त्रिफला चूर्ण के फायदे – कब्ज, हृदयरोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा

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त्रिफला चूर्ण के फायदे - कब्ज, हृदयरोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा

trifala churn ke fayde : trifala churn ke fayde कई होते हैं, त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग मुख्यतः पेट सम्बन्धी विकार जैसे कब्ज, अपच आदि को दूर करने के लिए किया जाता है, साथ ही त्रिफला पाचन शक्ति भी बढ़ाता है। त्रिफला चूर्ण का सेवन हृदयरोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा आदि को भी नियमित रखता है।

त्रिफला चूर्ण तीन जड़ी-बूटियों आंवला, बहेड़ा और हरड़ का मिश्रण होता है। त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ ही ‘तीन फल’ होता है। त्रिफला चूर्ण  बनाने के लिए अमलकी (आंवला), बिभीतक (बहेड़ा) और हरितकी (हरड़) को क्रमशः 3:2:1 के अनुपात में लेना है। इन तीनों आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, बिना बीज के सूखे हुए आंवला, हरड़ और बहेड़ा के छिलके को एक साथ में पीसकर त्रिफला चूर्ण तैयार किया जाता है।

त्रिफला में इम्यूनिटी माड्यूलेट्री एक्टिविटी पाई जाती है जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे छोटे मोटे रोग शरीर को नहीं पकड़ते हैं और सामान्य वायरल बिमारियों का खतरा भी नहीं रहता है। साथ ही त्रिफला में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं।

त्रिफला चूर्ण के आँखों के लिए फायदे

त्रिफला का सेवन आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद होता है, एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को 10 ग्राम गाय के घी और कुछ बूंद शहद के साथ सेवन करने से आँखों की रोशनी में लाभ मिलता है।

त्रिफला से ऑंखें धोना भी आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए किया जा सकता है इसके लिए रातभर त्रिफला को पानी में भीगा कर रखें और सुबह इस पानी को अच्छे से छानकर इस पानी से आँखों को धोने से आँख सम्बन्धी कई विकार दूर होते हैं।

त्रिफला चूर्ण कब्ज के लिए

त्रिफला चूर्ण कब्ज के लिए बहुत ही कारगर औषधि है, कब्ज वैसे तो एक सामान्य बीमारी है लेकिन अगर यह बढ़ जाये तो यह आगे चलकर बवासीर, भगंदर जैसी कई गंभीर बीमारियां पैदा कर सकती है।

अतः कब्ज को सामान्य बीमारी समझ हल्के में नहीं लेना चाहिए। त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन कब्ज को जड़ से ख़त्म करने में सक्षम होता है। कब्ज से पीड़ित लोगों को रोज रात में सोने से पहले गुनगुने पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर पीना चाहिए।

triphala churn ke fayde – triphala churn ke fayde त्रिफला में गैलिक एसिड पाया जाता है जो कब्ज की समस्या को दूर करता ही है साथ ही पेट को अच्छे से साफ होने में मदद करता है जिस कारण शरीर पेट सम्बन्धी विकारों जैसे कब्ज, अपच, पेट फूलना, पेट में गैस आदि से मुक्त रहता है।

शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए

त्रिफला चूर्ण के सेवन से शारीरिक दुर्बलता भी दूर होती है, त्रिफला चूर्ण का सेवन मिश्री के साथ करने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है, साथ ही याद्दाश्त भी अच्छी होती है।

त्रिफला चूर्ण के दांतों के लिए फायदे ( Danton ke liye triphala churna ke fayde )

त्रिफला में एंटीकैरीज गुण भी पाए जाते हैं दांतों को मजबूत करता है और मसूड़ों से खून निकलने की समस्या को भी दूर करता है। एक चम्मच त्रिफला को एक गिलास पानी में तीन से चार घंटे तक भिगो के रखें फिर इस पानी को मुंह में कुछ देर तक रखकर कुल्ला करें, मुंह के विकार दूर होंगे।

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मोटापा दूर करने के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन

शरीर की चर्बी कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण को पानी में अच्छे से उबाल लें और उसमें शहद मिलाकर रोजाना इसका सेवन करें, कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आएगा।

त्रिफला चूर्ण के सेवन का तरीका

त्रिफला चूर्ण के सेवन का तरीका या त्रिफला चूर्ण खाने का तरीका सामान्य है आप रात को सोने से पहले आधी चम्मच से कम त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी या दूध के साथ ले सकते हैं। साथ ही समान मात्रा में घी या शहद के साथ भी त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जा सकता है।

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