कलौंजी के फायदे और नुकसान – Kalonji (Nigella Seeds)

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कलौंजी के फायदे और नुकसान - Kalonji (Nigella Seeds)

कलौंजी के फायदे और नुकसान ( Kalonji ke fayde aur nuksan in hindi ) : कलौंजी के फायदे और नुकसान कई होते हैं। कलौंजी को अंग्रेजी में (Nigella Sativa) के नाम से जाना जाता है। कलौंजी एक प्रकार का बीज है जिसका पौधा लगभग 12 इंच तक लंबा होता है। भारत में कलौंजी को एक मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कलौंजी की तासीर गर्म होती है जिसके कारण इसका सर्दियों के दिनों में अधिक उपयोग किया जाता है।

कलौंजी के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Kalonji in hindi)

आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में कलौंजी का कई प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। कलौंजी को मुख्यतः उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में उगाया जाता है। कलौंजी का सेवन करने से कई प्रकार की बीमारियों के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है। इस आर्टिकल से पहले हम आपको कलौंजी के फायदे बालों के लिए और कलौंजी का तेल पीने के फायदे के बारे में बता चुके हैं।

अन्य भाषाओं में कलौंजी के नाम-

कलौंजी को संस्कृत में पृथ्वीका (Prathveeka), स्थूलजीरक (Sthooljeeraka), कालिका (Kaalika) एवं पृथु (Pratthu), गुजराती में कलौंजी जीरु (Kalaunji jiru), कन्नड़ में करे जीरगे (Kare jirage), तमिल में करूणीएरकम (Karunierkam), पंजाबी में कालवन्जी (Kalvanji), बंगाली में कालीजीरा (Kalijira) एवं मराठी में कालेजीरे (Kale jire) के नाम से जाना जाता है।

कलौंजी में पाए जाने वाले पोषक तत्व-

कलौंजी में प्रोटीन, एनर्जी, फैट, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, कैल्शियम, फाइबर, पोटेशियम, आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

कलौंजी के उपयोग का तरीका-

कलौंजी को सब्जी बनाने, नमकीन में मिलाकर, पुलाव बनाने में, ब्रेड के साथ, अचार एवं दाल में डालकर इस्तेमाल किया जा सकता है। Benefits and side effects of kalonji in hindi.

कलौंजी के फायदे – Benefits of kalonji (Nigella Seeds) in hindi

  • कलौंजी का नियमित रूप से सेवन करने से मोटापे की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। कलौंजी में फाइबर अधिक मात्रा में पायी जाती है जिससे शरीर का वजन घटाने में आसानी होती है। कलौंजी के उपयोग से शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी को कम किया जा सकता है जिससे मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
  • कलौंजी का सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को घटाया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, कलौंजी में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जिसके प्रभाव से मधुमेह की समस्या से बचाव किया जा सकता है। कलौंजी के इस्तेमाल से रक्त में शुगर की मात्रा में कमी होती है जिससे मधुमेह का खतरा कम होता है।
  • कलौंजी के इस्तेमाल से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की समस्या से बचाव करने में आसानी होती है। कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जिसकी मदद से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस एवं फ्री रेडिकल्स की समस्या को कम किया जा सकता है। इसके अलावा कलौंजी में एंटी-कैंसर के प्रभाव भी पाए जाते हैं जिसकी मदद से शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोका जा सकता है।
  • कलौंजी का नियमित रूप से सेवन करने से हृदय संबंधी रोगों के खतरों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। दरअसल, कलौंजी के उपयोग से शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (बुरे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को घटाकर, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। जिससे हृदय के स्वास्थ्य पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही नहीं, कलौंजी के इस्तेमाल से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक के खतरों से भी बचा जा सकता है।
  • कलौंजी के उपयोग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है। एक शोध के अनुसार, कलौंजी के बीज में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory)  गुण पाए जाते हैं जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है।
  • कलौंजी के इस्तेमाल से पुरुषों की प्रजनन क्षमता में सुधार होता है जिसके कारण इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या से छुटकारा मिलता है। कलौंजी का सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या, गुणवत्ता एवं कार्य क्षमता में वृद्धि होती है जिससे प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
  • कलौंजी का सेवन करने से लिवर एवं किडनी का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। कलौंजी में एंटी-ऑक्सीडेंट एवं फाइटोकेमिकल यौगिक के प्रभाव पाए जाते हैं जिससे लिवर को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इसके अलावा, कलौंजी के उपयोग से किडनी में पथरी की समस्या से भी राहत मिलती है।
  • कलौंजी के इस्तेमाल से त्वचा संबंधी विकारों से बचा जा सकता है। कलौंजी में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-वायरल एवं एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं जिनकी मदद से कील-मुंहासे, डार्क-सर्कल्स एवं झाइयों की समस्या से छुटकारा पाया जाता सकता है। इसके अलावा, कलौंजी के उपयोग से त्वचा की घाव भी जल्दी भर जाते हैं जिससे घाव के कारण उससे होने वाले संक्रमण के खतरों को भी कम किया जा सकता है।
  • कलौंजी का सेवन करने से उच्च रक्तचाप की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। कलौंजी में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण पाए जाते हैं जिससे रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में बहुत मदद मिलती है। उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे लोगों को कलौंजी का सेवन करने से बहुत फायदा मिल सकता है।

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कलौंजी के नुकसान – Losses of kalonji (Nigella Seeds)in hindi

  • कलौंजी का अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ लोगों को अमाशय में जलन एवं खराबी की समस्या से गुजरना पड़ सकता है।
  • कलौंजी का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से महिलाओं में मासिक धर्म चक्र में अनियमितता की समस्या उत्पन्न हो सकती है इसीलिए मासिक धर्म की समस्या से जूझ रही महिलाओं को कलौंजी का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती एवं स्तनपान करा रही महिलाओं को कलौंजी के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि कलौंजी की अधिक मात्रा से गर्भ में पल रहे शिशु एवं नवजात बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है।
  • कलौंजी का अधिक इस्तेमाल से रक्तचाप का स्तर सामान्य से घट सकता है जिसे लो ब्लड प्रेशर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • एलर्जी की समस्या वाले लोगों को कलौंजी का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।

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