फास्फोरस के फायदे और नुकसान – Phosphorus Benefits

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फास्फोरस के फायदे और नुकसान

फास्फोरस के फायदे और नुकसान : फास्फोरस (Phosphorus) एक ऐसा खनिज है जिससे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया है। फास्फोरस स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। फास्फोरस के कई लाभ होते हैं इससे हमारी हड्डियों को मजबूती मिलती है, इससे शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी होती है, हार्मोन संतुलित रहता है एवं पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। फास्फोरस एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर की कमियों को पूरा करने का कार्य करता है।

फास्फोरस के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of phosphorus in hindi)

फास्फोरस की मदद से किडनी सुचारु रूप से कार्य करती है। इसके अलावा फास्फोरस के उपयोग से हड्डियों एवं दांतों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। फास्फोरस के इस्तेमाल से शरीर के अंगों पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे हृदय, किडनी एवं मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में सुधार है।

फास्फोरस के प्रमुख खाद्य पदार्थ –

फास्फोरस मुख्य रूप से दूध (Doodh), दूध से बने उत्पाद, अंडा (Egg), अखरोट (Walnuts), बादाम (Almonds), मूंगफली (Peanuts), अलसी (Flax seeds), मूंग (Moong), काबुली चना (Chickpeas), सोयाबीन (Soyabean), दलिया (Broken wheat), ज्वार (Jowar), ओट्स (Oats) आदि खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।

फास्फोरस के फायदे (Benefits of Phosphorus in hindi)

  • फास्फोरस शरीर की हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। फास्फोरस हड्डियों एवं दांतों को विकसित करने के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है। फास्फोरस के इस्तेमाल से दांतों व मसूड़ों की बाहरी परत को स्वस्थ बनाये रखने में बहुत मदद मिलती है। फास्फोरस के उपयोग से हड्डियों से संबंधी बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)के खतरों से भी बचे रह सकते हैं।
  • किडनी को स्वस्थ रखने में फास्फोरस एक अहम् किरदार निभाता है। फास्फोरस शरीर से विषाक्त पदार्थों को यूरिन एवं मल के रास्ते बाहर निकालने का कार्य करता है जिससे किडनी के स्वास्थ्य पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। फास्फोरस के इस्तेमाल से शरीर में यूरिक एसिड, वसा एवं नमक का स्तर नियंत्रित रहता है जिससे शरीर स्वस्थ बना रहता है।
  • फास्फोरस शरीर की कमजोरी को दूर करने में बहुत सहायक होता है। फास्फोरस के इस्तेमाल से कमजोर मांसपेशियों, थकान एवं अंगो के सुन्न होने की समस्या से छुटकारा मिलता है। फास्फोरस के सेवन से शरीर सक्रीय एवं फिट रहता है। फास्फोरस शरीर की यौन कमजोरियों को दूर करने में बहुत सहायक माना जाता है जिससे नपुंसकता, कामेच्छा में कमी आने की समस्या से दूर होती है। इसके साथ-साथ फास्फोरस पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करता है जिससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता में सुधार आता है।
  • शरीर में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा होने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। फास्फोरस पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में बहुत सहायक होता है। शरीर में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा से कब्ज, अपच एवं एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है। फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है।
  • फास्फोरस मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है। एक अध्ययन के अनुसार शरीर में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा होने से अल्जाइमर जैसी बीमारी के लक्षणों को घटाया जा सकता है। इसके अलावा फास्फोरस तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली को भी सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है जिससे तंत्रिका तंत्र संबंधी संकेतों को भेजने के क्षमता में सुधार आता है।
  • फास्फोरस शरीर की चर्बी घटाने में बेहद सहायक होता है। एक अध्ययन के अनुसार 3 महीनों तक लगातार फास्फोरस को सप्लीमेंट के रूप में उपयोग करने से भूख में कमी आती है जिससे शरीर के वजन में भी गिरावट आती है। फास्फोरस मोटापे एवं कमर की मोटाई को कम करता है जिससे शरीर फिट रहता है।

फास्फोरस लेने की मात्रा –

विशेषज्ञों के अनुसार फास्फोरस को उम्र की हिसाब से उचित मात्रा में लेना चाहिए। बच्चों के मुकाबले वयस्क को अधिक मात्रा में फास्फोरस लेने की आवश्यकता होती है। 0-6 माह के शिशु को 100 मिलीग्राम, 7-12 उम्र के बच्चों को 275 मिलीग्राम, 1-3 साल तक के बच्चों को 460 मिलीग्राम, 4-8 साल के बच्चों को 500 मिलीग्राम, 9-18 साल के बच्चों को 1250 मिलीग्राम एवं 19 से अधिक वर्ष के लोगों को लगभग 700 मिलीग्राम फास्फोरस की आवश्यकता होती है।

फास्फोरस के नुकसान (Losses of Phosphorus in hindi)

  • हालांकि, फास्फोरस हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है परन्तु शरीर में फास्फोरस के अत्यधिक बढ़ जाने से हड्डियां एवं दांत कमजोर भी हो सकते हैं।
  • शरीर में फास्फोरस की मात्रा अधिक हो जाने से दिल की धड़कन अनियमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन करने से किडनी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • फास्फोरस की अधिकता से शरीर में कई विषैले तत्व पैदा हो सकते हैं जिससे दस्त लगने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन करने से शरीर में आयरन, मैग्नीशियम, जिंक एवं कैल्शियम जैसे जरुरी खनिज पदार्थ प्रभावित होते हैं जिससे शरीर को नुक्सान भी पहुंच सकता है।
  • शरीर में फास्फोरस की अधिक मात्रा हो जाने से भूख में कमी, श्वास संबंधी समस्या, तनाव, अंगों का सुन्न हो जाना, चिड़चिड़ापन, कमजोरी, जोड़ो का सख्त होना एवं थकान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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