सारस्वतारिष्ट के फायदे – Benefits of Saraswatarishta

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सारस्वतारिष्ट के फायदे - Benefits of Saraswatarishta

सारस्वतारिष्ट के फायदे ( saraswatarishta ke fayde ) : सारस्वतारिष्ट के फायदे कई होते हैं, सारस्वतारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे कई प्राकृतिक घटकों से मिलाकर बनाया जाता है। सारस्वतारिष्ट मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। सारस्वतारिष्ट को कई घटकों को मिलाकर एक सिरप के रूप में बनाया जाता है जो बुद्धि के विकास, बल एवं शक्ति के विकास को बढ़ाने में मदद करता है।

सारस्वतारिष्ट में पाए जाने वाले औषधीय गुण

सारस्वतारिष्ट में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-डिप्रेसिव, एंटी-स्ट्रेस, एंटी-एजिंग, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-डोपामिनर्जिक प्रभाव, अडाप्टोजेनिक, एंटीनोप्लास्टिक – ट्यूमर के विकास को रोकता में मदद करता है, न्यूरो सुरक्षात्मक, विरोधी पागलपन, एनक्जिलियोटिक या विरोधी चिंता, निरोधी, एनाल्जेसिक, इम्यूनो-उत्तेजक, संभावित संज्ञानात्मक बढ़ाने, कार्डियोप्रोटेक्टीव और कार्डियोटोनिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव- यकृत को नुकसान रोकने में मदद करता है, जैसे बहुत से औषधीय गुण पाए जाते है।

सारस्वतारिष्ट के घटक एवं उनकी मात्रा

  1. ब्राह्मी – 800 ग्राम
  2. शतावरी – 200 ग्राम
  3. विदारीकंद – 200 ग्राम
  4. हरड़ – 200 ग्राम
  5. नेत्रवाला – 200 ग्राम
  6. अदरक – 200 ग्राम
  7. सौंफ – 200 ग्राम
  8. धाय के फूल – 200 ग्राम
  9. रेणुका बीज – 100 ग्राम
  10. पीपल – 100 ग्राम
  11. बच – 100 ग्राम
  12. अश्वगंधा – 100 ग्राम
  13. गिलोय – 100 ग्राम
  14. वायविडंग – 100 ग्राम
  15. निसोत – 100 ग्राम
  16. लौंग – 100 ग्राम
  17. कूट – 100 ग्राम
  18. बहेड़ा – 100 ग्राम
  19. इलायची – 100 ग्राम
  20. दालचीनी – 100 ग्राम
  21. स्वर्णलवण – 100 ग्राम

सारस्वतारिष्ट बनाने की विधि

सबसे पहले ऊपर दी गयी सभी सामग्रियों को ले लें। अब ब्राह्मी, शतावरी, विदारीकंद, हरड़, नेत्रवाला, अदरक, सौंफ इन सभी घटकों को मोटा मोटा कूटकर लगभग दस लीटर पानी में मिलाए। अब इस पानी का काढ़ा तैयार करने के लिए इसे तब तक पकाए जब तक पानी ढाई लीटर तक न रह जाए। काढ़े को अच्छी तरह ठंडा हो जाने दें और उसके बाद उसमे शहद 400 ग्राम व शक्कर 1 किलो मिला लें। अब 200 ग्राम धाय के फूल, 100-100 ग्राम रेणुक बीज, पीपल, बच, असगन्ध, गिलोय, वायविडंग, निसोत, लौंग, कूट, बहेड़ा, इलायची, दालचीनी और स्वर्णलवण इन सभी को काढ़े की मिश्रण में अच्छी तरह मिला लें और मुखमुद्रा में बंद करके लगभग एक महीने तक रखे। समय पूरा हो जाने के बाद इसे अच्छी तरह छानकर एक कांच की शीशी में भर लें और इस्तेमाल करें। सारस्वतारिष्ट की शीशी को शांत, सूखी एवं सामान्य तापमान वाली जगह पर रखें।

सारस्वतारिष्ट के फायदे (Benefits of Saraswatarishta in hindi)

  • सारस्वतारिष्ट तनाव एवं अवसाद की समस्या को ठीक करने में बेहद फायदेमंद होता है। सारस्वतारिष्ट में बहुत से पोषक तत्व एवं औषधीय गुण मौजूद होते है जो मन को शांत व चित्त को खुश करके तनाव और अवसाद को दूर करने में मदद करते है। तनाव और अवसाद की समस्या से घिरे लोगों के लिए सारस्वतारिष्ट का सेवन करना बेहद लाभकारी माना जाता है।
  • सारस्वतारिष्ट का सेवन करने से यह अनिद्रा की समस्या को ठीक करने में मदद करता है। सारस्वतारिष्ट में मौजूद औषधीय गुण नींद की गुणवत्ता में सुधार करके अच्छी नींद लाने में मदद करती है। अनिद्रा की समस्या होने पर नियमित रूप से सारस्वतारिष्ट का सेवन करें इससे बेहद अच्छे परिणाम नजर आएंगे।
  • सारस्वतारिष्ट के सेवन से यह बुद्धि के विकास में बेहद मददगार होती है। सारस्वतारिष्ट में मौजूद ब्राह्मी मस्तिष्क के लिए बेहद लाभकारी होती है यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि करके स्मृति और याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है।
  • सारस्वतारिष्ट हृदय के लिए बेहद फायदेमंद होता है। हृदय संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से सारस्वतारिष्ट का सेवन करें क्योंकि इसमें ऐसे बहुत औषधीय गुण मौजूद होते है जो ह्रदय की कार्यक्षमता और उसकी गति को नियंत्रित करने में मदद करते है। ह्रदय संबंधी कई रोगों से सुरक्षित रहने के लिए सारस्वतारिष्ट का सेवन करना लाभकारी होता है।
  • सारस्वतारिष्ट का सेवन करना यौन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। पुरुषों एवं महिलाओं में यौन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए सारस्वतारिष्ट का सेवन करना लाभदायक होता है क्योंकि सारस्वतारिष्ट में मौजूद औषधीय गुण शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। स्त्रियों में रजोनिवृत्ति की समस्या को कम करने के लिए भी सारस्वतारिष्ट का सेवन करना फायदेमंद होता है।
  • सारस्वतारिष्ट हकलाने की समस्या को ठीक करने में बेहद लाभकारी होता है। हकलाने की समस्या को ठीक करने के लिए लगभग 6 महीने से अधिक समय तक सारस्वतारिष्ट का सेवन करें इससे हकलाने की समस्या में सुधार आता है।
  • सारस्वतारिष्ट बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। बच्चों की बुद्धि को तेज करने और उनके मानसिक विकास के लिए बच्चों को सारस्वतारिष्ट की उचित खुराख देना बेहद लाभकारी माना जाता है। सारस्वतारिष्ट में कई औषधीय गुण मौजूद होते है जो बच्चों में मानसिक विकास को बढ़ाने के लिए एक बुद्धि वर्धक का कार्य करता है।

सारस्वतारिष्ट का सेवन का सही तरीका

सारस्वतारिष्ट 5 साल से ऊपर को बच्चों को 1.5-6 मिली और वयस्कों को 3 से 12 मिली या अधिकतम 24 मिली देने की सलाह दी जाती है। सारस्वतारिष्ट का सेवन भोजन के बाद उचित मात्रा में पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है।

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सारस्वतारिष्ट के नुकसान (Harms of Saraswatarishta in hindi)

  1. सारस्वतारिष्ट का आवश्यकता से अधिक सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। कई व्यक्तियों को सारस्वतारिष्ट के सेवन से सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
  2. गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सारस्वतारिष्ट का सेवन नहीं करना चाहिए यह इनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  3. मधुमेह के रोगियों को सारस्वतारिष्ट का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
  4. किसी विशेष रोग या एलर्जी के इलाज दौरान सारस्वतारिष्ट का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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