और स्वस्थ वजन रखने वाले लोगों में आंखों की रोशनी काफी अच्छी होती है इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करें और अपनी आंखों को स्वस्थ रखें।

बादाम

बादाम में विटामिन-ए की भरपूर मात्रा पायी जाती हैं, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करती है। इसके लिए आप बादाम वाले दूध का सेवन कर सकते हैं। दरअसल दूध और बादाम दोनों में ही विटामिन-ए की भरपूर मात्रा पायी जाती हैं, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करती है। जानें बादाम खाने के फायदे और नुकसान

गुलाब जल

गुलाब जल का इस्तेमाल त्वचा स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। दरअसल कई अध्ययनों के अनुसार,  गुलाब जल की 2 -3 बूंदों को आंखों में डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती हैं इसलिए आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आप डॉक्टर की सलाह लेकर, गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकते हैं। जानें गुलाब जल के फायदे (Benefits of Rose Water in Hindi)

आवश्यक सूचना

अगर किसी व्यक्ति की आंखों की रोशनी कमजोर होने के साथ चश्मे का नम्बर भी तेजी से बढ़ रहा हो तो वह व्यक्ति जल्द ही नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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