रतनजोत के फायदे और नुकसान – Alkanet या Dyers’ Bugloss

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रतनजोत के फायदे और नुकसान

रतनजोत के फायदे और नुकसान ( ratanjot ke fayde aur nuksan ) : रतनजोत के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं। रतनजोत को अंग्रेजी में अल्कानेट ( Alkanet या Dyers’ Bugloss ) कहते हैं। रतनजोत एक ऐसा पौधा है जिसमें कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। रतनजोत का पौधा बारहमासी होता है जो हर वातावरण में आसानी से उगाया जा सकता है।

रतनजोत के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Ratanjot in hindi)

रतनजोत की जड़, पत्ते एवं रतनजोत के पौधे से निकलने वाले दूध की मदद से प्रकार की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। रतनजोत के इस्तेमाल से त्वचा संबंधी एलर्जी, खुजली, उलटी, बवासीर आदि जैसी बीमारियों घरेलू उपचार में बहुत मदद मिलती है।

अन्य भाषाओं में रतनजोत के नाम –

रतनजोत को संस्कृत में महाराणागा (Maharanaga), कश्मीरी में यतिलुंग (Yatilung), उर्दू में बाल जद (Bal jad), तमिल में पटाई (Patai) एवं पंजाबी में लालजारी (Laljari) कहते हैं।

रतनजोत में पाए जाने वाले गुण –

रतनजोत के अर्क में एंटी-बायोटिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, ड्यूरेटिक (मूत्रवर्धक), जरुरी खनिज, विटामिन एवं कई प्रकार के एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।

रतनजोत के उपयोग का तरीका –

  • रतनजोत के पत्तों को पीसकर त्वचा पर।
  • रतनजोत के पत्तों को आंवला पाउडर के साथ मिलाकर बालों में।
  • रतनजोत के पत्तों को पीसकर नारियल के तेल के साथ मिलाकर त्वचा पर।
  • रतनजोत की जड़ के अर्क को पानी में भिगोकर उस पानी का सेवन किया जा सकता है।
  • रतनजोत के पत्तों की चाय बनाकर।
  • रतनजोत पाउडर को एक गिलास पानी के साथ।
  • रतनजोत के पत्तों को पीसकर दर्द वाले स्थान पर।

रतनजोत के फायदे (Benefits of ratanjot in hindi)

  • रतनजोत की जड़ के पाउडर के उपयोग से मोटापे की समस्या से छुटकारा पाया जाता है। रतनजोत की जड़ के पाउडर में वजन कम करने वाले गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। रतनजोत के पाउडर के इस्तेमाल से शरीर में अतिरिक्त फैट को घटाया जा सकता है जिससे मोटापे की समस्या दूर होती है।
  • रतनजोत के पत्तों के उपयोग से गठिया जैसी बीमारी के लक्षणों को घटाया जा सकता है। गठिया की बीमारी में हड्डियों के जोड़ों में अत्यधिक दर्द एवं सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। रतनजोत के पत्तों में एंटी-बायोटिक एवं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर के दर्द एवं सूजन कम करने में बहुत मदद मिलती है। रतनजोत की पत्तियों को पीसकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से बहुत फायदा मिलता है।
  • रतनजोत के पत्तों के इस्तेमाल से कील-मुहांसों, डार्क सर्कल्स एवं दाग-धब्बों की समस्या से छुटकारा मिलता है। रतनजोत के पत्तों को पीसकर नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है। रतनजोत के पत्तों में एंटी-वायरल एवं एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिससे त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत मदद मिलती है।
  • रतनजोत के इस्तेमाल से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। रतनजोत में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट की मदद से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। रतनजोत के पत्तों के रस का सेवन करने से कमजोर इम्युनिटी की समस्या वाले लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
  • रतनजोत का सेवन करने से रक्त को साफ रखने में बहुत मदद मिलती है। रतनजोत के नियमित उपयोग से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। रोजाना एक चम्मच रतनजोत के पत्तों के रस का सेवन करने से रक्त साफ करने की प्रक्रिया में वृद्धि होती है।
  • रतनजोत की जड़ के इस्तेमाल से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। रतनजोत की जड़ को पानी में भिगोकर कुछ समय बाद इस पानी को छानकर पीने से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। इसके अलावा रतनजोत की पत्तियों से निर्मित चाय का सेवन करने से हृदय संबंधी रोगों के खतरे से बचा जा सकता है।
  • रतनजोत की जड़ से बने तेल का इस्तेमाल करने से अवसाद, तनाव एवं अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। सोने के पहले इस तेल की सुगंध को सांस द्वारा लेने से मानसिक तनाव की समस्या में कमी आती है जिससे अनिद्रा एवं अवसाद जैसी स्थिति में राहत मिलती है। रतनजोत के तेल के उपयोग से नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है।
  • रतनजोत के पत्तों के इस्तेमाल से गुर्दे में पथरी की समस्या से छुटकारा मिलता है। रतनजोत के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से गुर्दे की पथरी धीरे-धीरे गलकर बाहर निकल जाती है। गुर्दे में पथरी की समस्या से जूझ रहे लोगों को रतनजोत के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से बहुत फायदा मिलता है।
  • रतनजोत के उपयोग से बालों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। रतनजोत को एक प्राकृतिक हेयर कलर के रूप में भी जाना जाता है जिसे बाल लंबे समय तक काले एवं घने रहते हैं। रतनजोत का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से बालों की जड़ें भी मजबूत होती हैं जिससे बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा मिलता है।
  • रतनजोत के इस्तेमाल से हर्पिस (Herpes) की समस्या से राहत मिलती है। हर्पिस एक सिम्पलेक्स वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है जो बाहरी अंगों, गुदा के क्षेत्र एवं अन्य त्वचा के क्षेत्रों को प्रभावित करता है। हर्पिस की समस्या में खुजली, दर्दनाक फफोले एवं घाव हो जाते हैं। रतनजोत में एंटी-वायरस के गुण पाये जाते हैं जिससे हर्पिस की समस्या में जल्द राहत मिलती है।
  • रतनजोत के उपयोग से शरीर में उच्च रक्तचाप की समस्या से छुटकारा मिलता है। रतनजोत में हाइपो-टेंस प्रभाव पाए जाते हैं जिससे शरीर में रक्तचाप का स्तर नियंत्रित रहता है। इसके अलावा रतनजोत के इस्तेमाल से रक्त वाहिकाएं सुचारु रूप से कार्य करती हैं जिससे हृदय की सेहत पर भी बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

रतनजोत के नुकसान (Losses of ratanjot in hindi)

  • गर्भवती एवं स्तनपान करा रही महिलाओं को रतनजोत के अधिक सेवन से बचना चाहिए अन्यथा गर्भ में पल रहे शिशु एवं नवजात शिशु को नुकसान भी पहुंच सकता है।
  • रतनजोत का अत्यधिक सेवन करने से लिवर फेल होने की संभावना हो सकती है।
  • रतनजोत से निकाले गए तेल में जेहरीले तत्व पाए जाते हैं इसीलिए रतनजोत के तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • रतनजोत के फल एवं पत्तों को सीधे तौर पर खाने से स्वास्थ्य संबंधी नुकसान हो सकते हैं।
  • उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे लोगों को रतनजोत की जड़ का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एलर्जी की समस्या वाले लोगों को रतनजोत के सेवन से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।

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