च्यवनप्राश के फायदे और नुकसान : च्यवनप्राश (Chyawanprash) हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। च्यवनप्राश की तासीर गर्म होती है। च्यवनप्राश को कई प्रकार की जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है जो पूरी तरह आयुर्वेदिक होता है। च्यवनप्राश में मौजूद आयुर्वेदिक सामग्रियां शरीर को गर्म रखने में मदद करती हैं जिससे सर्दी-जुकाम एवं खांसी जैसी समस्या में बहुत फायदा मिलता है। च्यवनप्राश का उपयोग सर्दियों के दिनों में अधिक किया जाता है जिससे शरीर को गर्म रखने में बहुत मदद मिलती है। च्यवनप्राश को एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे कई प्रकार की बीमारियों से बचे रहने में मदद मिलती है।
च्यवनप्राश के प्रकार
मार्किट में कई प्रकार के च्यवनप्राश उपलब्ध हैं जिन के अलग-अलग फायदे हो सकते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं; डाबर च्यवनप्राश, पतंजलि च्यवनप्राश, सोना-चांदी च्यवनप्राश, कल्पामृत च्यवनप्राश, बैधनाथ च्यवनप्राश और शतायु च्यवनप्राश।
च्यवनप्राश के फायदे (Benefits of Chyawanprash in hindi)
- च्यवनप्राश का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों का खतरा कम होता है। च्यवनप्राश शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता जिससे कई बीमारियों से लड़ने एवं बहुत से रोगों के रोकथाम में मदद मिलती है। च्यवनप्राश में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो इम्युनिटी बूस्ट करने का कार्य करता है। च्यवनप्राश का नियमित सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है।
- च्यवनप्राश खाने से हृदय संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। च्यवनप्राश हृदय की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह को सुनिश्चित कर हृदय को मजबूत रखने में मदद करता है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे खतरों से दूर रहने में आसानी होती है। रोजाना च्यवनप्राश का उचित मात्रा में सेवन करने से कई अन्य हृदय रोगों से भी बचा जा सकता है।
- च्यवनप्राश का सेवन करने से पाचन तंत्र बेहद सकारात्मक रूप से प्रभावित होता है जिससे पेट संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, अपच, एसिडिटी एवं ऐंठन से छुटकारा पाया जा सकता है। च्यवनप्राश खाने से खाना पचाने में आसानी होती है जिससे मल त्याग की क्रिया बेहतर होती है। च्यवनप्राश पेट में गैस की समस्या में भी बेहद प्रभावशाली माना जाता है यह पेट में गैस एवं जलन की समस्या को दूर रखता है जिससे बहुत फायदा मिलता है।
- च्यवनप्राश के उपयोग से मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। बढ़ती उम्र के कारण अक्सर याददाश्त कमजोर होने जैसी परेशानियों का करना पड़ता है। ऐसे में च्यवनप्राश के सेवन से बहुत फायदा मिलता है। च्यवनप्राश में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट दिमाग को तेज बनाते हैं और साथ ही याददाश्त को भी बढ़ाते हैं। इसके अलावा च्यवनप्राश मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी पोषण देने का कार्य करता है जिससे कई बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
- च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है। च्यवनप्राश खाने से शरीर से कैल्शियम एवं प्रोटीन की कमी को दूर किया जा सकता है जिससे हड्डियों एवं दांतों को मजबूती मिलती है। च्यवनप्राश में कैल्शियम की मात्रा पायी जाती है जिससे हड्डियां विकसित एवं मजबूत होती हैं।
- च्यवनप्राश का नियमित रूप से सेवन करने से सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। च्यवनप्राश में कई आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं जिसकी सहायता से श्वसन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने में आसानी होती है। सांस संबंधी रोगियों को हलके गुनगुने पानी के साथ च्यवनप्राश का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।
- च्यवनप्राश खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरे से बचा जा सकता है। च्यवनप्राश में सैपोनिन्स (Saponins) की मात्रा पायी जाती है जो पेट के कैंसर से बचाता है। सैपोनिन्स पेट के कैंसर का अलावा कई और बीमारियों से बचाने का कार्य भी करता है।
- च्यवनप्राश के नियमित इस्तेमाल से थकान एवं कमजोरी की समस्या से छुटकारा मिलता है। च्यवनप्राश शरीर को एनर्जेटिक रखता है जिससे पूरा दिन शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और दैनिक कार्यों में मदद मिलती है।
- च्यवनप्राश के सेवन से त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है। अक्सर प्रदूषण एवं धूल-मिट्टी के कारण त्वचा में कालापन आ जाता है। ऐसे में च्यवनप्राश के उपयोग से त्वचा के रंग में सुधार होने के साथ-साथ त्वचा ग्लोइंग भी रहती है। च्यवनप्राश का सेवन करने से त्वचा से सूर्य की हानिकारक किरणों के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। च्यवनप्राश खाने से चेहरा मुलायम एवं ग्लोइंग रहता है।
च्यवनप्राश में मौजूद सामग्रियां –
च्यवनप्राश को तुलसी, नीम, केसर, आंवला, अश्वगंधा, वसाका, पिप्पली, घी, ब्राह्मी, इलायची, बेल, लौंग, केसर, शहद, बेल, दालचीनी, तेजपत्ता, हल्दी, शतावरी, नाग केसर आदि जैसी जरूरी सामग्रियां मिलाकर बनाया जाता है।
च्यवनप्राश के उपयोग का तरीका –
च्यवनप्राश को दूध के साथ, चपाती के साथ, सुबह खाली पेट या हलके गुनगुने पानी के साथ खाया जा सकता है।
च्यवनप्राश के नुकसान (Losses of Chyawanprash in hindi)
- मधुमेह रोगियों को च्यवनप्राश का सेवन नहीं करना चाहिए। यह रक्त में शुगर की मात्रा को बढ़ाता है जिससे मधुमेह की समस्या से जूझ रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
- च्यवनप्राश के अत्यधिक सेवन से पेट संबंधी विकार जैसे दस्त, अपच एवं गैस की समस्या उत्पन्न हो सकती है इसीलिए च्यवनप्राश का उपयोग उचित मात्रा में ही करना चाहिए।
- च्यवनप्राश का जरुरत से ज्यादा सेवन करने से कमजोर पाचन की समस्या वाले लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।
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