रंग और खुशियाँ – प्रेरक कहानी

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रंग और खुशियाँ - प्रेरक कहानी

प्रेरक कहानी ‘रंग और खुशियाँ’ – बच्चों के लिए प्रेरक कहानियां, प्रेरणादायक हिंदी कहानियां pdf शिक्षाप्रद कहानियां, ज्ञानवर्धक कहानियाँ, मजेदार कहानीयाँ, अच्छी अच्छी कहानियां पढ़ने आप हमारी वेबसाइट पर आते हैं तो आज हम आपको ‘रंग और खुशियाँ’ (motivational story for kids in hindi) सुनाने जा रहे हैं।

रंग और खुशियाँ – हिंदी कहानी

बहुत समय पहले की बात है एक छोटे से जंगल में एक कोयल रहा करती थी जिसका नाम कोकिल था। कोकिल दिन भर जंगल में गाना गाती हुई घूमती रहती थी। कोकिल कभी उस जंगल से बाहर नहीं गई थी जिस कारण कोकिल ने केवल कुछ ही जानवर और पक्षी देखे थे।

एक दिन की बात है कोकिल अपने जंगल में घूम रही थी तभी कोकिल ने अपनी एक चिड़िया दोस्त देखी और उसे देखकर कोकिल अपनी चिड़िया दोस्त के पास गई। कोकिल की चिड़िया दोस्त आज कोकिल से बहुत समय बाद मिल रही थी। कोकिल अपनी चिड़िया दोस्त के पास जाते ही बोली – अरे बहन चिड़िया तुम इतने दिनों से कहाँ गई थी? मैं तुमसे मिलने के लिए बहुत दिन से तुम्हारे घोसले पर आ रही थी परंतु तुम तो मुझे मिल ही नहीं रही थी।

फिर कोकिल से कोकिल की दोस्त चिड़िया बोली – कोकिल मैं तो दूसरे जंगल में घूमने गई थी और तुम्हें पता है मुझे दूसरे जंगल के जलाशय के पास हंस दिखे। मैं तो उन हंसों का सफेद रंग देखती ही रह गई और उनकी सुन्दरता पर मोहित हो गई।

यह सुनकर कोकिल अपनी दोस्त चिड़िया से बोली – हंस का रंग सफेद होता है ?

कोकिल की दोस्त चिड़िया बोली – अरे कोकिल शायद तुम इस छोटे से जंगल से कभी बाहर नहीं गई जिस कारण तुमने हंस नहीं देखे हैं परन्तु तुम चाहो तो दूसरे जंगल में जाकर सुन्दर हंसों को देख सकती हो और निश्चित ही कोकिल तुम भी सुन्दर सफेद हंसों की सुन्दरता को देखकर खुश हो जाओगी।

यह सुनकर कोकिल अपनी दोस्त चिड़िया से बोली – चिड़िया क्या तुम मुझे उस दूसरे जंगल का रास्ता बता सकती हो जहाँ तुमने उन सुन्दर हंसों को देखा था? फिर कोकिल की दोस्त चिड़िया ने कोकिल को उस दूसरे जंगल का रास्ता बताया, जहाँ कोकिल की दोस्त चिड़िया ने हंस देखे थे। फिर चिड़िया से रास्ता पूछकर कोकिल उस दूसरे जंगल की तरफ उड़ गई।

कुछ समय बाद कोकिल उस जंगल के जलाशय के पास पहुंच गई जहाँ कोकिल की दोस्त चिड़िया ने हंसों को देखा था। कुछ देर बाद कोकिल ने देखा कि जलाशय के पास कुछ बहुत सुन्दर सफेद रंग के जीव आ गए हैं। जिन्हें देखकर कोकिल उन सफेद रंग के जीव के पास गई और बोली – क्या आप हंस हैं?

उन सफेद जीवों में से एक जीव बोला – हाँ मैं हंस हूँ। तुम कौन हो? कोकिल हंस से बोली – मेरा नाम कोकिल है मैं आपका सुन्दर सफेद रंग देखने अपने जंगल से इस जंगल में आई हूँ। फिर कोकिल हंस से बोली – आपका ये सफेद रंग तो बहुत सुन्दर है आप तो बहुत खुश रहते होंगे।

हंस बोला – नहीं बहन पहले मुझे भी यही लगता था कि मेरा सफेद रंग सबसे सुन्दर है परंतु जब से मैंने तोते को देखा है मुझे ऐसा नहीं लगता है। तुम्हारे और मेरे पास तो केवल एक रंग है परंतु तोते के पास तो दो रंग होते हैं। तोते के पंख हरे रंग के होते हैं और तोते के गले में और चोंच में लाल रंग होता है। मुझे लगता है कि तोता सबसे खुश पक्षी होगा।

यह सुनकर कोकिल अब तोते की तलाश में चली गई और जंगल में कुछ देर में एक दो रंग का पक्षी मिला। कोकिल उस दो रंग के पक्षी के पास गई और कोकिल बोली – क्या आप तोते हैं?

वह पक्षी कोकिल से बोला – हाँ मैं तोता हूँ परंतु आप कौन हैं?
कोकिल तोते से बोली – मैं कोकिल हूँ और मैं यहाँ आपसे ही मिलने आई हूँ। तोते आपके पास तो दो रंग हैं आप तो सबसे खुश पक्षी होंगे।

तोता कोकिल से बोला – नहीं कोकिल ऐसा नहीं है पहले मैं भी यह सोचता था परंतु मोर को देखने के बाद मुझे लगता है सबसे खुश मोर ही है क्योंकि मोर के पास बहुत रंग होते हैं।

यह सुनकर कोकिल फिर मोर की तलाश में चली गई और कोकिल ने देखा जंगल से दूर एक चिड़ियाघर नजर आया ,जहाँ एक पिंजरे के पास बहुत लोगों की भीड़ लगी हुई थी। भीड़ को देखकर कोकिल भी देखने गई कि यहाँ इतनी भीड़ किस को देखने के लिए लगी है।

कोकिल भीड़ कम होने के बाद पिंजरे के पास गई तो कोकिल ने देखा कि एक बहुत सुन्दर पक्षी रंग बिरंगे पंखों के साथ पिंजरे में घूम रहा है जिसे देखकर लोग खुश हो रहे हैं। फिर कुछ समय बाद जब भीड़ वहाँ से चली गई तब कोकिल उस रंगीन पक्षी के पास गई और उस रंगीन पक्षी से बोली-क्या आप मोर हैं?

मोर कोकिल से बोला – हाँ मैं मोर हूँ पर आप कौन हैं? कोकिल मोर से बोली – मैं कोकिल हूँ और मैं आपसे मिलने आई हूँ। क्या आप सबसे खुश पक्षी हैं? क्योंकि आपके पास तो बहुत सारे रंग हैं इसका मतलब तो यही है कि आप तो सबसे खुश पक्षी होंगे।

मोर कोकिल से बोला – नहीं कोकिल ऐसा नहीं है, हाँ मेरे पास बहुत रंग हैं और इसी कारण मैं यहाँ कैद में हूँ यह खूबसूरत रंग ही मेरा दुश्मन है, इसकी वजह से मेरा शिकार होता है या मुझे कैद कर लिया जाता है यह सुंदरता ही मेरा अभिशाप है। माना कि मुझे देखने के लिए यहाँ रोज भीड़ लगी रहती है परंतु कोई भी मुझे इस पिंजरे से बाहर नहीं निकालता है और मुझे हमेशा इसी पिंजरे में रहना पड़ता है जिस कारण इतने रंग होने के बाद भी मैं खुश नहीं बल्कि दुखी हूँ।

माना की तुम्हारे पास एक रंग है लेकिन तुम आजाद तो हो, यह सुनकर कोकिल अपने जंगल की तरफ लौट गई और उसे समझ आ गया कि सुन्दर या कम सुन्दर सबके साथ कुछ न कुछ समस्याएं हैं।

कहानी से शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमारे पास जो है उसमें संतुष्ट और खुश रहना चाहिए क्योंकि हर किसी के पास सब कुछ होना सम्भव नहीं है। जैसे मोर के पास रंग तो बहुत से हैं परन्तु इसी सुंदरता की वजह से उसका शिकार किया जाता है या उसे बंदी बना लिया जाता है। इसलिए बहुत खूब कहा है किसी ने कि हर किसी को मुक्कमल जहाँ नहीं मिलता किसी को जमीं नहीं मिलती तो किसी को आसमां नहीं मिलता।

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Sumit Raghav
Sumit Raghav
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