गर्भपात के बाद घरेलू उपचार – Home Remedies after Miscarriage

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गर्भपात के बाद घरेलू उपचार - Home Remedies after Miscarriage

गर्भपात के बाद घरेलू उपचार ( garbhpat ke baad gharelu upay ) : गर्भपात के बाद घरेलू उपचार करके भी आप अपनी अवस्था में लाभ प्राप्त कर सकते हैं। गर्भावस्था को खत्म करना या पेट में पल रहे भ्रूण को नष्ट करना गर्भपात कहलाता है। गर्भपात महिलाओं में होने वाली एक ऐसी स्थिति है जिसका बुरा प्रभाव उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।

गर्भपात कई चरणों में होता है तथा गर्भपात कई स्थितियों में हो सकता है, गर्भपात के बाद होने वाली शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए कई घरेलू उपचारों को अपनाया जाता है जिसके परिणाम काफी अच्छे हो सकते है। गर्भपात के बाद घरेलू उपचार की जानकारी नीचे दी गयी है –

गर्भपात के लक्षण

गर्भपात के कई गंभीर लक्षण हो सकते है परन्तु कई स्थितियों में गर्भपात का पता भी नहीं चल पाता है जिसका डॉक्टर के संपर्क में आने के बाद पता चलता है। गर्भपात के लक्षण निम्नलिखित है –

  1. योनि से भूरे या गहरे लाल रंग का रक्तस्राव होना
  2. थक्के वाला रक्त आना
  3. अधिक रक्तस्राव होना
  4. पीठ में तेज दर्द
  5. पेट के निचले हिस्से में दर्द
  6. असहनीय दर्द होना
  7. पेट में ऐंठन होना

गर्भपात होने के कारण

गर्भपात होने के कारण है –

  1. हार्मोन्स में असंतुलन
  2. रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी
  3. गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होना
  4. थायराइड
  5. मधुमेह

गर्भपात के बाद घरेलू उपचार ( home remedies after miscarriage in hindi )

  • गर्भपात के बाद गुड़ का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है, गर्भपात के बाद अधिक रक्तस्राव के कारण शरीर में रक्त की कमी हो जाती है जिसकी वजह से एनीमिया और रक्त संबंधी रोग उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। गुड़ में आयरन की उचित मात्रा होती है जिसके नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है और रक्त में वृद्धि होती है।
  • हरी सब्जियां गर्भपात के बाद होने वाली परेशानियों को दूर करने में काफी मददगार होती है, हरी सब्जियों में बहुत से खनिज और मिनरल्स पाए जाते है जो गर्भपात के बाद होने वाली शारीरिक और मानसिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक होते है।
  • गर्भपात के बाद कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, गर्भपात के बाद शरीर में कैल्शियम का स्तर बहुत कम हो जाता है जिसकी पूर्ति के लिए दूध, सूखे मेवे, सोया जैसे कैल्शियम के भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
  • फलों का सेवन करने से गर्भपात के बाद होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है, गर्भपात के बाद केला, सेब, अनार जैसे फलों का सेवन करना चाहिए इससे शरीर में ऊर्जा के साथ-साथ इम्युनिटी पावर बनी रहेगी और शरीर जल्द ठीक हो जाता है।
  • गर्भपात के बाद संतुलित आहार लेना बहुत जरुरी होता है, संतुलित आहार लेने से कमजोरी और थकान को दूर किया जा सकता है। संतुलित आहार लेने से गर्भपात के बाद जल्द ही अपनी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति को ठीक किया जा सकता है।

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सावधानियां –

गर्भपात के बाद पपीता का सेवन बिलकुल भी न करें यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। जिन फलों में विटामिन सी की उचित मात्रा पायी जाती है उनका सेवन करने से बचें। शारीरिक श्रम जैसे – भारी वस्तुएं उठाना, रस्सी कूद खेलना आदि करने से बचे इससे खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा शराब का सेवन और धूम्रपान से भी गर्भपात के बाद होने वाली समस्याएं और अधिक बढ़ जाती है। खुद को पूरी तरह ठीक होने दे और अपना पूरा ध्यान रखे।

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