सरसों तेल के फायदे और नुकसान (sarso tel ke fayde aur nuksan) : सरसों तेल के फायदे और नुकसान कई हैं। सरसों तेल सरसों के पौधों के बीजों से निकालकर तैयार किया जाता है। यह एक आम तेल है, जिसका इस्तेमाल हर किसी के घर में किया जाता है। सरसों का वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कम्पेस्टरीज (Brassica compartis) है। सरसों के तेल को कड़वा तेल के नाम से भी जाना जाता है। Advantages and disadvantages of mustard oil in hindi.
सरसों तेल के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of mustard oil in hindi)
सरसों तेल का उपयोग खाना बनाने से लेकर हमारी त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। सरसों के तेल में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। Benefits and Side effects of Mustard oil in hindi, Benefits and losses of Mustard oil in hindi.
सरसों के तेल के फायदे (Benefits of mustard oil in hindi)
- जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल की मालिश करने से जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है। गठिया और मांसपेशियों में होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए भी सरसों के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है क्योंकि सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्या को कम करने में सहायक होते है।
- सरसों का तेल त्वचा को अल्ट्रावायलेट किरणों और पॉल्यूशन से बचता है। सरसों के तेल में विटामिन-ई की भरपूर मात्रा पायी जाती है, जो त्वचा को अंदर से पोषण प्रदान कर त्वचा में नमी बनाये रखने में सहायक होती है। सरसों के तेल में हल्दी और बेसन को मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की गंदगी साफ होती है, जिससे त्वचा पर निखार आने लगता है।
- भूख न लगने या कम भूख लगने की समस्या में सरसों के तेल से बने भोजन का सेवन करें। सरसों का तेल हमारे पेट में ऐपिटाइजर के रूप में कार्य करता है, जिससे भूख खुलने लगती है। साथ ही सरसों का तेल हमारी पाचन शक्ति के लिए भी लाभदायक होता है।
- अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सरसों के तेल का सेवन लाभदायक होता है। सरसों में पाए जाने वाले वाला मैग्नीशियम ,जो अस्थमा सी पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होता है। अस्थमा के दौरे के समय, सरसों के तेल से सीने की मालिश करने पर आराम मिलता है।
- दांतों के दर्द को कम करने के लिए सरसों का तेल फायदेमंद होता है। सरसों के तेल में नमक मिलाकर मसूड़ों पर हल्की मालिश करने से दांत दर्द, मसूड़ों पर सूजन और दांतों से खून निकलने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है। साथ ही दांतों को मजबूत बनाये रखने व दांतों के पीलेपन को भी दूर करने में भी सहायक है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सरसों के तेल का सेवन लाभदायक होता है, क्योंकि सरसों का तेल शरीर की अंदरुनी कमजोरी को दूर करने में सहायक होता है। सरसों के तेल से बने भोजन का सेवन करने से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में सहायक होता है साथ ही सरसों के तेल से मालिश करना भी फायदेमंद होता है।
- अक्सर कान के दर्द को ठीक करने के लिए सरसों के तेल का उपयोग किया जाता है और यह उपयोग फायदेमंद साबित हुआ है। ऐसे में जिन लोगों को कान दर्द की समस्या है या कभी कभी कान दर्द होने लगता है, उन लोगों के लिए सरसों के तेल का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।
- वजन को कम करने के लिए सरसों का तेल फायदेमंद होता है, क्योंकि सरसों का तेल शरीर का मोटाबॉलिज्म रेट बढ़ा देता है, जो वजन को कम करने में सहायक होता है।
- सर्दियों में फटे होठों को ठीक करने के लिए लिप बाम का इस्तेमाल करने के बजाये सरसों के तेल का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। सरसों का तेल फटे होठों को जल्द ही ठीक करता है और उनको मुलायम बनाये रखने में भी सहायक होता है।
- कैंसर से बचाव में भी सरसों के तेल का सेवन फायदेमंद होता है। एक शोध के अनुसार सरसों के तेल का उपयोग करने से कैंसर का खतरा कम होता है। सरसों के तेल में एंटी- कैंसर गुण पाए जाते है, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं की खपत को कम करने में सहायक होते है।
- फंगल संक्रमण से बचाव के लिए सरसों के तेल का सेवन फायदेमंद होता है। सरसों के तेल में पाए जाने वाला एलिल आइसोथियोसाइनेट नामक तत्व, यह तत्व एंटी फंगल होने के कारण कवक के विकास को रोकता है। सरसों का तेल त्वचा पर चकत्ते और अन्य त्वचा संक्रमण के बचाव में भी सहायक होता है ।
- बालों के लिए सरसों का तेल फायदेमंद होता है क्योंकि सरसों के तेल में विटामिन ई की भरपूर मात्रा पायी जाती है, जो बालों के लिए लाभकारी होती है। विटामिन ई बालों को लम्बा और मजबूत बनाने रखने में सहायक होता है। सरसों के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में मालिश करने से यह बालों को लम्बा, घना और मजबूत बनाये रखने के साथ रुसी को भी ख़त्म करने में भी सहायक होता है।
- सरसों का तेल सूजन को कम करने के लिए लाभदायक होता है। सरसों के तेल में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में आयी सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। सूजन को कम करने के लिए सरसों के तेल में लहसुन को मिला के गर्म कर लें। इसको हल्के गर्म अवस्था में ही सूजन व दर्द वाले स्थान पर लगाए, इससे सूजन और दर्द दोनों में आराम मिलेगा।
- मच्छरों व कीटों से बचाव के लिए सरसों के तेल का उपयोग फायदेमंद होता है। सरसों तेल की तेज़ सुगंध मच्छरों व कीटों को पास आने से रोकती है। इसलिए सरसों के तेल का उपयोग त्वचा पर करने से यह हमें मच्छरों व कीटों के प्रभाव से दूर रखने में सहायक होता है। जो हमें मलेरिया और अन्य कीट से होने वाले संक्रमण से बचाता है।
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सरसों तेल के नुकसान (Losses of mustard oil in hindi)
- सरसों के तेल में मौजूद इरुसिक एसिड का स्तर अधिक होने के कारण, यह दिल के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। यह हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाने के साथ दिल के लिए भी हानिकारक होता है ।
- गर्भावस्था के समय गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि सरसों के तेल में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं। जिससे गर्भपात होने का खतरा बना रहता है।
- कुछ लोगों को सरसों के तेल से खुजली, लालिमा और सूखी त्वचा जैसी एलर्जी भी हो सकती है, ऐसे में उन लोगों को सरसों के तेल का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
- सरसों के तेल का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में राइनाइटिस हो सकता है। जिससे खांसना, छींकना, भरी हुई नाक व नाक से पानी बहना आदि समस्याओं का सामना करना पढ़ सकता है। अगर किसी व्यक्ति को सरसों के तेल के सेवन से यह सब परेशानियां हो रही है तो, उस व्यक्ति ने सरसों के तेल का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
- अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय से अपनी त्वचा पर सरसों के तेल का उपयोग करता है, तो उसकी त्वचा काली होने लगेगी। इसलिए त्वचा पर सरसों के तेल का लगातार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- एसिड से भरपूर सरसों के तेल का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से यह ब्लड प्लेटलेट्स में बड़ी तेज़ी से गिरावट का कारण बनता है, जिससे शरीर में एनीमिया का ख़तरा बढ़ जाता है।
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