द्राक्षावलेह के फायदे और नुकसान – Drakshavaleha

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द्राक्षावलेह के फायदे और नुकसान ( drakshavaleha ke fayde or nuksan )

द्राक्षावलेह के फायदे और नुकसान ( drakshavaleha ke fayde or nuksan ) : द्राक्षावलेह के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं, द्राक्षावलेह एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे बिना डॉक्टर के पर्चे के भी प्राप्त किया जा सकता है। द्राक्षावलेह कई आयुर्वेदिक घटकों से निर्मित है तथा इसका उपयोग बहुत सी शारीरिक समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। बाजार में कई ब्रांड्स के द्राक्षावलेह उपलब्ध हैं।

द्राक्षावलेह की निर्धारित खुराक का उपयोग करना जरुरी होता है, इसे व्यक्ति की आयु, लिंग और स्वास्थ्य के अनुसार लेने की सलाह दी जाती है। द्राक्षावलेह के फायदे और नुकसान ( Advantages and disadvantages of Drakshavaleh in hindi ) की पूरी जानकारी नीचे दी गयी है –

द्राक्षावलेह का अर्थ

द्राक्षावलेह के फायदे जानने से पूर्व द्राक्षावलेह का अर्थ अवश्य जानें। द्राक्ष + अवहेलन में द्राक्षा का अर्थ अंगूर, किशमिश, दाख या मुनक्का होता है तथा अवलेह का अर्थ चाटना होता है। अर्थात दाख से बनी ऐसी गाढ़ी औषधि जिसका सेवन चाटकर किया जाता हो उसे द्राक्षावलेह कहा जाता है।

द्राक्षावलेह के घटक

द्राक्षावलेह के घटक है –

  • द्राक्षा
  • पिप्पली
  • मुलेठी
  • आंवला
  • त्वाकश्री
  • शहद
  • सोंठ

द्राक्षावलेह की सेवन विधि

द्राक्षावलेह की निर्धारित खुराक का उपयोग करना जरूरी होता है। द्राक्षावलेह का सेवन दो बार सुबह-शाम पानी या दूध के साथ करना चाहिए। द्राक्षावलेह के उपयोग से पूर्व ये निर्धारित अवश्य करें की किस रोग के इलाज के लिए दवा है सेवन कर रहे है। आवश्यकता से अधिक और बेवजह द्राक्षावलेह का सेवन न करें।

द्राक्षावलेह के फायदे ( Benefits of Drakshavaleha in hindi )

  • द्राक्षावलेह के फायदे एनीमिया के रोगियों के लिए है, एनीमिया रोग शरीर में खून की कमी के कारण होता है जिसमें शरीर में कमजोरी, थकान, चक्कर आना ये सभी समस्याएं देखी जा सकती है। द्राक्षावलेह में ऐसे तत्व पाए जाते है जो शरीर में खून की कमी को पूरा करने में मददगार होते है। इसके नियमित सेवन से एनीमिया रोग से बचा जा सकता है।
  • ह्रदय रोगों की लिए द्राक्षावलेह हितकारी माना जाता है, द्राक्षावलेह के नियमित उपयोग से हृदय की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है और हृदय बहुत से रोगों से सुरक्षित रहता है। द्राक्षावलेह ऐसे तत्वों से निर्मित है जो हृदय को बाधा पहुँचाने वाले पदार्थों को नष्ट करने में मदद करते है।
  • द्राक्षावलेह यौन संबंधी परेशानियों को ठीक करने में मददगार है, द्राक्षावलेह के सेवन से यौन संबंधी समस्या जैसे यौन दुर्बलता, शीघ्रपतन, वीर्य में कमी आदि समस्याओं को दूर किया जा सकता है। द्राक्षावलेह में पिप्पली और मुलेठी जैसी औषधियां होती है जो यौन समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है।
  • द्राक्षावलेह लिवर के लिए लाभकारी है, लिवर से संबंधित किसी भी समस्या को दूर करने के लिए द्राक्षावलेह का उपयोग करना काफी हितकारी माना जाता है। द्राक्षावलेह के सेवन से लिवर स्वास्थ्य और रोग मुक्त रहता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए द्राक्षावलेह सहायक है, द्राक्षावलेह ऐसे पोषक तत्वों से भरपूर आयुर्वेदिक दवा है जिसकी निर्धारित खुराक का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाया जा सकता है इसके साथ ही यह शारीरिक दुर्बलता को भी दूर करने में सहायक है।
  • द्राक्षावलेह बवासीर के उपचार के लिए लाभकारी है, बवासीर के दौरान होने वाली परेशानियां को दूर करने में द्राक्षावलेह कारगर है। द्राक्षावलेह के नियमित सेवन से बवासीर में होने वाली जलन से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • द्राक्षावलेह के फायदे पीलिया के रोगियों के लिए हो सकते है, पीलिया के रोगियों को द्राक्षावलेह के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है क्योंकि द्राक्षावलेह में ऐसे तत्व मौजूद होते है जो पीलिया में होने वाले लक्षणों को कम समय में ठीक करने में सहायक होते है।

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द्राक्षावलेह के नुकसान ( Harms of Drakshavaleha in hindi )

द्राक्षावलेह के फायदे होने के साथ द्राक्षावलेह के नुकसान भी देखे जा सकते है। द्राक्षावलेह की निर्धारित खुराक का इस्तेमाल न करने पर यह शरीर पर जल्द असर नहीं करता है। आवश्यकता से अधिक द्राक्षावलेह के सेवन से शरीर को नुकसान हो सकता है इसीलिए द्राक्षावलेह की निर्धारित खुराक का इस्तेमाल ही करें। गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को द्राक्षावलेह के सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। इसके अलावा किसी रोग या एलर्जी के इलाज के दौरान द्राक्षावलेह के उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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