ब्राह्मी के फायदे और नुकसान – Brahmi Benefits, Losses

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ब्राह्मी के फायदे और नुकसान

ब्राह्मी के फायदे और नुकसान (brahmi ke fayde aur nuksan) : ब्राह्मी के फायदे और नुकसान बहुत से हैं, भारत में पायी जाने वाली ब्राह्मी एक ऐसी जड़ी-बूटी है ब्राह्मी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। ब्राह्मी हमारे मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं क्योंकि इसमें दिमाग को तेज करने वाले एवं तनाव को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। ब्राह्मी का पौधा बेहद रसीला होता है जिसमें पानी को संग्रहित करने की अपार क्षमता होती है। ब्राह्मी का वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोंनिरी (Bacopa monnieri) है। Advantages and disadvantages of Brahmi in hindi.

ब्राह्मी के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Brahmi in hindi)

ब्राह्मी में मौजूद इन्हीं गुणों के कारण ब्राह्मी का इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसकी जड़, फल एवं फूल सभी को उपयोग में लाया जा सकता है। परन्तु ब्राह्मी के अत्यधिक इस्तेमाल से कुछ स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी हो सकते हैं। Benefits and Losses of Brahmi in hindi.

ब्राह्मी के फायदे (Benefits of Brahmi in hindi)

  • ब्राह्मी के सेवन से रक्तचाप की समस्या में बहुत फायदा मिलता है। ब्राह्मी में नाइट्रिक ऑक्साइड पाया जाता है जो हमारे शरीर में रक्तचाप के खतरे को कम करने का कार्य करता है। ये हमारे रक्त को पतला कर रक्त संचार की क्रिया को बेहतर करता है जिससे हमारी नसों में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है।
  • ब्राह्मी के नियमित उपयोग से हम कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरे से बचे रह सकते हैं। इसमें एंटी-कैंसर के गुण पाए जाते हैं जो हमारे मस्तिष्क के ट्यूमर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने का कार्य करते हैं। इसके अलावा ब्राह्मी के सेवन से हम कोलन कैंसर, स्तन कैंसर एवं प्रोस्टेट कैंसर के खतरों से भी बच सकते हैं।
  • ब्राह्मी के इस्तेमाल से हमारे मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कॉन्वेलसेंट एवं एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो हमारे मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार करते हैं जिससे हम अल्जाइमर जैसी बीमारी से बच सकते हैं। यह हमारी याददाश्त को तेज करता है जिससे हमें भूलने की बीमारी नहीं होती।
  • ब्राह्मी के तेल के उपयोग से हम पुराने से पुराने दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। इसमें एंटी-नेपोसिसेप्टिव गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में किसी दर्द निवारण औषधि के रूप में कार्य करता है। इस तेल को दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से दर्द से राहत मिलती है।
  • ब्राह्मी के सेवन से हम मधुमेह जैसी बीमारी के खतरे से बच सकते हैं। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जो हमारे रक्त में शुगर की मात्रा को बढ़ने से रोकता है जिससे मधुमेह का खतरा कम होता है। यह हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखता है। इसके अलावा इसमें एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण भी पाया जाता है जिसके प्रभाव से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
  • ब्राह्मी के नियमित सेवन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का कार्य करते हैं जिससे हम कई बीमारियों के खतरों से बचे रहते हैं। यह हमारी इम्युनिटी पॉवर को बूस्ट करने का कार्य करते हैं।
  • ब्राह्मी को फाइबर का उच्च स्रोत माना जाता है जो हमारी पाचन क्रिया को बेहतर रखने में बहुत सहायक होता है। इसमें मौजूद फाइबर हमारी आंतों से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करते हैं जिससे हमारी पाचन क्रिया सकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। इसके साथ ही ये हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है जिससे हम पूरा दिन एनेर्जिक रहते हैं।
  • ब्राह्मी के उपयोग से हमें श्वास संबंधी विकारों से छुटकारा पाने में आसानी होती है। ब्राह्मी के अर्क में एडेप्टोजेनिक एवं एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जिसके प्रभाव से हम अस्थमा जैसी बीमारी के खतरे से दूर रह सकते हैं।
  • ब्राह्मी के सेवन से हम यूरिन संबंधी संक्रमणों से बचे रह सकते हैं। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर से अतिरिक्त पानी को फिल्टर करके वाटर रिटेंशन की समस्या से दूर रखते हैं। इसके साथ ही ये हमें किडनी संबंधी परेशानियों से दूर रखने में बेहद मददगार माने जाते हैं।
  • ब्राह्मी के इस्तेमाल से हमारी त्वचा साफ एवं ग्लोइंग रहती है। इसमें एस्ट्रिंजेंट के गुण पाए जाते हैं जो हमारी त्वचा को स्वस्थ रखने में बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। कई सौंदर्य उत्पादों में एस्ट्रिंजेंट का उपयोग किया जाता है जो हमारे त्वचा के रोम छिद्रों को साफ करने का कार्य करते हैं। यह हमारे चेहरे से अतिरिक्त तेल को हटाकर उसे साफ रखने में बेहद सहायक होता है।

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ब्राह्मी के नुकसान (Losses of Brahmi in hindi)

  • ब्राह्मी में उच्च फाइबर पाए जाते हैं जिसकी अत्यधिक मात्रा से हमें पेट संबंधी समस्याएं जैसे दस्त और पेट में ऐंठन हो सकती हैं।
  • गर्भधारण के शुरुआती दिनों में ब्राह्मी का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए क्योंकि ये महिलाओं की प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
  • एलर्जी की समस्या वाले लोगों को ब्राह्मी के सेवन से बचना चाहिए अन्यथा ये उनकी एलर्जी की समस्या में वृद्धि भी कर सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं को ब्राह्मी के सेवन से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।

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