सत्तू के फायदे और नुकसान ( sattu ke fayde or nuksan ) : सत्तू के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं, कई प्रकार के व्यंजनों को बनाने में सत्तू का इस्तेमाल किया जाता है। गर्मियों के दिनों में सत्तू का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत गुणकारी माना जाता है। सत्तू उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल एवं बिहार में काफी प्रसिद्ध है। सत्तू की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण गर्मियों के दिनों में इसका अधिक उपयोग किया जाता है।
सत्तू के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Sattu in hindi)
सत्तू में प्रोटीन की मात्रा अधिक पायी जाती है जिसके कारण इसे गरीब आदमी का प्रोटीन भी कहा जाता है। सत्तू में ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में आसानी होती है।
सत्तू के प्रकार-
सत्तू कई प्रकार का होता है जैसे चने का सत्तू, जौ का सत्तू एवं मक्के का सत्तू।
सत्तू के उपयोग का तरीका-
सत्तू को पानी में मिलाकर नमकीन या मीठा शरबत बनाने के लिए, पराठे के अंदर भर कर, लिट्टी-चोखे में लिट्टी के अंदर भर के, सत्तू को गुड़ एवं दूध में के साथ, सत्तू को नींबू-जीरा और पानी के साथ, सत्तू के पकौड़े बनाकर एवं सत्तू के लड्डू बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
सत्तू में पाए जाने वाले पोषक तत्व-
सत्तू में प्रोटीन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, मॉइस्चर, कैलोरी, ऐश, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड,बीटा-सिस्टोस्टरोल, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। Benefits and side effects of Sattu in hindi.
सत्तू के फायदे (Benefits of Sattu in hindi)
- रोजाना नियमित रूप से सत्तू का सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को घटाया जा सकता है। सत्तू में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जिससे रक्त में शुगर की मात्रा को घटाने में बहुत मदद मिलती है। सत्तू के इस्तेमाल से रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है जिससे मधुमेह के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है।
- सत्तू का सेवन करने से मोटापे की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। सत्तू में उच्च फाइबर की मात्रा पायी जाती है जिससे शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी में कमी आती है। इसके अलावा सत्तू में मौजूद फाइबर पेट को भरा रखता है जिससे बार-बार भूख का अनुभव नहीं होता और अपना वजन कम करने की चाह रखने वालों को बहुत फायदा मिलता है।
- सत्तू के उपयोग से कमजोरी एवं चक्कर आने की समस्या से छुटकारा मिलता है। दरअसल, सत्तू में कैल्शियम, प्रोटीन एवं मैग्नीशियम की मात्रा पायी जाती है जिससे शरीर को नयी ऊर्जा मिलती है। भारत के कई इलाकों में सत्तू को एक एनर्जी ड्रिंक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है जिससे शरीर को फिट रखने में बहुत मदद मिलती है।
- सत्तू का नियमित रूप से सेवन करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। सत्तू में मौजूद फाइबर पेट को साफ रखने का कार्य करते हैं जिससे कब्ज, अपच एवं पेट संबंधी अन्य विकारों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा सत्तू का सेवन करने से मल निकासी की क्रिया में भी आसानी होती है।
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- चने के सत्तू का सेवन करने से शरीर में रक्तचाप का स्तर नियंत्रित रहता है जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या से छुटकारा मिलता है। चने के सत्तू में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा पायी जाती है जो शरीर के ब्लड प्रेशर को घटाने का कार्य करता है। इसके अलावा चने के सत्तू में बीटा-सिस्टोस्टरोल (beta-sitosterol) यौगिक की मात्रा भी पायी जाती है जिससे रक्तचाप को कम करने में आसानी होती है।
- सत्तू का उपयोग करने से भीषण गर्मी में लू लगने की समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। सत्तू की तासीर ठंडी मानी जाती है जिससे यह शरीर को अंदर से ठंडा रखने का कार्य करता है और लू लगने से बचाता है। गर्मियों के मौसम में सत्तू का सेवन करने से थकान महसूस नहीं होती जिससे शरीर को फिट रखने में आसानी होती है।
- सत्तू का सेवन करने से भूख न लगने की समस्या से छुटकारा मिलता है। सत्तू में पोटैशियम एवं मैग्नीशियम की मात्रा पायी जाती है जिससे भूख बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके अलावा सत्तू में ढेरों पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
- सुबह खाली पेट सत्तू का सेवन करने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स यानी विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे आंतों की सेहत पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रोजाना नियमित रूप से सत्तू का सेवन करने से आंतें स्वस्थ रहती है।
- सत्तू के उपयोग से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाया जा सकता है जिससे हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। सत्तू के इस्तेमाल से शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है और साथ ही एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है जिससे हृदय संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
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सत्तू के नुकसान (Losses of Sattu in hindi)
- सत्तू का अधिक मात्रा में सेवन करने से पथरी की समस्या में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में पथरी की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों को सत्तू का सीमित मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए।
- सत्तू का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में गैस की शिकायत हो सकती है। सत्तू में फाइबर की अधिक मात्रा पायी जाती है जिससे पेट में गैस, पेट फूलना एवं दस्त लगने जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- सत्तू का अधिक मात्रा में सेवन करने से लो ब्लड शुगर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- एलर्जी की समस्या वाले लोगों को सत्तू का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
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