चंदन के बेहतरीन फायदे और नुकसान – Sandalwood

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चंदन के बेहतरीन फायदे और नुकसान

चंदन के बेहतरीन फायदे और नुकसान ( chandan ke behtreen fayde aur nuksan ) : चंदन के बेहतरीन फायदे और नुकसान या लाभ – हानि कई होते हैं। चंदन को अंग्रेजी में (Sandalwood) कहते हैं। चंदन का वृक्ष बेहद सुगंधित होने के साथ-साथ अत्यंत गुणकारी भी होता है। आयुर्वेद में चंदन के वृक्ष का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की दवाईयां बनने की लिए किया जाता है। चंदन की तासीर ठंडी होती है जिसे मुख्य रूप से त्वचा पर इस्तेमाल किया जाता है।

चंदन के बेहतरीन फायदे और नुकसान (advantages and disadvantages of sandalwood in hindi)

भारत में चंदन का पेड़ उड़ीसा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक पाया जाता है। इसके अलावा चंदन की लकड़ियों को पूजा-पाठ की सामग्रियां जैसे अगरबत्ती, पिठिया एवं हवन सामग्री बनाये जाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

अन्य भाषाओं में चंदन के नाम-

चंदन को संस्कृत में श्रीखण्ड (Shreekhand), भद्रश्री (Bhadrashree), गन्धसार (Gandhasar) एवं चन्द्रद्युति (Chandradyuti), गुजराती में सुखड़ (Sukhud), कन्नड़ में श्रीगन्ध (Shrigandha), तमिल में सन्दनम् (Sandanam), तेलुगु में गंधपु चेकका (Gandhapu chekka), मलयालम में चन्दनम (Chandanam) एवं मराठी में गंधचकोडा (Gandhchakoda) के नाम से जाना जाता है।

चंदन के प्रकार-

लाल चंदन (रक्त चंदन), सफेद चंदन, भारतीय चंदन, मलयागिरी चंदन एवं स्वेत चंदन।

चंदन के उपयोग का तरीका-

चंदन के पाउडर को त्वचा पर, चंदन के लेप को घाव पर, चंदन के तेल को शरीर की मालिश के लिए, चंदन के चूर्ण को दूध के साथ एवं चंदन को नहाने के पानी में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। Benefits and side effects of sandalwood in hindi.

चंदन के बेहतरीन फायदे (Best benefits of sandalwood in hindi)

  • चंदन के इस्तेमाल से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। एक शोध के अनुसार चंदन में एंटी-कैंसर एवं कीमो प्रिवेंटिव प्रभाव पाए जाते हैं जो कैंसर की समस्या को दूर रखने में बेहद मददगार माने जाते हैं। इसके अलावा चंदन के तेल का इस्तेमाल करने से शरीर में कैंसर की कोशिकाएं विकसित नहीं हो पाती जिससे कैंसर से बचे रहने में बहुत मदद मिलती है।
  • चंदन के उपयोग से अल्सर जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दरअसल, चंदन में एंटी-अल्सर के गुण पाए जाते हैं जिसके प्रभाव से पेट के अल्सर की समस्या से छुटकारा पाने में बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा चंदन के इस्तेमाल से पेट में गैस की समस्या से भी दूर रहने में भी मदद मिलती है।
  • चंदन का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है। चंदन में एंटी-बैक्टीरियल एवं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिससे त्वचा में रैशेज, खुजली एवं सूजन की समस्या से बचाव करने में मदद मिलती है। इसके अलावा चंदन का उपयोग करने से त्वचा को ठंडक मिलती है जिससे त्वचा संबंधी समस्याओं से दूर रहा जा सकता है।
  • चंदन के उपयोग से आंखों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है जिससे आंख संबंधी बीमारियों के खतरों से बचा जा सकता है। चंदन को अन्य जड़ी-बूटियों के अर्क जैसे भृंगराज, नीम, पुनर्नवा, मधु आदि के साथ मिलाकर उपयोग करने से मोतियाबिंद एवं अन्य आंख संबंधी बीमारियों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।

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  • चंदन के इस्तेमाल से मांसपेशियों में दर्द की समस्या से राहत मिलती है। दरअसल, चंदन एक एंटी-स्पास्मोडिक एजेंट के रूप में कार्य करता है जो शरीर की तंत्रिकाओं, रक्त वाहिकाओं एवं मांसपेशियों को आराम पहुंचाने में मदद करता है। चंदन का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से शरीर में दर्द की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • चंदन के तेल के इस्तेमाल से तनाव एवं अवसाद की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दरअसल, चंदन के तेल में मौजूद प्राकृतिक तत्व मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में सकारात्मक रूप से सुधार लाते हैं जिससे तनाव एवं अवसाद की समस्या से राहत मिलती है।
  • चंदन के उपयोग से शरीर की गंध को दूर करने में बहुत मदद मिलती है। चंदन को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से शरीर की दुर्गंध की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा चंदन को विभिन्न कॉस्मेटिक उत्पादों में भी इस्तेमाल किया जाता है जिससे शरीर को कई घंटो तक ताजा रखने में बहुत मदद मिलती है।
  • चंदन के इस्तेमाल से कील-मुहांसों, डार्क-सर्कल्स, सनटैन, झुर्रियों एवं ड्राई स्किन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दरअसल, चंदन के उपयोग से त्वचा कोमल रहती है जिससे त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा चंदन में एंटीएजिंग प्रभाव भी पाए जाते हैं जिससे बढ़ती उम्र के अनचाहे प्रभावों को रोकने में बहुत मदद मिलती है।

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चंदन के नुकसान (Losses of sandalwood in hindi)

  • लंबे समय तक चंदन का आंतरिक रूप से उपयोग करने से पेट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • एलर्जी की समस्या वाले व्यक्तियों को चंदन के उपयोग से त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • गर्भवती एवं स्तनपान करा रही महिलाओं को चंदन का उपयोग करने से बचना चाहिए।
  • किडनी की समस्या से जूझ रहे लोगों को चंदन का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए इससे उनकी समस्या में वृद्धि भी हो सकती है।

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