शतावरी के फायदे और नुकसान – Asparagus (Shatavari)

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शतावरी के फायदे और नुकसान – Asparagus

शतावरी के फायदे और नुकसान (Shatavari ke fayde aur nuksan) : शतावरी के फायदे और नुकसान कई होते हैं। शतावरी को ऐस्पैरागस (Asparagus) के नाम से भी जाना जाता है। शतावरी की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण इसे गर्मियों के दिनों में अधिक सेवन किया जाता है। शतावरी हिमालयी क्षेत्रों में पायी जाने वाली एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसके ढेरों फायदे होते हैं यह हमें स्वस्थ रखने के साथ-साथ कई बीमारियों से भी बचाता है।

शतावरी के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Asparagus in hindi)

शतावरी के सेवन से महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में सुधार आता है जिससे उन्हें बहुत फायदा मिलता है। शतावरी में एंटी-ऑक्सीडेंट एवं तनाव-रोधी गुण पाए जाते हैं जिससे हमें तनाव मुक्त रहने में बहुत मदद मिलती है।

अन्य भाषाओं में शतावरी के नाम

शतावरी को अंग्रेजी में वाइल्ड ऐस्पैरागस (Wild asparagus), संस्कृत में (शतमूली, महाशीता, सूक्ष्मपत्रिका, तालमूली), गुजराती में एकलकान्ता (Ekalkanta), पंजाबी में बोजान्दन (Bozandan) और मराठी में अश्वेल (Asvel) के नाम से जाना जाता है। Shatavari benefits in Hindi and Shatavari side effects in hindi.

शतावरी के फायदे (Shatavari benefits in Hindi)

  • शतावरी के सेवन से हम कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरों से बचे रह सकते हैं। एक शोध के अनुसार शतावरी में कीमो-प्रिवेंटिव (कैंसर रोधी) गुण पाए जाते हैं जिससे हम कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बच सकते हैं। शतावरी हमारे शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने का कार्य करता है। कैंसर के रोगियों को शतावरी का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।
  • शतावरी के उपयोग से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने में आसानी होती है। शतावरी में एंटी-डायबिटीक गुण पाए जाते हैं जो शरीर के रक्त में शुगर की मात्रा को बढ़ने से रोकने का कार्य करते हैं। इसके अलावा शतावरी के सेवन से रक्त में ग्लूकोज के स्तर को घटाने की क्रिया को बढ़ावा देता है जिससे मधुमेह के खतरे से बचा जा सकता है।
  • शतावरी के सेवन से मोटापे की समस्या से बचा जा सकता है। शतावरी को फाइबर युक्त एवं कम कैलोरी वाला आहार माना जाता है जो वजन घटाने में बेहद फायदेमंद माना जाता है। अपना वजन घटाने की चाहत रखने वालों के लिए शतावरी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
  • शतावरी के उपयोग से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे हमें बहुत फायदा मिलता है। शतावरी में विटामिन C, विटामिन E एवं विटामिन A के साथ-साथ कई जरुरी मिनरल्स भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बना कर हमें कई बीमारियों के खतरों से बचाने का कार्य करते हैं। इसके अलावा शतावरी के इस्तेमाल से कई प्रकार के संक्रमण से भी बचा जा सकता है।
  • शतावरी का इस्तेमाल करने से माइग्रेन जैसी समस्या में राहत मिलती है। शतावरी हमारे सिर दर्द की समस्या को दूर करने में बेहद प्रभावशाली माना जाता है। इसमें राइबोफ्लेविन (Riboflavin) नामक विटामिन पाया जाता है जो माइग्रेन से राहत दिलाने में कारगर माना जाता है।
  • शतावरी का सेवन करने से हड्डियों की मजबूती बनी रहती है। शतावरी में फोलेट एवं कैल्शियम की मात्रा पायी जाती है जो हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। शतावरी के उपयोग से हड्डियां विकसित होती है जिससे हड्डियों का घनत्व बढ़ता है। हड्डी संबंधी रोगियों को शतावरी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  • शतावरी के इस्तेमाल से शरीर की सूजन को आसानी से कम किया जा सकता है। शतावरी में पाए जाने वाले प्राकृतिक गुणों के प्रभाव से सूजन की समस्या कम होती है। एक शोध के अनुसार शतावरी में प्राकृतिक मूत्रवर्धक के गुण पाए जाते हैं जो शरीर के अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकाल कर शरीर की सूजन को घटाने का कार्य करते हैं।
  • शतावरी का सेवन करने से मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इसमें विटामिन B6, ओमेगा-3 एवं राइबोफ्लेविन (Riboflavin) की मात्रा पायी जाती है जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर बेहद सकारात्मक प्रभाव डालता है। शतावरी के इस्तेमाल से तनाव जैसी स्थिति में सुधार आता है।
  • शतावरी के इस्तेमाल से टीबी के रोग में राहत मिलती है। एक अध्ययन अनुसार शतावरी में थायमिन (Thaymin), विटामिन C एवं विटामिन B की मात्रा पायी जाती है जिससे टीबी के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है। शतावरी का नियमित सेवन करने से टीबी जैसे रोग के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
  • शतावरी के इस्तेमाल से आंखों की सेहत पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शतावरी में विटामिन A की मात्रा पायी जाती है जिससे हमारी दृष्टि में सुधार आता है। यही नहीं शतावरी के इस्तेमाल से रतौंधी जैसी समस्या में भी लाभ मिलता है।
  • शतावरी का उपयोग करने से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं से राहत मिलती है। इसमें विटामिन K की मात्रा पायी जाती है जो मासिक धर्म के पहले एवं बाद में होने वाली पीड़ा से छुटकारा दिलाता है। शतावरी मासिक धर्म चक्र को नियमित रूप से चलाने में भी काफी मदद करता है।
  • शतावरी के इस्तेमाल से त्वचा एवं बाल का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। शतावरी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मदद से सूर्य की हानिकारक किरणों के प्रभावों को कम किया जा सकता है। साथ ही शतावरी के उपयोग से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं जिससे बालों का विकास होता है।

शतावरी में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व –

शतावरी में प्रोटीन, एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर जैसे पोषक तत्वों के साथ-साथ कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम एवं जिंक जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं। इसके अलावा शतावरी में विटामिन C, फोलेट, नियासिन, विटामिन B कॉम्प्लेक्स, विटामिन D और विटामिन E जैसे विटामिन्स भी पाए जाते हैं।

शतावरी के सेवन के तरीके –

शतावरी को हरे सलाद के रूप में, रोस्ट करके, उबालकर, ताजे शतावरी के जूस के रूप में एवं शतावरी पाउडर से निर्मित सूप बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है।

शतावरी के नुकसान (Shatavari losses in Hindi)

  • शतावरी का जरूरत से अधिक सेवन करने से मोटापे की समस्या में वृद्धि हो सकती है। शतावरी में कार्बोहायड्रेट की कुछ मात्रा पायी जाती है जो शरीर के वजन को बढ़ा सकती है।
  • शतावरी के अत्यधिक इस्तेमाल से उलटी, थकान, चक्कर आना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसमें कैल्शियम की मात्रा पायी जाती है जिसकी अधिक मात्रा से शरीर में इस तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • शतावरी के अत्यधिक सेवन से श्वास संबंधी समस्याएं एवं सीने में जलन की समस्या हो सकती है। शतावरी में पोटैशियम की मात्रा पायी जाती है जिसकी अधिक मात्रा से हमें इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
  • शतावरी के अधिक सेवन से किडनी में पथरी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। शतावरी में प्यूरीन की मात्रा पायी जाती है और प्यूरीन शरीर में लगभग 15 प्रतिशत यूरिक एसिड बनाता है। शरीर में अधिक यूरिक एसिड किडनी में पथरी की समस्या को जन्म दे सकता है। इसीलिए शतावरी का सेवन उचित मात्रा में ही किया जाना चाहिए।

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