क्यों प्याज को काटकर नहीं बल्कि फोड़ कर खाना चाहिए

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क्यों प्याज को काटकर नहीं बल्कि फोड़ कर खाना चाहिए

क्यों प्याज को काटकर नहीं बल्कि फोड़ कर खाना चाहिए  : प्याज में कई रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं जो काटने पर किसी भी अन्य फल या सब्जी के मुकाबले बहुत तेजी से रासायनिक क्रिया करते हैं। प्याज की हर परत के ऊपर व नीचे एक पतली सी झिल्ली पायी जाती है जोकि अपाच्य होती है अर्थात पचती नहीं है। अगर हम प्याज को फोड़ते हैं तो इस पतली सी झिल्ली को अलग कर पाना आसान होता है लेकिन प्याज को काटने पर यह पतली सी झिल्ली भी कट जाती है और अलग नहीं होती है।

प्याज की बाहरी परतों में काफी मात्रा में सल्फर पाया जाता है जोकि रासायनिक क्रिया कर सल्फ्युरिक अम्ल (H2SO4) बनता है। यह काफी शक्तिशाली अम्ल होता है जोकि सोने व प्लेटिनम को छोड़कर किसी भी अन्य धातु के साथ क्रिया कर उसको नष्ट करने में सक्षम होता है। इसलिए प्याज को चाकू से काटना नहीं चाहिए।

प्याज के बीच का हिंसा अल्सर एवं कई प्रकार के हृदय रोगों से भी शरीर की रक्षा करता है। साथ ही प्याज से हड्डियां भी मजबूत होती हैं।

नीदरलैंड्स के वैगनिंगन विश्वविद्यालय की एक खोज के अनुसार प्याज के भीतरी हिस्से में क्वेरसेटिन (quercetin) नामक ऐंटि ऑक्सिडेंट पाया जाता है जोकि काफी प्रभावशाली ऐंटि ऑक्सिडेंट होता है। यह विटामिन ई का मुख्य स्त्रोत होता है और जवानी को बरकरार रखने में भी उत्तरदायी होता है। क्वेरसेटिन ऐंटि ऑक्सिडेंट सेब और चाय में भी पाया जाता है लेकिन प्याज में पाया जाने वाला क्वेरसेटिन सेब और चाय के मुकाबले जल्दी पच जाता है।

अतः यह कहा जा सकता है कि प्याज को काटकर नहीं बल्कि फोड़ कर खाना ही अति गुणकारी होता है।

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