कामचूड़ामणि रस के फायदे – Benefits of Kamchudamani Ras

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कामचूड़ामणि रस के फायदे - Benefits of Kamchudamani Ras

कामचूड़ामणि रस के फायदे ( kamchudamani ras ke fayde ) : कामचूड़ामणि रस के फायदे कई होते हैं, कामचूड़ामणि रस एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल मुख्यतः पुरुषों की यौन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। कामचूड़ामणि रस में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कई आयुर्वेदिक घटकों से मिलकर बनाई जाती है।

कामचूड़ामणि रस के घटक द्रव्य

  • मुक्ता पिष्टी – 20 ग्राम
  • स्वर्ण माक्षिक भस्म – 20 ग्राम
  • स्वर्ण भस्म – 20 ग्राम
  • भीमसेनी कपूर – 20 ग्राम
  • जावित्री – 20 ग्राम
  • जायफल – 20 ग्राम
  • लौंग – 20 ग्राम
  • वंग भस्म – 20 ग्राम
  • रजत भस्म – 20 ग्राम
  • दालचीनी – 22 ग्राम
  • तेजपत्ता – 22 ग्राम
  • छोटी इलायची के दाने – 22 ग्राम
  • नागकेसर – 22 ग्राम

कामचूड़ामणि रस बनाने की विधि

कामचूड़ामणि रस बनाने के लिए ऊपर दी गयी सभी सामग्रियों को अच्छी तरह मिला लें। अच्छी तरह मिला लेने के बाद इसे खसरा में लगभग एक हफ्ते तक घुटाई करें। उसके बाद इस मिश्रण की 1-1 रत्ती की गोलियां बना लें। कामचूड़ामणि रस तैयार है। घर में बनाने के अलावा कामचूड़ामणि रस बाजार से भी उपलब्ध किया जा सकता है।

कामचूड़ामणि रस के सेवन का तरीका

कामचूड़ामणि रस को रात को सोने से पहले मिश्री मिले गुनगुने दूध के साथ 2 गोली का सेवन करें।

कामचूड़ामणि रस के फायदे ( Benefits of Kamchudamani ras in hindi)

  • कामचूड़ामणि रस का इस्तेमाल यौन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है, कामचूड़ामणि रस की गोलियों को सेवन करने से धातु क्षीणता और शीघ्रपतन जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। कामचूड़ामणि रस में वे सभी पोषक तत्व पाए जाते है जो यौन संबंधी सभी समस्याओं को खत्म करने में मदद करते है।
  • कामचूड़ामणि रस का इस्तेमाल प्रमेह (पेशाब के साथ अथवा पेशाब से पहले या बाद में वीर्यस्राव होना) और अग्निमांद्य (जठराग्नि का कम होना) से छुटकारा पाया जा सकता है, कामचूड़ामणि रस में पाए जाने वाले पोषक तत्व यौन स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में सहायक होते है जिससे पुरुषों में इन समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
  • कामचूड़ामणि रस मूत्र संबंधी समस्याओं को ठीक करने में बहुत गुणकारी होता है, मूत्र रोगों से छुटकारा पाने के लिए कामचूड़ामणि रस का सेवन करना लाभदायक है। इसके अलावा कामचूड़ामणि रस का इस्तेमाल शोथ यानि सूजन की समस्या को दूर करने में भी कारगर होता है। शरीर में होने वाली सूजन को खत्म करने के लिए कामचूड़ामणि रस का सेवन करना चाहिए।
  • कामचूड़ामणि रस उन समस्याओं के लिए भी लाभदायक होता है, जब पेशाब के आगे या पीछे धातु स्राव होता है व मल विसर्जित करते समय वीर्य निकलने की समस्या हो। इस समस्या को दूर करने के लिए गिलोय, गोखरू, आंवले में थोड़ा मिश्री मिलाकर इसका काढ़ा बनाकर काढ़े के साथ कामचूड़ामणि रस का सेवन करने से लाभ होता है।

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  • कामचूड़ामणि रस से नपुंसकता और अन्य यौन व्याधि के रोगों को दूर किया जा सकता है, नपुंसकता अन्य व्याधि के रोगों को ठीक करने के लिए कामचूड़ामणि रस के साथ 1-1 चम्मच शतावरी घृत का सेवन भी करें यह बेहद लाभदायक होता है। इसके अलावा कामचूड़ामणि रस के साथ च्यवनप्राश का सेवन करना भी लाभदायक होता है।
  • कामचूड़ामणि रस पुरुषों के अलावा स्त्रियों के लिए भी फायदेमंद होता है, कामचूड़ामणि रस में रसायन गुण मौजूद होते हैं जो पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में होने वाली यौन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाते में मदद करते हैं। स्त्रियों के रज को शुद्ध और सशक्त बनाने के लिए कामचूड़ामणि रस का सेवन करना लाभदायक होता है।
  • कामचूड़ामणि रस सुजाक के रोगियों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है, सुजाक रोग के दौरान रक्त अशुद्ध हो जाने के साथ वीर्य पतला और उष्ण हो जाता है जिसकी वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है। सुजाक रोग की समस्याओं को दूर करने के लिए नियमित रूप से कामचूड़ामणि रस का सेवन करें इससे यह समस्या खत्म हो जाती है।
  • कामचूड़ामणि रस महिलाओं में युवावस्था के दौरान होने वाले परिवर्तनों में कमी होने की समस्या को ठीक  किया जा सकता है। कामचूड़ामणि रस का नियमित रूप से सेवन करने से बीजशय, गर्भाशय और स्तनों से संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

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कामचूड़ामणि रस के नुकसान ( Harms of Kamchudamani ras in hindi)

  • कामचूड़ामणि रस का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से सही समय और सही खुराक लेना जरुरी होता है।
  • आवश्यकता से अधिक कामचूड़ामणि रस का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, इसके अधिक सेवन से कपकपी, चक्कर आदि की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • कामचूड़ामणि रस के सेवन के दौरान अधिक मसालेदार, खट्टे और तले भुने व्यंजनों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • कामचूड़ामणि रस बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक होता है।

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