तुलसी के फायदे और नुकसान – Basil (Tulsi)

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तुलसी के फायदे और नुकसान - Basil (Tulsi)

तुलसी के फायदे और नुकसान ( Tulsi ke fayde aur nuksan ) : तुलसी के फायदे और नुकसान कई हैं, तुलसी एक पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेद में एक बहुत महत्वपूर्ण औषधि के रूप में किया जाता है। तुलसी में ऐसे बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। Benefits and harms of Basil in hindi.

तुलसी के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Tulsi in hindi)

तुलसी को हिन्दू धर्म में एक पवित्र पौधें के रूप में पूजा जाता है और इसे लगभग सभी घरों के आंगन में लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।

तुलसी की खेती

भारत में तुलसी की खेती बहुत बड़े पैमाने में की जाती है जिसमें उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूं, मुरादाबाद व सीतापुर जैसे कई जिलों में इसकी खेती की जाती है। बिहार के मुंगेर जिला में भी बड़े पैमाने में तुलसी की खेती की जाती है। इसके अलावा तुलसी की खेती उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी की जाती है।

तुलसी के अन्य भाषाओं में नाम

तुलसी को हिंदी में तुलसी व वृंदा और अंग्रेजी में बेसिल (Basil) कहा जाता है। इसके अलावा तुलसी को तमिल में तुलशी, संस्कृत में तुलसी, सुरसा, देवदुन्दुभि व सुलभा, तेलुगु में गग्गेर चेट्टु, कन्नड़ में एरेड तुलसी, गुजराती में तुलसी, नेपाली में तुलसी, मराठी में तुलस व मलयालम कृष्ण तुलसी कहा जाता है। Benefits and side effects of Basil in hindi.

तुलसी के फायदे (Benefits of Basil in hindi)

तुलसी का उपयोग गले से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है, तुलसी के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर इसका कुल्ला करने से गले में होने वाले सामान्य दर्द या सर्दी-जुकाम से राहत मिलती है। इसके अलावा तुलसी के रस के पानी में हल्दी व सेंधा नमक मिलाकर इसका कुल्ला करने से मुँह, दांत व गले से संबंधित रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। खांसी, कुक्कुर खांसी, सास से संबंधित समस्या व गले में होने वाली खराश के लिए तुलसी से बने शर्बत को आधी से डेढ़ चम्मच बच्चों को और दो से चार चम्मच बड़ों को देने से इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

तुलसी आँखों के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होती है यह आँखों से संबंधित रोगों को ठीक करने में मदद करती है। रतौंधी रोग को ठीक करने में तुलसी बहुत ही फायदेमंद होती है, तुलसी के 2 से 3 पत्तियों का रस निकालकर आँखों में डालने से आँखों की रोशनी बढ़ती है और रतौंधी रोग की समस्या दूर होने लगती है। इसके अलावा तुलसी का सेवन सिरदर्द से आराम दिलाने के लिए भी किया जाता है, तुलसी के तेल की कुछ बूंदों को नाक में डालने से बार-बार होने वाले सिरदर्द से राहत मिलती है।

तुलसी का सेवन करना दिमाग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है, रोजाना तुलसी की 4 से 5 पत्तियों को पानी के साथ निगलकर खाने से यह दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने व दिमाग को तेज बनाने में मदद करती है। इसके अलावा तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करती है, 20 ग्राम तुलसी चूर्ण व 40 ग्राम मिश्री को साथ में मिलाकर पीस लें। सर्दियों में इस मिश्रण की लगभग 1 ग्राम मात्रा का हर रोज सेवन करने से शारीरिक कमजोरी को दूर किया जा सकता है। वात एवं कफ की समस्या से छुटकारा पाने के लिए 5 से 10 मिली कृष्ण तुलसी के पत्तों के रस से साथ इससे दुगनी मात्रा में गाय के गुनगुने घी के साथ मिलाकर रोजाना सेवन करने से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।

जानें तुलसी और शहद के फायदे

तुलसी का सेवन मलेरिया व टाइफाइड की समस्या को ठीक करने में भी मदद करता है। तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर तीनों समय इसका सेवन करने से मलेरिया की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा 20 तुलसी दल और 10 काली मिर्च के दानों को मिलाकर इसका काढ़ा बनाने के बाद तीनों समय (सुबह, दोपहर और शाम) इसका सेवन करने से टाइफाइड में आने वाले बुखार से राहत मिलती है।

तुलसी का सेवन मासिक धर्म में होने वाली समस्या को दूर करने के लिए भी किया जाता है। तुलसी के बीज का नियमित रूप से सेवन करने से यह वात की समस्या को दूर करता है और मासिक धर्म के दौरान हो रहे दर्द, मासिक धर्म की अनियमतता व मासिक धर्म के दौरान आने वाली कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा प्रसव के बाद होने वाले दर्द को भी तुलसी के सेवन से कम किया जा सकता है। तुलसी के पत्तों में पुराने गुड़ व खाड़ को मिलाएं और इस मिश्रण को प्रसव के तुरंत बाद पिलाएं इससे दर्द के साथ कमजोरी भी दूर होती है।

जानें पतंजलि तुलसी घनवटी के फायदे

तुलसी से त्वचा संबंधी रोगों को ठीक किया जा सकता है, 10 से 20 तुलसी के पत्तों के रस को रोजाना सुबह पीने से कुष्ठ रोग को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा त्वचा में होने सफ़ेद दाग की समस्या को भी तुलसी से ठीक किया जा सकता है। तुलसी के पत्तों का रस, नींबू रस और कंसौदी के पत्तों के रस तीनों की समान मात्रा लेकर एक तांबे के बर्तन में डालकर 24 घंटो की धूप में रख लें। उसके बाद इस गाढ़े लेप को त्वचा पर लगाने से सफ़ेद दाग से छुटकारा मिल जाएगा।

तुलसी के बीज व जीरे का चूर्ण में थोड़ा मिश्री मिलाकर इस चूर्ण को सुबह- शाम दूध के साथ सेवन करने से मूत्र में होने वाली जलन से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा 2 से 3 ग्राम तुलसी के पत्तों को पीसकर छाछ के साथ मिलाकर पीने से पीलिया में राहत मिलती है। तुलसी के पत्तों के काढ़े का सेवन करने से भी पीलिया की समस्या को ठीक किया जा सकता है।

तुलसी का सेवन करने से यह अपच की समस्या को ठीक करता है, 2 ग्राम मंजरी को पीसकर काले नमक के साथ दिन में 2 से 3 बार सेवन करने से अपच की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा डायरिया और पेट में उठने वाले मरोड़ को भी तुलसी के सेवन से ठीक किया जा सकता है, तुलसी की कुछ पत्तियां व जीरे को पीसकर इस मिश्रण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से डायरिया की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

जानें डाबर तुलसी ड्रॉप्स के फायदे – इम्युनिटी बूस्टर

तुलसी का सेवन करने से यह जटिल से जटिल बुखार को ठीक करने में मदद करता है। 6 से 7 तुलसी के पत्ते और 5-6 लौंग लेकर एक गिलास पानी में मिलाकर तब तक पकाए जब तक यह आधा न हो जाए। उसके बाद इस मिश्रण में थोड़े से सेंधानमक मिलाकर इसका गर्म-गर्म सेवन करें। काढ़े का सेवन करने के बाद बिस्तर ओढकर सो जाएं और पसीना बहने दें ऐसा करने से बुखार तुरंत ही टूट जाएगा इसके साथ ही सर्दी जुकाम व खांसी की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

तुलसी में ऐसे गुण भी पाए जाते हैं जो दाद-खाज, खुजली व जले-कटे के घावों को भरने में मदद करता है इसीलिए इस प्रकार की समस्या होने पर तुलसी के अर्क का सेवन करें। तुलसी रक्तशोधक का कार्य करती है इसीलिए तुलसी के अर्क का सेवन करने से यह रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है जिससे त्वचा संबंधी समस्या नहीं होती है और त्वचा चमकने लगती है।

तुलसी की कुछ पत्तियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन करने से पथरी बहार निकलने व पथरी में होने वाली समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा तुलसी के बीज का चूर्ण या उसके मूल का चूर्ण में गुड़ को समान मात्रा में मिलाकर इसका सेवन करने से नपुंसकता की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा सांप के काटने पर भी तुलसी का सेवन किया जाता है, तुलसी के पत्तों का रस पिलाने से या तुलसी की मंजरी व जड़ो को पीसकर सांप के काटे हुए भाग पर लगाने से राहत मिलती है और यदि रोगी बेहोश हो गया है तो इसके रस को नाक में डालते रहना चाहिए इससे सर्प के काटे हुए भाग में दर्द से राहत मिलती है।

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तुलसी के नुकसान (Losses of Basil)

  • तुलसी का सेवन करना उस समय रोक दें जब आप किसी प्रकार की सर्जरी करा रहे हों इसके अलावा किसी विशेष रोग में यदि तुलसी का सेवन करना चाहते है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • तुलसी के सेवन से रक्त में शक़्कर की मात्रा में कमी होती है इसीलिए यदि कोई व्यक्ति ब्लड शुगर लेवल कम करने वाली दवाईयों का सेवन कर रहा है तो वे तुलसी का आवश्यकता से अधिक सेवन करने से बचे।
  • तुलसी की तासीर गर्म होती है इसीलिए इसका आवश्यकता से अधिक सेवन करने से पेट में जलन, शरीर में अधिक पसीने जैसी कई समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसीलिए इसका आवश्यकता से अधिक सेवन करने से यह शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है।
  • तुलसी की तासीर गर्म होती है और यदि आप पुरुष है व आपका एंटी-इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट चल रहा है तो तुलसी के सेवन से बचे क्योंकि यह ऐसे पुरुषों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके अलावा गर्भावस्था में भी तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए और यदि करना भी चाहती है तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।

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