ऊंटनी के दूध के फायदे और नुकसान – Camel Milk

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ऊंटनी के दूध के फायदे और नुकसान - Camel Milk

ऊंटनी के दूध के फायदे और नुकसान ( untni ke dudh ke fayde aur nuksan ) : ऊंटनी के दूध के फायदे और नुकसान कई होते हैं। ऊंटनी के दूध (Camel milk) का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। ऊंटनी का दूध गाय के दूध के मुकाबले अधिक नमकीन होता है। हममें से कई लोगों ने ऊंटनी के दूध का सेवन नहीं किया होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऊंटनी के दूध के ढेरों स्वास्थ्य फायदे होते हैं।

ऊंटनी के दूध के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Camel milk in hindi)

गाय के दूध की तुलना में ऊंट के दूध के अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे कई प्रकार की बीमारियों के खतरों को कम करने में आसानी होती है। दुनियाभर में गाय-भैंस के दूध के अलावा ऊंटनी के दूध का भी सेवन किया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऊंटनी के दूध से होने वाले फायदों एवं नुकसान की जानकारी देने जा रहे हैं।

ऊंटनी के दूध में पाये जाने वाले पोषक तत्व-

ऊंटनी के दूध में मैग्नीशियम, आयरन, सोडियम, जिंक, पोटैशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, एनर्जी, प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फास्फोरस, विटामिन A, विटामिन C, लैक्टिक एसिड आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

ऊंटनी के दूध के उपयोग का तरीका-

ऊंटनी के दूध का उपयोग कॉफी बनाने में, चाय बनाने में, सॉस बनाने में, सूप में, चीज में, वैफल्स में, पाउडर के रूप में एवं पैनकेक बनाने में किया किया जाता है।

ऊंटनी के दूध के फायदे (Benefits of Camel milk in hindi)

  • ऊंटनी के दूध का सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरों से बचा जा सकता है। एक शोध के अनुसार, ऊंटनी के दूध में एंटी-कैंसर के गुण पाए जाते हैं जिससे स्तन कैंसर एवं आंत के कैंसर से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। ऊंटनी के दूध के उपयोग से शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोका जा सकता है जिससे कैंसर के खतरों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।
  • ऊंटनी के दूध का नियमित रूप से सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने में बहुत मदद मिलती है। ऊंटनी के दूध में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक (Antihyperglycemic) प्रभाव पाए जाते हैं जिससे रक्त में शुगर की मात्रा को कम करने में आसानी होती है। ऊंटनी का दूध शरीर के लिपिड प्रोफाइल में सुधार करके इंसुलिन की मात्रा को नियंत्रित करने का कार्य करता है जिससे रक्त शर्करा को कम करने में आसानी होती है।
  • ऊंटनी के दूध के इस्तेमाल से आंत संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने में आसानी होती है। ऊंटनी के दूध में साइटोप्रोटेक्टिव (Cytoprotective) गुण पाए जाते हैं जिससे आंत से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, ऊंटनी के दूध का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पेट के अल्सर की समस्या से भी राहत मिलती है।
  • ऊंटनी के दूध का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचे रहने में मदद मिलती है। ऊंटनी के दूध में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट की मदद से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है जिससे कई गंभीर बीमारियों के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है।
  • ऊंटनी के दूध का नियमित रूप से सेवन करने से लिवर का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। एक शोध के अनुसार, ऊंटनी के दूध के इस्तेमाल से लिवर में एंजाइम के स्तर को घटाया जा सकता है जिससे लिवर की कार्य प्रणाली सुचारु रूप से कार्य करती है। इसके अलावा, ऊंटनी के दूध के सेवन से शरीर में प्रोटीन के स्तर को भी नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है जिससे लिवर संबंधी बीमारियों के खतरों कम करने में आसानी होती है।
  • ऊंटनी का दूध बच्चों की सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है। ऊंटनी के दूध में रोगों से लड़ने वाले इम्यूनोग्लोबीन (immunoglobulin) गुण पाए जाते हैं जिससे बच्चों में एलर्जी की समस्या कम करने में आसानी होती है। एलर्जी के घरेलु उपचार में ऊंटनी का दूध अत्यंत लाभकारी होता है।
  • ऊंटनी के दूध का नियमित रूप से सेवन करने से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। एक अध्ययन के अनुसार ऊंटनी के दूध में ओरोटिक एसिड (Orotic acid) की मात्रा पायी जाती है जिससे शरीर के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटाया जा सकता है। शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने से हृदय संबंधी बीमारियों के खतरों को भी दूर किया जा सकता है।
  • ऊंटनी के दूध के सेवन करने से हड्डियां मजबूत रहती है। ऊंटनी के दूध में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है जिससे हड्डियां मजबूत होने के साथ-साथ हड्डियों का घनत्व भी बढ़ता है। ऊंटनी के दूध का नियमित रूप से सेवन करने से हड्डियों से संबंधित बीमारियों के खतरे को भी कम किया जा सकता है।

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ऊंटनी के दूध के नुकसान (Losses of Camel Milk in hindi)

  • ऊंटनी के कच्चे दूध का सेवन करने से जूनोटिक संक्रमण (Zoonotic Infection – जानवरों से इंसानों में होने वाले संक्रमण) का खतरा बढ़ सकता है। इसीलिए ऊंटनी के दूध उबालकर ही सेवन करना चाहिए।
  • ऊंटनी का दूध में माइकोबैक्टीरियम बोविस (Mycobacterium Bovis) नामक बैक्टीरिया की मात्रा पायी जाती है जिसके कारण शरीर में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

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