5 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे ( 5 mukhi rudraksha pahnane ke fayde ) : रुद्राक्ष शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है ‘रुद्र’ एवं ‘अक्ष’ जहां रूद्र भगवान शिव का नाम है वहीं अक्ष का अर्थ है आँसू। हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष को पूजनीय माना जाता है जिसका सीधा संबंध भगवान शिव से है। आमतौर पर रुद्राक्ष का पेड़ पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। रुद्राक्ष वास्तव में रुद्राक्ष के पेड़ में लगने वाले फल का बीज है।
हिन्दू धर्म के मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति असल में भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष का सही नियम एवं विधि से धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है एवं सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
रुद्राक्ष के प्रकार
शिव महापुराण के अनुसार रुद्राक्ष 38 मुखी तक होते हैं परन्तु विशेषज्ञों के अनुसार रुद्राक्ष 14 मुखी तक होते हैं।
5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का तरीका
पांच मुखी रुद्राक्ष को चाँदी में मढ़वा कर या बिना मढ़वाये भी धारण किया जा सकता है। रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व इसे गंगा जल या कच्चे दूध में नहलाना चाहिए इससे रुद्राक्ष शुद्ध हो जाता है।
5 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे (Benefits of wearing 5 Mukhi Rudraksha in hindi)
- 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है। माना जाता है कि 5 मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव का वास होता है जिससे व्यक्ति अकाल मृत्यु के खतरे से बच सकता है।
- 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है साथ ही सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जिससे व्यक्ति के जीवन में कई अच्छे बदलाव आते हैं। शिव महापुराण के अनुसार, 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति की सोचने में क्षमता में वृद्धि होती है जिससे आलस एवं अनिद्रा की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
- 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से मस्तिष्क की कार्य प्रणाली पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे याददाश्त को बेहतर बनाया जा सकता है। 5 मुखी रुद्राक्ष की मदद से एकाग्रता को बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है जिससे बुद्धि प्रखर होती है।
- 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से तनाव एवं अवसाद की समस्या को दूर किया जा सकता है। 5 मुखी रुद्राक्ष की मदद से तनाव मुक्त रहने में आसानी होती है जिससे लंबे समय से तनाव एवं अवसाद की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
- ऐसा माना जाता है कि 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात् व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 5 मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्तियों में बीमारियों एवं संक्रमण का खतरा कम होता है जिससे शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में बहुत मदद मिलती है।
- 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति में डर की भावना समाप्त हो जाती है जिससे व्यक्ति निडर रहता है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि 5 मुखी रुद्राक्ष की मदद से नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है जिससे व्यक्ति के स्वभाव में डर की भावना का नाश होता है।
- 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से बृहस्पति के क्रूर प्रभाव को कम किया जा सकता है। बृहस्पति पुरुष के प्रभाव को प्रदर्शित करता है जिसके क्रूर होने से जीवन में कई अशुभ घटनाएं घट सकती हैं। ऐसे में बृहस्पति के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष को बेहद शुभ माना जाता है।
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5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद बरती जाने वाली सावधानियां
- रुद्राक्ष को धारण करने के श्मशान या शव-यात्रा पर नहीं जाना चाहिए।
- रुद्राक्ष पहन कर सोना नहीं चाहिए इससे शरीर निस्तेज रहता है।
- जिस कक्ष में बच्चे का जन्म होता है उस कमरे में रुद्राक्ष को धारण करके प्रवेश नहीं करना चाहिए माना जाता है कि इससे रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है।
- रुद्राक्ष का धारण करके नशीले पदार्थ एवं तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
- सम्भोग करते समय पुरुषों को रुद्राक्ष उतार देना चाहिए।
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