मिश्री खाने के फायदे और नुकसान – Mishri Benefits, Side Effects

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मिश्री खाने के फायदे और नुकसान

मिश्री खाने के फायदे और नुकसान (Mishri khaane ke fayde aur nuksan) : मिश्री खाने के फायदे और नुकसान, लाभ-हानि कई हैं। मिश्री चीनी का एक अपरिष्कृत (unrefined) रूप है जिसे रॉक शुगर के नाम से भी जाना जाता है। साधारण सी दिखने वाली इस मिश्री में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके उपयोग से हम कई प्रकार की बीमारियों से खतरों से बचे रह सकते हैं। यह आम चीनी की तुलना में कम मीठी होती है जिसके कई स्वाथ्य फायदे होते हैं। Advantages and disadvantages of eating Mishri in hindi.

मिश्री खाने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of eating Mishri in hindi)

मिश्री को गन्ने के रस एवं ताड़ के पेड़ के रस से प्राप्त किया जाता है। इसमें कई प्रकार के विटामिन्स, जरुरी खनिज एवं एमिनो एसिड पाया जाता है जो हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। परन्तु इसके अत्यधिक इस्तेमाल से कुछ स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी हो सकते हैं। Mishri Benefits and Side Effects in Hindi, Benefits and losses of Mishri in hindi.

मिश्री खाने के फायदे (Benefits of Mishri in hindi)

  • मिश्री के सेवन से हमारे शरीर में रक्त की मात्रा में वृद्धि होती है जिससे हम अनीमिया जैसी बीमारी के खतरे से बच सकते हैं। यह हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है जिससे हमारे शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ती है। इसके अलावा मिश्री में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर की शारीरिक कमियों को दूर करने में बेहद मददगार होते हैं। रोजाना एक चम्मच मिश्री खाने से हमें सेहतमंद रहने में बहुत मदद मिलती है।
  • मिश्री को सौंफ के साथ मिलाकर खाने से हमारी पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। मिश्री में डाइजेस्टिव गुण पाए जाते हैं जो हमारी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने का कार्य करते हैं। रोजाना रात को खाना खाने के बाद इसका सेवन से हमारा पाचन तंत्र बेहद सकारात्मक रूप से प्रभावित होता है जिससे हम कब्ज, अपच, गैस एवं पेट में गैस जैसी समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
  • मिश्री के उपयोग से हमारे शरीर में एनर्जी का स्तर नियंत्रित रहता है। मिश्री चीनी का एक अन-रिफाइंड रूप होता है जिसके कारण चीनी में मौजूद सुक्रोज की मात्रा मिश्री में अधिक रहती है। यह शरीर को एक अच्छी ऊर्जा प्रदान करता है जिससे हम पूरा दिन एनेर्जिटिक रहते हैं।
  • मिश्री के सेवन से हम सर्दी-जुकाम, गले में खराश एवं खांसी जैसे मौसमी संक्रमणों के खतरों से बचे रह सकते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं जो हमें लगभग हर संक्रमण के खतरों से बचाने का कार्य करते हैं। रोजाना रात को सोने से पहले एक चम्मच मिश्री, एक चम्मच घी एवं एक चुटकी काली मिर्च के पाउडर के मिश्रण का सेवन करने से सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं में जल्द राहत मिलती है।
  • मिश्री का सेवन करने से हमारे मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।आयुर्वेद के अनुसार मिश्री हमारी मानसिक सेहत के लिए बेहद उपयोगी होता है। रोजाना रात को सोने से पहले मिश्री को एक गिलास गर्म दूध के साथ सेवन करने से हमारी याददाश्त तेज होती है।
  • मिश्री के इस्तेमाल से नोज ब्लीडिंग यानी नाक से खून आने की समस्या में बहुत राहत मिलती है। गर्मी के प्रभाव से अक्सर नाक से खून आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है ऐसे में मिश्री के सेवन से इस समस्या से बचा जा सकता है। मिश्री की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण ये हमारे शरीर से गर्मी के प्रभाव को कम करके शरीर को ठंडक पहुंचाता है जिससे इस समस्या से जल्द आराम मिलता है।
  • मिश्री के उपयोग से हमारी आंख की रौशनी में वृद्धि होती है जिससे हम मोतियाबिंद जैसी समस्याओं से बचे रह सकते हैं। इसमें मौजूद औषधीय गुणों के प्रभाव से हमारी आंखों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। रोजाना उचित मात्रा में मिश्री का सेवन करने से कमजोर आंखों की समस्या में राहत मिलती है।
  • मिश्री का सेवन करने से हमारे मुंह के छालों की समस्या में राहत मिलती है। मिश्री और हरी इलाइची को पीसकर इसके मिश्रण को मुंह के छालों पर लगाने इस समस्या से जल्द राहत मिलती है। इसके अलावा यह हमारे मुंह के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।

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मिश्री खाने के नुकसान (Losses of Mishri in hindi)

  • मिश्री के अत्यधिक सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या उत्पन्न हो सकती है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या में पेट फूलने या पेट में गैस की समस्या होती है जिससे हमें पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • मिश्री की तासीर बेहद ठंडी मानी जाती है जिसके अधिक इस्तेमाल से हमारे शरीर का तापमान सामान्य से घट सकता है जिससे हमारे स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंच सकता है।
  • किसी दवा के साथ मिश्री का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा ये हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।
  • मधुमेह के रोगियों को मिश्री का सेवन नहीं करना चाहिए। मिश्री स्वाद में मीठी होती है जिसके कारण ये हमारे रक्त में शुगर की मात्रा में वृद्धि कर सकता है।

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