मालिश करने की विधियां एवं महत्वपूर्ण नियम

10 Min Read
मालिश करने की विधियां एवं महत्वपूर्ण नियम

मालिश करने की विधियां एवं महत्वपूर्ण नियम ( malish karne ki vidhiyan ) : मालिश शरीर के भागों को हाथों से मलने की एक प्रक्रिया है जिसे तेल या क्रीम आदि की सहायता से किया जाता है। मालिश करना शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। मालिश करना रक्त संचार को बेहतर बनाने के लिए एक बेहतर उपाय है।

मालिश करने की कई विधियां और नियम होते है जिनका पालन करना बेहद जरुरी होता है। मालिश करने से शरीर की नसों को शक्ति मिलती है जिससे रक्त संचरण उचित तरीके से होता है और शरीर में शुद्ध रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है।

मालिश करने की विधियां

  • मालिश करने की सही विधि यानी सही तरीका ही मालिश करवाने का पूरा लाभ दे सकता है।
  • मालिश करने के लिए सबसे पहले सिर में गुनगुना तेल डालकर हाथों की उँगलियों से धीरे-धीरे तथा अच्छी तरह मालिश करें।
  • सिर पर मालिश करते समय कान के ऊपर और पीछे यानी कनपटी वाले भाग पर भी अच्छी तरह मालिश करें।
  • अब गर्दन की मालिश करना शुरू करें। जिसके लिए गर्दन के पीछे से ऊपर से नीचे की ओर और गर्दन के आगे की तरह नीचे से ऊपर की ओर मालिश करें।
  • चेहरे की मालिश करने के लिए विशेष विधि अपनाई जाती है। चेहरे की मालिश करने के लिए चेहरे पर अच्छी तरह से तेल लगा लें और माथे की मालिश करना शुरू करें। माथे की मालिश करते समय हाथों की उँगलियों को माथे पर रखकर पीछे की ओर मालिश करें।
  • उसके बाद गाल और ठुड्डी की मालिश की जाती है जिसमें हाथों की उँगलियों से गाल और ठुड्डी की मालिश करने के लिए हथेलियों की मदद से नीचे से ऊपर की ओर मालिश की जानी चाहिए। गाल के उभरे हुए भाग और आँखों के चारों ओर हाथों से गोलाकार तरीके से मालिश करनी चाहिए।
  • चेहरे की मालिश करने के बाद छाती, पेट और पीठ में तेल लगाकर हल्के हाथों से छाती पीठ और पेट की मालिश करें। छाती, पीठ और पेट की मालिश करने के लिए हथेलियों से ऊपर से नीचे की ओर मालिश करें।
  • उसके बाद दोनों बाजुओं पर ऊपर से नीचे की ओर मालिश करें। भुजाओं के भाग जैसे – कोहनी, कलाई आदि में गोलाई से मालिश करें।
  • इसी प्रकार पैरों में भी तेल लगाकर मालिश करें। पैरों के तलवों और हथेलियों में मालिश करना बेहद लाभदायक होता है इसीलिए इनकी मालिश अवश्य करनी चाहिए।

मालिश करने के 11 महत्वपूर्ण नियम

मालिश शुरू करने या करवाने से पहले इन सभी नियमों को ध्यान से पढ़कर ही मालिश की प्रक्रिया शुरू करें। मालिश करने के लिए ये सभी नियम बेहद जरुरी होते है। मालिश करने के सभी महत्वपूर्ण नियम निम्नलिखित है –

  1. मालिश करने के लिए सबसे पहले शरीर के उस भाग की सफाई करें जिस भाग में मालिश की जानी है। जिस स्थान पर मालिश की जा रही हो उस स्थान में उचित प्रकाश होने के साथ-साथ शांति का होना भी जरुरी होता है। मालिश करते समय बिल्कुल भी बात नहीं की जानी चाहिए और मालिश करने वाले व्यक्ति का पूरा ध्यान अपने काम पर होना चाहिए।
  2. मालिश रोगी को जमीन पर लेटा कर ही करनी चाहिए उसे बेड या चारपाई पर नहीं लेटाना चाहिए। अगर व्यक्ति स्वयं की मालिश कर रहा है तो उसे जमीन पर बैठकर ही मालिश करनी चाहिए। जमीन पर अच्छी तरह लेट कर मालिश करवाना बेहद आरामदायक अहसास देता है इसलिए मालिश लेटाकर ही करवानी चाहिए।
  3. मालिश करवाने वाला व्यक्ति यानि जो मालिश करवा रहा है उसके हाथ, पाव व पूरा शरीर ढीला होना चाहिए। मालिश करवाने वाले व्यक्ति का शरीर जितना ढीला-ढाला होगा उसके शरीर में मालिश का उतना ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
  4. मालिश करने वाला व्यक्ति दिमाग से शांत और एकाग्र प्रवृत्ति का होना चाहिए क्योंकि यदि उसमें यह गुण होगा तो वह रोगी को एक सुखद मालिश का अहसास दिला सकता है। एकाग्र मन से मालिश करने से वह मालिश करवाने वाले व्यक्ति के सम्पूर्ण शरीर को आश्चर्यजनक लाभ दे सकता है। अच्छी तरीके से मालिश करने से वह रोगी के बेजान शरीर में दोबारा से जान डाल सकता है।
  5. मालिश करने वाले व्यक्ति के विचार एवं मन दोनों शुद्ध होने चाहिए यदि ऐसा नहीं हुआ तो वो रोगी की अच्छी तरह से मालिश नहीं करेगा और उसका मन अपने काम के अलावा अन्य बातों में लगा रहेगा। इससे रोगी के पैसे तो बर्बाद होंगे ही बल्कि उसकी सही तरीके से मालिश भी नहीं होगी। इसलिए मालिश करवाने से पहले मालिश करने वाले का व्यवहार जान लेना आवश्यक होता है।
  6. मालिश सिर से लेकर पैरों की ओर धीरे-धीरे तथा दबाव डालकर की जानी चाहिए। मालिश करने वाले व्यक्ति के हाथों में जितना अधिक संतुलन और दबाव होगा उतना ही अधिक वह रोगी को लाभ दे सकता है। कमजोर व्यक्ति की लगभग आधे घंटे और स्वस्थ्य व्यक्ति की 45 मिनट या 1 घंटे तक मालिश की जा सकती है।
  7. मालिश करते समय रोगी की अनुकूलता बेहद जरुरी होती है। यदि रोगी को मालिश कराते समय किसी भी प्रकार की परेशानी हो रही हो समय पूरा न करते हुए मालिश करना तुरंत छोड़ देना चाहिए। मालिश करवाते समय यदि व्यक्ति की सास फूलती हो, घबराहट या किसी प्रकार का दर्द हो तो उसे मालिश नहीं करवानी चाहिए।
  8. मालिश करवाने वाला व्यक्ति का शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए। यदि मालिश करवाने वाला व्यक्ति किसी रोग से पीड़ित है तो उसके लिए मालिश करवाना नुकसानदायक होता है। अधिक कमजोर व्यक्ति को मालिश नहीं करानी चाहिए यह उनके लिए हानिकारक हो सकती है। मालिश कराने के लिए मालिश करवाने वाले व्यक्ति का व्यवहार जानना भी बेहद जरूरी होता है ताकि वह सही तरीके से मालिश करने दे। यदि व्यक्ति शांत स्वभाव का न हुआ तो मालिश करवाने का उसके ऊपर कोई अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  9. मालिश करने का सबसे अच्छा विकल्प तेल है जिसका इस्तेमाल लोग सबसे अधिक किया करते है। यद्यपि मालिश क्रीम, पाउडर, सूखे हाथों से या गीली तौलिया से भी जाती है परन्तु मालिश में तेल का उपयोग करना सबसे अच्छा परिणाम देता है। इसके अलावा बेसन या आटे का उबटन लगाकर भी मालिश की जाती है लेकिन ये सभी मालिश के तरीके रोगी की स्थिति देखकर की जाती है।
  10. मालिश रोगी के वजन को ध्यान में रखकर करनी चाहिए। व्यक्ति दुबला पतला हो तो उसे गद्दे में लेटाकर ही मालिश करनी चाहिए और यदि व्यक्ति का वजन अधिक हो तो उसे पतली चटाई, चादर या रबड़ क्लॉथ बिछाकर मालिश करनी चाहिए परन्तु ध्यान रहे कि ये सभी वस्तुएं साफ़ होना जरुरी होता है। इसके अलावा हरी घास में मालिश करवाना चाहते है तो उसके लिए पतली चादर या चटाई ही एक अच्छा विकल्प है।
  11. मालिश कराने का सबसे अच्छा विकल्प मेज है जिसके ऊपर व्यक्ति को लिटाकर उसकी मालिश की जाती है। मेज के ऊपर मालिश करवाने का सबसे अच्छा फायदा यह होता है कि मालिश करने वाले व्यक्ति के हाथ अच्छी तरह चलते है और उसे मालिश करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। मालिश करने के लिए मेज का आकार रोगी से बढ़ा होना चाहिए ताकि वह उसमें आराम से लेट सके।

मालिश करने के लिए आवश्यक तेल

  • शरीर की मालिश यानि बॉडी मसाज के लिए तिल के तेल, नारियल के तेल तथा सरसों के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा जैतून के तेल की मालिश करना भी बेहद लाभकारी होता है।
  • चेहरे की मालिश करने के लिए तेल में थोड़ा सा केसर मिला लें इससे चेहरे की चमक बढ़ती है।
  • तेल के अलावा मलाई, दूध, मक्खन और टेलकम पाउडर से भी मालिश की जा सकती है। कई लोग टमाटर, खीरा, आलू और संतरे के रस का इस्तेमाल भी मालिश करने के लिए किया करते है। परन्तु मालिश के लिए तेल ही सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।

जानें कुटजारिष्ट के फायदे – Benefits of Kutajarishta

Author Profile

Sumit Raghav
Sumit Raghav
I'm, your guide through the fascinating worlds of entertainment and health. With a passion for staying in-the-know about the latest happenings in the entertainment industry and a dedication to promoting well-being, I bring you a unique blend of articles that are both informative and entertaining.

Share this Article