नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान – Eucalyptus Oil

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नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान

नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान ( nilgiri tel ke fayde aur nuksan ) : नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं, नीलगिरी के तेल को अंग्रेजी में (Eucalyptus Oil) कहते हैं। नीलगिरी के तेल के ढेरों स्वास्थ्य संबंधी फायदे होते हैं। नीलगिरी के तेल को नीलगिरी के ताजा पत्तों से प्राप्त किया जाता है। नीलगिरी का पेड़ ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका, यूरोप एवं भारत में भी पाया जाता है।

नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Eucalyptus oil in hindi)

नीलगिरी के तेल में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके कारण इसका उपयोग कई बीमारियों के घरेलु उपचार करने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के दवाओं निर्माण में भी किया जाता है। दुनिया भर में नीलगिरी के तेल का उत्पादन ऑस्ट्रेलिया में सर्वाधिक किया जाता है।

नीलगिरी तेल में पाए जाने वाले गुण

नीलगिरी के तेल में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-सेप्टिक आदि जैसे गुण पाए जाते हैं।

नीलगिरी तेल के उपयोग का तरीका

नीलगिरी के तेल दांतों पर, सोना बाथ के दौरान शरीर पर, अन्य तेल के साथ मिक्स करके बालों पर, दर्द वाले स्थान पर मालिश करने के लिए, माउथवॉश करने के लिए एवं रूम फ्रेशनर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। Benefits and side effects of Eucalyptus Oil in hindi.

नीलगिरी तेल के फायदे – Benefits of Eucalyptus Oil in hindi

  • नीलगिरी के तेल का उपयोग करने से गठिया जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने में आसानी होती है। नीलगिरी के तेल में एनाल्जेसिक (Analgesic – दर्द निवारक) एवं एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिसकी मदद से शरीर में दर्द एवं सूजन की समस्या से राहत मिलती है। गठिया के रोगियों को नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल करने से बहुत फायदा मिलता है।
  • नीलगिरी के तेल के इस्तेमाल से मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। रोजाना नियमित रूप से नीलगिरी के तेल का सेवन करने से तनाव एवं मानसिक विकारों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दरअसल, नीलगिरी का तेल मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में वृद्धि कर मानसिक क्षमता को बढ़ावा देने का कार्य करता है जिससे मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाये रखने में बहुत मदद मिलती है।
  • नीलगिरी तेल के उपयोग से मसूड़े एवं दांत संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है। नीलगिरी के तेल में जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं जिसकी मदद से दांतो में गंदगी, मसूड़ों में सूजन, दांतों में छेद एवं दांतों में संक्रमण की समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। नीलगिरी के तेल को आमतौर पर टूथपेस्ट में एवं माउथवॉश के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
  • नीलगिरी तेल का सेवन करने से पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। नीलगिरी का तेल पेट के कीड़ों को नष्ट करने का कार्य करता है जिससे पेट को साफ रखने में बहुत मदद मिलती है। नीलगिरी के तेल में एंटी-माइक्रोबियल एवं एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिसकी मदद से शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया के खतरों से बचाया जा सकता है।

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  • नीलगिरी तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षण को कम करने में आसानी होती है। नीलगिरी का तेल रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है जिससे मधुमेह का खतरा कम होता है। इसके अलावा, नीलगिरी का तेल रक्त परिसंचरण में भी वृद्धि करता है जिससे रक्त वाहिकाओं में कसाव को कम करने में आसानी होती है।
  • नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल करने से किडनी में पथरी की समस्या से राहत मिलती है दरअसल, किडनी में पथरी की समस्या से जूझ रहे लोगों के शरीर में दर्द एवं कमजोरी की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण उनकी दैनिक दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो जाती है। नीलगिरी के तेल से दिन में दो-तीन बार शरीर पर मालिश करने से कमजोरी एवं दर्द की समस्या से राहत मिलती है।
  • नीलगिरी के तेल का उपयोग करने से निमोनिया जैसी बीमारी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। नीलगिरी के तेल में एंटीसेप्टिक एवं जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं जिसकी मदद से फेफड़ों को साफ करने एवं सूजन को कम करने में बहुत मदद मिलती है। नीलगिरी के तेल से छाती व पीठ पर मालिश करने से क्षय रोग (tuberculosis) के प्रभावों को कम किया जा सकता है।
  • नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल करने से बुखार जैसे समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। नीलगिरी के तेल के उपयोग से शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में बहुत मिलती है जिसके कारण बुखार की समस्या से राहत मिलती है। इसके अलावा, नीलगिरी के तेल को पिपरमेंट ऑयल के साथ मिलाकर शरीर पर मालिश करने से शरीर की दुर्गंध को भी दूर किया जा सकता है।

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नीलगिरी तेल के नुकसान – Losses of Eucalyptus Oil in hindi

  • नीलगिरी के तेल का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से उल्टी एवं मतली की समस्या से गुजरना पड़ सकता है।
  • नीलगिरी के तेल का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं इसलिए नीलगिरी के तेल को किसी अन्य तेल में मिलाकर ही त्वचा पर इस्तेमाल करना चाहिए।
  • 5 वर्ष से छोटे उम्र के बच्चों को नीलगिरी के तेल के इस्तेमाल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • एलर्जी की समस्या वाले लोगों को नीलगिरी के तेल का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को नीलगिरी के तेल का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।

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