पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे और नुकसान

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पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे और नुकसान

पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे और नुकसान ( Patanjali giloy swaras ke fayde or nuksan ) : पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे कई होते है। गिलोय एक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल कई तरह की औषधियां बनाने के लिए किया जाता है। गिलोय बेल होती है जिसके पत्ते के अलावा तने और जड़ का उपयोग भी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। शुद्ध गिलोय से निर्मित पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे की विस्तृत जानकारी आगे दी गयी है –

पतंजलि गिलोय स्वरस में पाए जाने वाले पोषक तत्व

पतंजलि गिलोय स्वरस में कॉपर, आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम, जिंक, मैंगनीज जैसे पोषक तत्वों के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी कैंसर जैसे गुण भी मौजूद होते है।

पतंजलि गिलोय स्वरस पीने का तरीका

पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे जानने से पहले पतंजलि गिलोय स्वरस पीने का तरीका जाने लेना जरुरी है। पतंजलि गिलोय स्वरस की थोड़ी मात्रा पानी में मिलाकर पीना चाहिए सुबह नाश्ते से पहले खाली पेट पतंजलि गिलोय जूस का सेवन करना सबसे ज्यादा बेहतर परिणाम देता है। एक गिलास पानी में 15 से 30ml गिलोय स्वरस मिलाकर पीना चाहिए। इसके अलावा पतंजलि गिलोय स्वरस का सेवन दिन में दो बार किसी भी समय कर सकते है। Advantages and Disadvantages of Patanjali Giloy Swaras in hindi.

पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे (Benefits of Patanjali Giloy Swaras in hindi)

  • पतंजलि गिलोय स्वरस का उपयोग बुखार को दूर करने के लिए किया जाता है, शरीर का तापमान सामान्य अवस्था से अधिक बढ़ जाने की स्थिति को बुखार कहा जाता है जिसमें सामान्यतः बदन दर्द, सिरदर्द और बदन का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाना होता है। पतंजलि गिलोय स्वरस में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते है जो वायरस, बैक्टीरिया और संक्रमण से आने वाले बुखार को ठीक करने में काफी असरदार माने जाता है।
  • एनीमिया के रोगियों के लिए पतंजलि गिलोय स्वरस का सेवन करना लाभदायक होता है। एनीमिया शरीर में रक्त की कमी के कारण होने वाला एक गंभीर रोग है। पतंजलि गिलोय स्वरस में आयरन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते है जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाकर शरीर में रक्त की कमी को पूरा करने में मदद करते है।
  • पतंजलि गिलोय स्वरस के फायदे गाउट की समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है। गाउट रक्त में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होने वाला एक सामान्य रोग है जिसे वातरक्त के नाम से जाना जाता है। गाउट में शरीर के जोड़ो में सूजन और दर्द होता है जिससे छुटकारा पाने के लिए पतंजलि गिलोय स्वरस का नियमित रूप से सेवन करने से लाभ होता है।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित रोगियों को पतंजलि गिलोय स्वरस का सेवन करना चाहिए। रूमेटाइड आर्थराइटिस में शरीर के जोड़ो की परतें प्रभावित होती है जिससे उसमें दर्द और सूजन जैसी परेशानी उत्पन्न हो जाती है। पतंजलि गिलोय स्वरस रूमेटाइड आर्थराइटिस की सभी समस्याओं को खत्म करने और इसके लक्षणों से छुटकारा दिलाने में मददगार होता है।
  • पतंजलि गिलोय स्वरस का उपयोग इम्युनिटी बूस्टर के रूप में किया जा सकता है। शरीर की इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पतंजलि गिलोय स्वरस का नियमित रूप से सेवन करें। पतंजलि गिलोय स्वरस में मौजूद तत्व कान, आँख, लिवर, ह्रदय, मस्तिष्क से जुड़े रोगों को ठीक करने के साथ-साथ सर्दी जुकाम, डायबिटीज और पेट संबंधी समस्याओं को भी ठीक करने में कारगर होते है। सामान्य एवं गंभीर रोगों से सुरक्षित रहने के लिए पतंजलि गिलोय स्वरस का सेवन करना लाभदायक होता है।

पतंजलि गिलोय स्वरस के नुकसान ( Side effects of Patanjali Giloy Swaras in hindi )

आयुर्वेदिक दवाई होने के कारण पतंजलि गिलोय स्वरस के नुकसान नहीं होते है परन्तु पतंजलि गिलोय स्वरस का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचे। किसी रोग या एलर्जी के इलाज के दौरान पतंजलि गिलोय स्वरस का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

सावधानियां –

पतंजलि गिलोय स्वरस का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। पतंजलि गिलोय स्वरस गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित होता है और इसे छोटे बच्चों को थोड़ी मात्रा में पिलाया जा सकता है। इसके अलावा पेट के रोगियों के लिए पतंजलि गिलोय स्वरस का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है।

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