सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान – Water Chestnuts

8 Min Read
सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान

सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान ( singhada khane ke fayde aur nuksan ) : सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान कई होते हैं, सिंघाड़ा को अंग्रेजी में (Water Chestnut) के नाम से जाना जाता है। सिंघाड़ा तालाब, झील एवं नदी की सतह पर होने वाला एक जलीय शाकीय पौधा है। सिंघाड़ा की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण इसे दिन के समय में अधिक उपयोग किया जाता है। सिंघाड़ा सर्दियों के दिनों में पाया जाने वाला एक खास फल है जिसके सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से बचे रहने में मदद मिलती है। Advantages and disadvantages of water chestnut in hindi.

सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of eating water chestnut in hindi)

सिंघाड़े में कई प्रकार के पोषक तत्व एवं विटामिन पाए जाते हैं जिससे शरीर को ऊर्जावान बनने में मदद मिलती है। सिंघाड़ा सितंबर से अक्टूबर के माह में अधिक पाया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको सिंघाड़ा से होने वाले फायदे एवं नुकसान की विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं।

अन्य भाषाओं में सिंघाड़ा के नाम

सिंघाड़ा को संस्कृत में जलफल (Jalfal), त्रिकोणफल (Trikonafal) एवं पानीयफल (Paniyafal) कन्नड़ में सगाड़े (Sagade) गुजराती में शीघ्रोड़ा (Shingoda), तेलुगु में कुब्यकम (Kubyakam), मराठी में शेगाडा (Shegada) पंजाबी में गॉनरी (Gaunri) एवं मलयालम में करीमपोलम (Karimpolam) के नाम से जाना जाता है।

सिंघाड़ा में पाए जाने वाले पोषक तत्व

सिंघाड़ा में मुख्य रूप से एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, शुगर, फाइबर, सोडियम, विटामिन A, सिट्रिक एसिड, फॉस्फोरस, विटामिन C, सोडियम, आयोडीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

सिंघाड़ा के उपयोग का तरीका

सिंघाड़ा का जूस बनाकर, उबालकर, सुखाकर पाउडर बनाकर, मिठाई बनाने के लिए, सिंघाड़ा के आटे को नमकीन बनाने के लिए एवं तरह-तरह के व्यंजन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। Benefits and side effects of Water Chestnuts in hindi.

सिंघाड़ा खाने के फायदे – Benefits of Water Chestnuts in hindi

  • सिंघाड़े का नियमित रूप से सेवन करने से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। एक शोध के अनुसार, सिंघाड़े में पोटैशियम की मात्रा पायी जाती है जिससे शरीर में सोडियम की मात्रा को संतुलित करने में मदद मिलती है। शरीर में सोडियम की मात्रा नियंत्रित रहने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, सिंघाड़ा का नियमित रूप से सेवन करने से उच्च रक्तचाप की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
  • सिंघाड़े का नियमित रूप से सेवन करने से मोटापे की समस्या से छुटकारा मिलता है। सिंघाड़ा में प्रोटीन एवं फाइबर की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जिसकी मदद से बार-बार भूख लगने की समस्या से राहत मिलती है। सिंघाड़े के उपयोग शरीर की अतिरिक्त फैट को कम किया जा सकता है जिससे मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
  • सिंघाड़ा का सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने में आसानी होती है। एक शोध के अनुसार, सिंघाड़ा में पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) नामक घटक पाया जाता है जिसकी मदद से रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। मधुमेह की समस्या से जूझ रहे लोगों को सिंघाड़ा का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।
  • सिंघाड़ा का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से गठिया जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने में बहुत मदद मिलती है। एक अध्ययन के अनुसार, सिंघाड़ा में एनाल्जेसिक (analgesic) एवं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिनकी मदद से शरीर के दर्द एवं सूजन की समस्या से राहत मिलती है। सिंघाड़ा में पाए जाने वाले गुणों के प्रभाव से गठिया के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है।
  • सिंघाड़ा का उपयोग करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। सिंघाड़ा में एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटी-कैंसर के गुण भी पाए जाते हैं जिसकी मदद से शरीर में कैंसर की कोशिकाओं का विकसित होने से रोका जा सकता है। इसके अलावा, सिंघाड़ा में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट की मदद से कई अन्य बीमारियों के खतरों से दूर रहने में भी मदद मिलती है।
  • सिंघाड़े का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियां एवं संक्रमण के खतरे से बचाव किया जा सकता है। सिंघाड़ा में एंटी-माइक्रोबॉयल गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा सिंघाड़ा का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत रखने में मदद मिलती है।
  • सिंघाड़ा का उपयोग करने से पेट संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है। सिंघाड़ा में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसकी मदद से पेट में कब्ज, अपच, एसिडिटी एवं ऐंठन की समस्या से बचाव करने में मदद मिलती है। सिंघाड़ा में मौजूद फाइबर पेट में मौजूद खाने को पचाने में बेहद मददगार माना जाता है जिससे पेट संबंधित कई बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है।
  • सिंघाड़ा का उपयोग करने से दांतों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। सिंघाड़ा में फास्फोरस की भरपूर मात्रा पायी जाती है जिससे दांतो को मजबूती मिलती है। इसके अलावा सिंघाड़े का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की हड्डियों को भी मजबूती मिलती है जिससे हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
  • सिंघाड़ा का आटा का इस्तेमाल करने से थायराइड की समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। सिंघाड़े के आटे में आयोडीन (Iodine) की मात्रा पायी जाती है जिसकी मदद से गले संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा सिंघाड़े का आटा के उपयोग से थायराइड ग्रंथि सुचारू रूप से कार्य करती है जिससे थायराइड की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
  • सिंघाड़े का नियमित रूप से सेवन करने से अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है। सिंघाड़े में पॉलीफेनोलिक (polyphenolic) एवं फ्लैवोनॉइड (flavonoid) जैसे एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा पायी जाती है जिसकी मदद से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे लोगों को सिंघाड़ा का सेवन करने से बहुत फायदा मिल सकता है।

जानें गिलोय का काढ़ा के फायदे और नुकसान

सिंघाड़ा खाने के नुकसान – Losses  of Water Chestnuts in hindi

  • सिंघाड़े का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पाचन तंत्र बुरी तरह प्रभावित हो सकता है जिसके कारण पेट संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।
  • सिंघाड़ा का सेवन करने के तुरंत बाद पानी पीने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से खांसी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • सिंघाड़े का अधिक सेवन करने से कफ जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • एलर्जी की समस्या वाले लोगों को सिंघाड़ा का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।

जानें तिल के तेल के फायदे और नुकसान – Sesame oil

Share this Article