Godanti bhasma ( गोदन्ती भस्म ) फायदे और नुकसान : Godanti bhasma एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग बिना डॉक्टर के पर्चे के किया जाता है। Godanti bhasma बहुत से प्राकृतिक घटकों से निर्मित है जिसका इस्तेमाल मुख्यतः बुखार के उपचार के लिए किया जाता है। Godanti bhasma की खुराक व्यक्ति की आयु, लिंग और स्वास्थ्य के अनुसार दी जाती है। Godanti bhasma की निर्धारित खुराक के इस्तेमाल से अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते है। Godanti bhasma सेवन विधि, फायदे और नुकसान की पूरी जानकारी नीचे दी गयी है –
गोदन्ती भस्म के घटक | Godanti bhasma ingredients in hindi
गोदन्ती भस्म के घटक है –
- गोदन्ती भस्म
- नींबू
- एलोवेरा
गोदन्ती भस्म की सेवन विधि | Godanti bhasma uses in hindi
- गोदन्ती भस्म के अच्छे परिणामों के लिए गोदन्ती भस्म की निर्धारित खुराक का इस्तेमाल करना जरुरी होता है।
- गोदन्ती भस्म का उपयोग शिशु (1 महीने से 2 वर्ष), बच्चे (2 से 12 वर्ष), वयस्क और बुजुर्ग कर सकते है।
- गोदन्ती भस्म की खुराक खाना खाने के बाद ली जानी चाहिए।
- गोदन्ती भस्म पाउडर के रूप में होती है जिसे गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जाता है।
- गोदन्ती भस्म की खुराक दिन में दो बार ली जानी चाहिए।
- शिशुओं को 125mg, बच्चों को 250mg, वयस्कों को 1g तथा बुजुर्गों को 1g तक की मात्रा में गोदन्ती भस्म का सेवन करना चाहिए।
- गोदन्ती भस्म की अवधि व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार तय की जाती है।
- गोदन्ती भस्म गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है।
गोदन्ती भस्म के फायदे और नुकसान | Godanti bhasma benefits and side effects in hindi
गोदन्ती भस्म के फायदे (Godanti bhasma benefits in hindi)
बुखार
गोदन्ती भस्म के फायदे बुखार के उपचार के लिए है। बुखार एक सामान्य समस्या है, शरीर के तापमान में वृद्धि, सिरदर्द, बदन दर्द, कमजोरी बुखार के प्रमुख लक्षण है। गोदन्ती भस्म के उपयोग से बुखार को ठीक किया जा सकता है। गोदन्ती भस्म की निर्धारित खुराक का उपयोग करें इससे बुखार में आराम मिलेगा।
मलेरिया
मलेरिया के रोगियों के लिए गोदन्ती भस्म लाभदायक है। मलेरिया में सिरदर्द और सर्दी-जुकाम के साथ बार-बार बुखार के लक्षण देखे जा सकते है जिन्हें दूर करने के लिए गोदन्ती भस्म के उपयोग की सलाह दी जाती है। गोदन्ती भस्म के नियमित उपयोग से मलेरिया से बचा जा सकता है।
सिरदर्द
गोदन्ती भस्म को सिरदर्द को ठीक करने के लिए काफी प्रभावी माना जाता है। सिरदर्द एक आम परेशानी है जिसका कारण ठंड लगना, धूप के सम्पर्क में रहना, बुखार, अधिक शोर हो सकता है। सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए गोदन्ती भस्म का इस्तेमाल करें। गोदन्ती भस्म की खुराक के सेवन से सिरदर्द में राहत मिलती है।
जोड़ो में दर्द
जोड़ो में दर्द होने पर गोदन्ती भस्म के उपयोग की सलाह दी जाती है। जोड़ो में दर्द एक या दोनों जोड़ो को प्रभावित करता है जिसकी वजह से जोड़ो में तेज दर्द, सूजन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जोड़ो में दर्द होने पर गोदन्ती भस्म का सेवन करें ऐसा करने से जोड़ो में होने वाला दर्द कम होने में मदद मिलेगी।
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जिंजीवाइटिस
जिंजीवाइटिस के उपचार के लिए गोदन्ती भस्म प्रभावी है। जिंजीवाइटिस मसूड़ों से संबंधित एक रोग है जिसका कारण बैक्टीरिया संक्रमण है। गोदन्ती भस्म के इस्तेमाल से जिंजीवाइटिस की समस्या को दूर किया जा सकता है। नियमित रूप से गोदन्ती भस्म का इस्तेमाल करें इससे जिंजीवाइटिस की परेशानी से बचा जा सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस
गोदन्ती भस्म का उपयोग ऑस्टियोपोरोसिस के रोगियों के लिए हितकारी है। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ा एक रोग है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है और इसकी वजह से हड्डियों के टूटने की संभावना अधिक हो जाती है। गोदन्ती भस्म को हड्डियों के लिए बेहद अच्छा माना जाता है, गोदन्ती भस्म में मौजूद तत्व हड्डियों को स्वस्थ्य रखने में सहायक होते है। नियमित रूप से गोदन्ती भस्म का सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस के रोगियों को लाभ होगा।
टाइफाइड बुखार
गोदन्ती भस्म के फायदे टाइफाइड बुखार के उपचार के लिए है। टाइफाइड बुखार संक्रमित भोजन या पानी के सेवन (जिसमें साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया की उपस्थिति होती हो) करने से होता है। टाइफाइड बुखार में बहुत तेज बुखार आते है जिन्हे कम करने के लिए गोदन्ती भस्म का सेवन किया जा सकता है। गोदन्ती भस्म का प्रतिदिन नियमित रूप से सेवन करने से टाइफाइड बुखार ठीक हो जाता है।
गोदन्ती भस्म के नुकसान (Godanti bhasma side effects in hindi)
गोदन्ती भस्म के नुकसान देखे जा सकते है यदि गोदन्ती भस्म का गलत तरीके से उपयोग या आवश्यकता से अधिक गोदन्ती भस्म का सेवन करते है तो। गोदन्ती भस्म का अधिक सेवन करने से पेट में दर्द और जलन जैसी परेशानी उत्पन्न हो सकती है। किसी रोग या एलर्जी के इलाज के दौरान गोदन्ती भस्म का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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