कुटजारिष्ट के फायदे – Benefits of Kutajarishta

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कुटजारिष्ट के फायदे - Benefits of Kutajarishta

कुटजारिष्ट के फायदे ( kutjarishta ke fayde ) : कुटजारिष्ट के फायदे कई होते है। कुजारिष्ट एक आयुर्वेदिक सिरप है जिसे मुख्य रूप से पेट संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कुटजारिष्ट कई आयुर्वेदिक घटकों से मिलाकर बनाया जाता है। कुटजारिष्ट सिरप को किण्वित करके बनाया जाता है जिसमें कम मात्रा में प्राकृतिक शराब (जनरेटेड अल्कोहल ) पायी जाता है। कुटजारिष्ट एक बहुत ही अच्छी आयुर्वेदिक औषधि है जिसका सेवन करने से पाचन संबंधी सभी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।

कुटजारिष्ट के घटक द्रव्य (kutajarishta ingredients in hindi)

  • कुड़ी की छाल – 5 किलो
  • मुनक्का – ढाई किलो
  • महुए के फूल – 400 ग्राम
  • गंभारी की छाल – 400 ग्राम
  • गुड़ – 5 किलो
  • धाय के फूल – 1 किलो

कुटजारिष्ट बनाने की विधि

कुटजारिष्ट बनाने के लिए ऊपर दी गयी सभी सामग्रियों  को ले लें। अब कुटज की छाल, गंभारी की छाल, मुनक्का और महुए के फूल लेकर इन सभी को मोटा-मोटा कूटकर आठ लीटर पानी में मिलाकर उबाल लें। इन सभी द्रव्यों को पानी में तब तक उबालें जब तक पानी लगभग दो लीटर तक न रह जाए। अब इस पानी को उतार कर अच्छी तरह मलकर छान लें। ठंडा हो जाने के बाद इस पानी में 5 किलो गुड़ और 1 किलो धाय के फूल को मिला लें और मुखमुद्रा करके लगभग एक महीने तक रखे। एक महीने की अवधि पूरी होने के बाद इसे खुलकर अच्छी तरह छान लें और शीशी की बोतल में भर लें। अब पौष्टिक तत्वों से भरपूर आयुर्वेदिक कुटजारिष्ट तैयार है।

कुटजारिष्ट का सेवन करने का सही तरीका

कुटजारिष्ट को दो से तीन चम्मच पानी में डालकर दिन में तीन या चार बार पिया जा सकता है। बच्चों को कुटजारिष्ट 5 मिलीलीटर और वयस्कों को 10 से 20 मिलीलीटर तक सेवन करना चाहिए।

कुटजारिष्ट के फायदे ( Benefits of Kutajarishta in hindi )

  • कुटजारिष्ट का सेवन करना संग्रहणी के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। संग्रहणी एक प्रकार का रोग है जिसमें पेट में मरोड़, बार-बार दस्त, सिरदर्द और बुखार जैसी समस्याएं होती है। संग्रहणी की बीमारी मुख्य रूप से बरसात के मौसम में कीटाणु और संक्रमण के कारण होती है। अतः संग्रहणी रोग होने पर कुटजारिष्ट सिरप को गर्म पानी के साथ मिलाकर पिलाए ऐसा करने से यह समस्या ठीक हो जाएगी।
  • कुटजारिष्ट का इस्तेमाल दस्त एवं पेचिश में बेहद फायदेमंद माना जाता है। कुटजारिष्ट का सेवन करना आंतों के लिए बेहद फायदेमंद होता है यह आंतों को स्वस्थ रखकर आंतों से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। खूनी पेचिश होने पर भी कुटजारिष्ट का सेवन करना चाहिए इससे यह समस्या ठीक हो जाती है।
  • कुटजारिष्ट का सेवन करना इरिटेबल बाउल सिंड्रोम में बेहद लाभकारी होता है। इरिटेबल एक बड़ी आंत से संबंधित बीमारी है जिसमें पेट में दर्द, सूजन और दस्त की समस्याएं होने लगती है। इसके अलावा इरिटेबल बाउल सिंड्रोम में कब्ज की समस्या भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में कुटजारिष्ट का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है।

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कुटजारिष्ट के नुकसान ( Harms of Kutajarishta in hindi )

यद्यपि कुटजारिष्ट का सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता परन्तु आवश्यकता से अधिक सेवन करने से उल्टी, कब्ज और मतली जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए इसका सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर ही करना चाहिए।

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