गाय का घी खाने के फायदे और नुकसान – Cow Ghee

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गाय का घी खाने के फायदे और नुकसान - Cow Ghee

गाय का घी खाने के फायदे और नुकसान ( gaay ka ghee khane ke fayde aur nuksan ) : गाय के दूध की ही भांति गाय का घी खाने के फायदे और नुकसान भी कई होते हैं। गाय के दूध से बने खाद्य पदार्थ जैसे – घी, मक्खन, पनीर, दही आदि का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं तथा ये सभी खाद्य पदार्थ शरीर को स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ‘गाय का घी’ – गाय के घी में भरपूर मात्रा में विटामिन ई, विटामिन ए और विटामिन के पाया जाता है। गाय के घी का इस्तेमाल विभिन्न खाद्य पदार्थों में किया जाता है।

गाय का घी खाने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of eating Cow’s Ghee in hindi)

गाय के घी का कई लोग रोजाना दाल, चावल, सब्जी, रोटी आदि के साथ सेवन करते हैं जो खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ भोजन को पौष्टिक भी बना देता है। गाय के घी का उपयोग हिन्दू धर्म में बहुत ही शुद्ध माना जाता है तथा कोई भी शुभ कार्य करने के लिए इसका प्रयोग किया जाना आवश्यक माना जाता है। यद्यपि गाय के घी के बहुत से फायदे होते हैं परन्तु इसके फायदों के साथ ही इसके नुकसान भी होते हैं। गाय के घी के फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं –

गाय के घी के फायदे (Benefits of Cow’s Ghee in hindi)

  • गाय के घी का सेवन वजन बढ़ाने में बहुत सहायक होता है, रोजाना भोजन के साथ घी का सेवन करने से शारीरिक दुर्बलता को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा रोजाना घी के सेवन से त्वचा का रूखापन भी दूर होता है और त्वचा मुलायम होती है।
  • गाय के घी का सेवन पाचन क्रिया को स्वस्थ्य रखने में बहुत ही फायदेमंद होता है, रोजाना गाय के घी का सेवन करने से यह आंतों को पोषण प्रदान करने, पाचन क्रिया संबंधी सूजन को कम करने, अपरिवर्तित खाद्य कणों का रिसाव कम कर तथा म्यूकोसॉल की दीवार को रिपेयर करने में मदद करता है।
  • गाय के घी की मालिश सर्दियों में त्वचा में होने वाले रूखेपन को दूर करने में मदद करती है, गाय के घी को पूरे शरीर में लगाने के बाद हल्के हाथ से मालिश करें चूँकि घी एक उत्कृष्ट मॉइस्चराइजर है और इसकी मालिश करने से शरीर का रूखापन दूर हो जाता है।
  • गाय के घी का सेवन बुखार के बाद होने वाली उत्तेजना को कम करने में भी सहायक होता है, बुखार के पूरी तरह समाप्त होने के बाद घी के सेवन से यह शरीर को तंदुरुस्ती प्रदान करके, उसे शक्ति प्रदान करता है परन्तु घी का सेवन उन लोगों को जरा भी नहीं करना चाहिए जिन्हें बुखार है ऐसे लोगों के लिए घी हानिकारक होता है।
  • गाय का घी नवजात शिशु के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है, नवजात शिशु को 2 से 5 बूंदें देने से शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और बच्चा तंदुरुस्त होता है। इसके अलावा गाय के घी का सेवन यदि महिलाएं प्रसव के बाद करती हैं तो उनमें ताकत बनी रहती है और उन्हें रोगों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है।
  • गाय के घी का उपयोग घावों और छालों को भरने के लिए भी किया जाता है, आधा कप घी में एक चम्मच हल्दी पाउडर व दो चम्मच नीम मिलाने के बाद इसका लेप बना लें उसके बाद इस पेस्ट को घावों व छालों में लगाने से राहत मिलती है। इसके अलावा गाय के घी को चोट लगे भाग में लगाने से यह जलन को कम करने में भी मदद करता है।
  • गाय के घी का सेवन मानसिक शक्ति को बरकरार रखने में सहायक होता है, गाय के घी को सिर में रखने से यह बुद्धि और मन को शांत रखने में बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके अलावा घी का प्रयोग मौखिक अल्सर को कम करने के लिए भी किया जाता है और यह पित्त असंतुलन, मुख संबंधी रोगों को कम करने में भी सहायक होता है।
  • घी का सेवन नेत्र संबंधी रोगों को दूर करने में भी सहायक होता है, हर्बल घी से भरे हुए आटे के पेस्ट को आँखों के चारों ओर लगाए और आँखों को बार-बार खोलना और बंद करना शुरू करें। ऐसा करने से आँखों को शक्ति मिलती है और आँखों की रोशनी बढ़ने के साथ-साथ यह आँखों को साफ भी करता है।

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गाय के घी के नुकसान (Disadvantages of cow’s Ghee in hindi)

  • गाय के घी का आवश्यकता से अधिक सेवन करने से अपच व दस्त जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं इसके अलावा गाय के घी का सेवन उन लोगों के लिए नुकसानदायक होता है जिन्हें पीलिया, हेपेटाइटिस, फैटी लीवर आदि की समस्या है।
  • गाय के घी का सेवन सर्दी और कफ होने पर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसके प्रभाव से ये समस्याएं दुगनी हो जाती हैं। गर्भवती महिलाएं जिन्हें अपच व ठण्ड की समस्या हो रही हो उन्हें घी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गाय के घी का सेवन उन लोगों के लिए नुकसानदायक होता है जो मोटापे की समस्या को कम करने का प्रयास कर रहें हो। यदि इन लोगों को घी का सेवन करना आवश्यक है तो वे 3-5 ग्राम घी का सेवन करने के बाद एक गिलास गर्म पानी पी लें।
  • अमिश्रित घी का सेवन पित्त की स्थिति के दौरान नहीं करना चाहिए, पित्त आमाशय से जुड़ा हो तो घी पीलिया को बढ़ा देता है जो बहुत ही हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा किसी विशेष प्रकार का रोग होने में घी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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